अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
जिस रफ्तार से नोएडा और एनसीआर सहित पूरे देश में कोरोना संक्रमण फैल रहा है, ठीक उसी स्पीड से रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कमी हो रही है। रेमेडिसिविर इंजेक्शन के लिए कोरोना मरीजों में मारामारी मची है। बाजार में इंजेक्शन मिल नहीं रहे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है, लेकिन देश में अभी भी इस पर कोई लगाम नहीं है।
इस बात का फायदा उठा कर लोग ने रेमेडिसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी है। नोएडा की कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने रेमदेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जो जरूरतमंद लोगों 15 से 40 हज़ार के बीच में यह इंजेक्शन बेच रहा था। पुलिस ने उसके पास से 105 वायल्स रेमदेसीविर इंजेक्शन सेंट्रो कार और 1 लाख 54 हज़ार नगद रुपये बरामद किए है।
पुलिस नि गिरफ्त में खड़ा आरोपी रचित घई को एक सूचना पर कोतवाली 20 पुलिस कि टीम ने डीपीएस पब्लिक स्कूल सेक्टर- 29 के पास से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी क्राइम अभिषेक सिंह ने बताया कि जो नोएडा में रहकर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। वह जरूरतमंद लोगों से 15 से 40 हज़ार के बीच में यह इंजेक्शन बेच रहा था। पुलिस ने उसके पास से 105 वायल्स रेमदेसीविर इंजेक्शन (भारतीय 100 वायल्स, बांग्लादेशी 5 वायल्स), सेंट्रो कार और 1 लाख 54 हज़ार नगद रुपये बरामद किए है। यह रेमदेसीविर इंजेक्शन आरोपी दिल्ली और चंडीगढ़ से लाया था । पुलिस दवा के स्रोत की जानकारी हासिल कर रही है।
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