अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा : सेक्टर= 30 स्थित डिस्टिक हॉस्पिटल में उस समय सनसनी फैल गई, जब पेट दर्द का इलाज कराने आई एक युवती ने अस्पताल के शौचालय में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया. बच्चे की रोने की आवाज सुनकर वार्ड में तैनात महिला सुरक्षा गार्ड और स्वास्थ्यकर्मी शौचालय में पहुंचे और बच्चे और छात्रा को अस्पताल में भर्ती करा दिया. जच्चा और बच्चा के हालत में सुधार होने के बाद दोनों को डिस्चार्ज कर दिया।
डिस्टिक हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ विनीता अग्रवाल ने बताया कि गत 30 मई को तीन बजे के करीब एक युवती अपनी मां और भाई के साथ अस्पताल पेट में दर्द की शिकायत को लेकर आई थी. उसे जांच के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास भेजा गया। इसी दौरान युवती की पीड़ा बढ़ गई तो उसके परिजन उसे शौचालय में ले गए जहां उसने प्रसव पीड़ा के बाद एक लड़के को जन्म दिया. युवती और उसके परिजनों ने यह बात छुपाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे की रोने की आवाज आने की बाद बगल के ओपीडी वार्ड में तैनात महिला सुरक्षा गार्ड और स्वास्थ्यकर्मी आनन-फानन शौचालय में पहुंचे और मां और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने दोनों का इलाज शुरू कर दिया और हालत में सुधार होने के बाद दोनों को डिस्चार्ज कर दिया.
सीएमएस डॉ विनीता अग्रवाल ने बताया की डिलीवरी के बाद युवती को अस्पताल में ही भर्ती कराया गया लेकिन युवती और उसके परिवार वाले अपना सही पता देने से इंकार करते रहे. जब कड़ाई से उनसे पूछताछ की गई तो युवती का आधार कार्ड दिखा कर पते की जानकारी दी. सीएमएस डॉक्टर विनीता का कहना था कि इसकी सूचना सेक्टर- 20 कोतवाली पुलिस को दे दी गई थी. लेकिन कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई सूचना अब तक नहीं मिली है अगर सूचना मिलेगी तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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