अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: एनआईटी डीसीपी डा. अर्पित जैन को मंगलवार की शाम एक शख्स के द्वारा मिठाई के डब्बे में नोटों का बंडल भर रिश्वत देने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया हैं। रीडर सतीश की शिकायत पर एनआईटी थाने में आरोपी शख्स के खिलाफ भ्र्ष्टाचार फ़ैलाने का मुकदमा दर्ज किया हैं। इस केस की आगे की जांच एसीपी गजेंद्र सिंह कर रहे हैं। देर शाम आरोपी शख्स को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे अदालत ने नीमका जेल भेज दिया। गिरफ्तार किए गए आरोपी शख्स का नाम चंद्र प्रकाश धींगड़ा, निवासी एनआईटी फरीदाबाद हैं। मिठाई के डब्बे में नगद 20000 रूपए रखे हुए थे।
पुलिस के मुताबिक एनआईटी डीसीपी डा. अर्पित जैन कल मंगलवार की शाम एनआईटी स्थित अपने कार्यालय में मौजूद थे। उस दौरान उनके साथ रीडर व सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार व कम्प्लेंड क्लर्क व एएसआई कृष्ण कुमार डाक निकलवा रहे थे। इस दौरान एनआईटी निवासी तक़रीबन 60 -65 वर्षीय चंद्र प्रकाश धींगड़ा अपने हाथ में मिठाई के दो डब्बे लेकर कार्यालय के गेट पर पहुंचा और अंदर जाने लगा पर गेट पर खड़े एसपीओ व गनमेन ने उसे अंदर जाने से रोका पर वह नहीं माना और ऑफिस के अंदर डीसीपी डा. अर्पित जैन के नजदीक पहुंच गया। आरोपी चंद्र प्रकाश धींगड़ा ने उन्हें कहने लगा कि वह हाईकोर्ट से केस जीत गया हैं। इस के ख़ुशी में यह मिठाई का डब्बा आपके लिए आया और उसे आपकी मदद की जरुरत आगे पड़ेगी और यह मिठाई का डब्बा यहां मत खोलना। अपने घर जाकर इस मिठाई के डब्बे को खोलना। इस बात से एनआईटी डीसीपी डा. अर्पित जैन को उस पर शक हुआ की आखिर इस डब्बे में ऐसा क्या हैं जिससे खोलने से यह शख्स मना कर रहा हैं।
उसी के सामने नजदीक खड़े हुए रीडर सतीश से मिठाई के दोनों डब्बे खोलने के लिए कहा। ऑफिस के टेबल पर जब दोनों मिठाई के डब्बों को खोला गया तो देखा की एक डब्बे में मिठाई भरा हुआ हैं और दूसरे डब्बे में नोट के बंडल रखे हुए हैं जिसकी गिनती करने पर कुल 20000 रूपए निकला। पुलिस की माने तो आरोपी शख्स को डीसीपी डा. अर्पित जैन के आदेश पर वहीँ पर हिरासत में ले लिया गया और एनआईटी थाने की पुलिस को बुला कर उसके हवाले कर दिया गया। इसके बाद डीसीपी डा. अर्पित जैन के रीडर व सब इंस्पेक्टर सतीश की शिकायत पर आरोपी चंद्र प्रकाश धींगड़ा के खिलाफ भ्र्ष्टाचार फ़ैलाने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार शाम को आरोपी चंद्र प्रकाश धींगड़ा को अदालत में पेश किया गया जहां से अदालत ने उसे नीमका जेल भेज दिया। पुलिस को जांच के दौरान पता चला की प्रॉपर्टी का कोई मुकदमा हाईकोर्ट में इसका चल रहा था जोकि आरोपी चंद्र प्रकाश धींगड़ा जीत गया था। इसी मसले पर पुलिस से मदद रिश्वत देकर लेना चाहता था।