अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:‘‘आप’’ सरकार ठंड के मौसम के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के मद्देनजर सरकार ने दिल्ली के अंदर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। यह प्रतिबंध तुरंत प्रभावी होगा और 1 जनवरी, 2025 तक सारे प्रतिबंध लागू रहेंगे। वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। वायु प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार यह एक अहम प्रयास है। दरअसल, ठंड के मौसम के दौरान अक्सर हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखी जाती है। इसी के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है। क्योंकि पटाखों के उपयोग से हवा की गुणवत्ता और भी खराब होने की संभावना होती है। खासकर सर्दियों के महीनों में पड़ने वाले त्योहारों के दौरान प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध वायु प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सरकार की व्यापक पहल का हिस्सा है।पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्वविदित है कि पटाखों के इस्तेमाल से हवा की गुणवत्ता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। पटाखों के प्रतिबंध के निर्णय के पीछे हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली की हवा सांस लेने योग्य बनी रहे। यह प्रतिबंध ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पटाखों की बिक्री पर भी सख्ती से लागू होगा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में सर्दियों में दिल्ली को अत्यधिक प्रदूषण का सामना करना पड़ा है। लिहाजा, सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए। सरकार दिल्ली की जनता से प्रदूषण के खिलाफ इस सामूहिक लड़ाई में सहयोग और समर्थन की अपील करती है।वहीं, दिल्ली पुलिस को पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस को प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट डीपीसीसी को सौंपनी होगी। यह पहल दिल्ली में वायु गुणवत्ता को सुधारने की दीर्घकालीन अवधि रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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