अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: पलवल जिला में खाद्य पदार्थ की मांग के गलत दावे करने पर दो के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। नगराधीश जितेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि धौलागढ़ निवासी अमर सिंह व पंचवटी कॉलोनी निवासी अनिल कुमार द्वारा घर में खाद्य सामग्री की कमी बताते हुए राशन की कमी मांग की गई थी। जिसके चलते प्रशासन व स्वयंसेवी संग़ठन की टीम जब इनके घरों में राशन लेकर पहुंचे तो दोनों जगह उचित मात्रा में राशन पहले से ही मिला। लॉकडाउन के दौरान गलत दावा करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 का उल्लंघन होता है। ऐसे में दोनों व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए रिपोर्टिंग अधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की है।
उल्लेखनीय है कि लॉक डाउन के दौरान सरकार की हिदायतानुसार जिन घरों में राशन नहीं है उन्हें राशन उपलब्ध करवाने की मुहिम चलाई हुई है। इस मुहिम के तहत धौलागढ के वार्ड नंबर-10 की फूल विहार कॉलोनी निवासी अमर सिंह ने कंट्रोल रूम में फोन करके बताया कि उसके घर में राशन उपलब्ध नहीं है। इस निर्धारित क्षेत्र के लिए नियुक्त किए गए खंड शिक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इस क्षेत्र में लगाए गए एनजीओ कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार को अमर सिंह के घर राशन पहुंचाने के लिए भेजा। अमर सिंह के घर पहुंचने पर एनजीओ कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार ने पाया कि अमर सिंह के घर में पहले से ही काफी मात्रा में आटा व दूसरी अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध थी,जिसकी एनजीओ कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार ने फोटोग्राफी की। वहीं दूसरा मामला पंचवटी कॉलोनी निवासी अनिल कुमार का है। अनिल कुमार ने भी राशन की मांग करते हुए प्रशासन को सूचित किया था। जनस्वास्थ्य विभाग के उपमंडल अभियंता की टीम ने मांग पर रिस्पांड किया और एनजीओ कार्यकर्ता अमन शर्मा अनिल के पास राशन लेकर पहुंचा तो पहले से ही घर मे राशन उचित मात्रा में उपलब्ध मिला। ऐसी गंभीर हालात में दोनों ने ऐसा करके आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 52 के तहत झूठा दावा करने पर अमर सिंह व अनिल कुमारको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पार्षद व सरपंच को करना होगा सत्यापन
कोरोना रिलिफ के द्वारा घर पर खाने की सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए पार्षद व सरपंच अपने-अपने सबंधित क्षेत्रों के लोगों की खाद्य सामग्री संबंधी मांग के कागजात स्वयं सत्यापन करके देंवे। संबंधित पार्षद व सरपंच केवल पात्र व जरूरतमंद व्यक्तियों के ही आवेदन प्राप्त करें। झूठा दावा करने पर संबंधित के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 52 के तहत कानूनी कार्रवाही की जाएगी।लॉकडाउन में झूठे दावे करने पर सजा का प्रावधान नगराधीश जितेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, राष्ट्रीय प्राधिकरण व राज्य के किसी भी अधिकारी या जिला प्राधिकारी से लॉक डाउन के दौरान राहत, सहायता, मरम्मत, पुनर्निर्माण या अन्य लाभ प्राप्त करने के लिए जो कोई जानबूझकर ऐसे झूठे दावे करता है जोकि पात्र नहीं है या दावा करने का कारण बनता है। ऐसे व्यक्तियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें जुर्माना व इसके साथ-साथ दो साल तक का कारावास की सजा भी हो सकती है।