अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़; इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में ‘परिवर्तन पदयात्रा’ आठवें दिन हथीन हलके के गांव उटावड़ से शुरू हुई। इस दौरान लोगों ने गर्मजोशी के साथ अभय सिंह चौटाला का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस इलाके ने हमेशा से ही चौधरी देवी लाल और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का साथ दिया है। चौधरी देवीलाल ने हमेशा ही किसान, कमेरे, वंचितों व पिछड़ों के अधिकारों को लेकर संघर्ष जारी रखा और जब सत्ता में रहे तो प्रत्येक वर्ग के लिए कानून बनाएं। चौधरी देवी लाल ने किसान का कर्जा माफ किया और ट्रैक्टर पर टैक्स हटाया और बुजुर्गों के लिए 100 रुपए की ‘बुढ़ापा सम्मान पैंशन’ योजना लागू की। इसके साथ ही पिछड़ों व दलितों के लिए उन्होंने चौपालों का निर्माण करवाया।
इनेलो नेता ने कहा कि इनेलो के शासनकाल में ओमप्रकाश चौटाला ने गांव-गांव में जल घर बनवाए और सड़कों का निर्माण करवाया। आज फिर से लोगों को ओमप्रकाश चौटाला का खुशहाल शासन याद आने लगा है। केंद्र उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों पर तीन काले कानून थोप दिए और किसान 13 महीनों तक गर्मी, सर्दी, बरसात के मौसम में दिल्ली के चारों और डेरा डालकर आंदोलन करते रहे। किसानों के समर्थन में बातें और दावे तो कई जनप्रतिनिधियों ने किए लेकिन किसानों के समर्थन में किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। हजारों विधायकों में वे ही इकलौते विधायक थे, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा कि आज ‘परिवार पहचान पत्र’ के नाम पर जनता को परेशान किया जा रहा है। इस योजना की आड़ में लोगों के पीले राशन कार्ड और पेंशन काटी जा रही है। जनता को सरकारी सुविधाओं व योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। यह सरकार की एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि आज नौजवान तबका सबसे अधिक हताशा का शिकार है क्योंकि नौकरियां नहीं है। हरियाणा में बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे अधिक है। इनेलो की सरकार आने पर प्रत्येक घर से एक युवा को नौकरी दी जाएगी और रोजगार से वंचित युवाओं को बेरोजगार भत्ता दिया जाएगा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस सरकार ने 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन का झूठा वादा किया और आज बुजुर्गों को मान-सम्मान दिए जाने की बजाय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। ‘परिवार पहचान पत्र’ के नाम पर 9 लाख से अधिक परिवारों के पीले राशन कार्ड काट दिए गए। आज चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकार सरकार छीनने का काम कर रही है। पहले किसानों पर तीन काले कानून थोपे गए, अब ई-टैंडरिंग के नाम पर सरपंचों के हकों पर कैंची चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इनेलो पूरी तरह से सरपंचों के हक में खड़ी है और उनकी मांगों का समर्थन करती है। सरकार को ई-टेंडरिंग का फैसला वापस लेना चाहिए।
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