अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन आज सिंघु बॉर्डर पहुंचे और कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए पंजाब व हरियाणा से आए हुए किसानों से मुलाकात की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने किसानों के लिए किए गए बुनियादी जरूरतों के इंतजामों का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने सत्ताधारी केंद्र की भाजपा सरकार से परेशान किसानों को आश्वासन दिया है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार उनकी हर तरह से सहायता करेगी और उनके आंदोलन में दिल्ली सरकार का पूरा सहयोग है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से पीने के पानी, खाना और मोबाइल शौचालय की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि किसानों की परेशानी कम करने के लिए दैनिक आवश्यकता वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। साथ ही स्वास्थ्य आपदा को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर्स की टीम और एंबुलेंस का विशेष प्रबंध किया गया है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने में आसानी हो।
स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार हर वह प्रयास कर रही है, जिससे किसानों को सुविधा मिल सके और उन्हें अपने इस आंदोलन को जारी रखने में कम से कम तकलीफ हो। उन्होंने बताया कि हमारे किसान भाई जो अपने घर परिवार से 400-500 किलोमीटर दूर, कड़ाके की ठंड में अपनी तकलीफ बताने के लिए यहां तक आए हैं, वे यहां धरने पर बैठकर बहुत खुश नहीं है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि यह बीजेपी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मिलीभगत है। वह दोनों मिलकर किसान भाइयों को परेशान कर रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास इन कानूनों को रोकने के लिए कई बार मौके आए थे, लेकिन उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया, जबकि वे कमेटी के सदस्य भी थे। कैप्टन ने भाजपा की केंद्र सरकार के साथ मिलकर यह कानून बनाया है। सतेंद्र जैन ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह चुपचाप दिल्ली आए और अमित शाह से मिलकर चले गए। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री हो या देश के गृहमंत्री, किसानों की सामस्याओं को लेकर उनके बीच जो भी बात होती है, उसे किसानों के सामने रखनी चाहिए थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर कैप्टन जी किसानों के हितैषी होते तो, वे सिर्फ अमित शाह से मिलकर वापस नहीं चले जाते, बल्कि यहां किसानों के साथ धरना स्थल पर आ कर उनकी बात सुनते। श्री जैन ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस तरह से किसानों से बिना मिले चले जाना, उनकी मंशा को बताता है कि वह किसानों के साथ नहीं हैं और इससे यह साफ हो जाता है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन और बीजेपी आपस में मिले हुए हैं।
सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली और दिल्ली के लोगों को किसानों और किसान के इस आंदोलन से कोई दिक्कत नहीं है। मंत्री ने कहा कि जो लोग दिक्कत होने की बात कर रहे हैं, उनको सोचना चाहिए कि हमारे किसान भाई अपने घर, खेत- खलिहान छोड़ कर 500 किलोमीटर दूर यहां आए हैं और इस ठंड में सिर पर बिना छत के बैठे हुए हैं। यहां आए सभी किसान हमारे मेहमान हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से किसानों को मुहैया कराई जा रही सुविधा के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने धरना स्थल पर किसानों के लिए 300 से ज्यादा टॉयलेट की व्यवस्था की है। साथ ही, 40 से ज्यादा पानी के टैंकर अभी भी यहां पर हैं। उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि यहां पर फायर और वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था बढ़ाई जा सके, जिससे लोगों को और सुविधा मिले। बीजेपी और पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल पर राजनीति करने के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सकारात्मक राजनीति सभी को करनी चाहिए। अगर किसानों के साथ खड़े होने का मतलब राजनीति है तो ऐसी राजनीति सभी को करनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती तो इस समस्या को तुरंत दूर कर सकती थी, लेकिन वह चर्चा के बहाने तारीख पर तारीख दे रहे हैं। किसान भाई सिर्फ अपने हक के लिए कुछ बातें रख रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार उनकी बात को नहीं मान रही है। हमें समझ नहीं आ रहा कि अगर यह बिल किसान के हक के लिए अच्छा है और अगर यह बिल खुद किसान नहीं चाहते हैं, तो उनके हिसाब से उस बिल में बदलाव करने में सरकार को क्या दिक्कत आ रही है? जब मंत्री से यह सवाल पूछा गया कि 7 से 8 दिन हो गए और अभी तक कोई विशेष समाधान नहीं मिला है, इस पर उन्होंने कहा कि यह सब केंद्र सरकार की चालाकियां है। भाजपा की केंद्र सरकार किसानों को परेशान करना चाहती है। केंद्र सरकार चाहती ही नहीं है कि इस बिल में कोई समझौता हो। इसलिए वे बार-बार चर्चा का बहाना बनाकर किसानों को भटका रहे हैं।