अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
कोतवाली सेक्टर-113 पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश कर गैंग के मास्टर माइंड के समेत इस गिरोह के छह शातिर चोरों को एफएनजी रोड पर भारत अस्पताल के पास सर्विस रोड से गिरफ्तार किया है। इनके पास से चोरी की 10 लग्जरी कार बरामद हुए हैं। ये लोग चोरी के वाहनों को यूपी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से लेकर देश के कई राज्यों में फर्जी दस्तावेज बना बेच देते थे। बरामद वाहनों में नोएडा के सेक्टर 122 से चोरी गई फॉर्च्यूनर गाड़ी भी शामिल है। पुलिस की गिरफ्त में खडे वाहन चोरों के गिरोह का मास्टर माइंड सोनू समेत खलील, मोनू कुमार, राजेश कक्कड़, अली शेर उर्फ इमरान और प्रमोद शामिल है.
नोएडा के डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि आठवीं पास सोनू वाहनों के इलेक्ट्रॉनिक लॉक को हैक करने में एक्सपर्ट है,ये गिरोह ईसीएम(इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट) मशीन को री-प्रोग्राम कर नई कोड जनरेट कर डुप्लीकेट चाबी से लग्जरी वाहनों की चोरी करता था. वारदात को अंजाम देने में 5-10 मिनट का समय लगता है। यह गिरोह वाहन चोरी करने के बाद चोरी किए गए वाहनों की नंबर प्लेट आदि हटा देते है तथा गाडी को 2-3 दिनो के लिए किसी सुरक्षित स्थान पार्किंग अथवा सुनसान स्थान पर खडा कर देते थे.डीसीपी, नोएडा ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि चोरी की गई गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज और नंबर प्लेट आदि तैयार होने के बाद गाड़ी को लेकर बेचने के लिए जाते है चूंकि गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट के प्रपत्र होते है तथा गाड़ी को ठीक करने के उपकरण भी अपने साथ रखते है, इसके अतिरिक्त जब चोरी का वाहन लेकर निकलते है तो आगे-आगे इनके सदस्य चलते रहते है जो पुलिस चेकिंग आदि के संबंध में इनको व्हाट्सएप से सूचना दे देते है तथा अचानक पुलिस आने पर गाड़ी खराब होने के बहाना बनाकर गाडी के नीचे लेटकर गाडी को ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते है। ये लोग कुछ दिन चोरी किए गए वाहन को अपने पास रखकर, मौका पाकर वाहनों को अलग-अलग प्रदेशो में बेच देते है चोरी किए गए वाहनों के खरीददार पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, चेन्नई और नॉर्थ-ईस्ट आदि प्रदेशों के होते है। इस गिरोह ने 200 से अधिक चार पहिया वाहनों की चोरी की है और चोरी के वाहनों को यूपी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से लेकर देश के कई राज्यों में बेचा है, जिनकी तलाश की जा रही है।
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