Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

‘डरेंगे नहीं’ – ‘झुकेंगे नहीं’ – ‘सीना ठोंक’ कर लड़ेंगे-अभिषेक सिंघवी व रणदीप सिंह सुरजेवाला

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
अंग्रेजी हुकूमत को जड़ उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार निकाला, जिसके प्रणेता महात्मा गांधी, पंडित नेहरु, सरकार पटेल पुरुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेंद्र देव,रफ़ी अहमद किदवई व अन्य थे। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा। ‘‘आज़ादी के आंदोलन की आवाज़’’ बने इस अखबार का मूल मंत्र था – ‘‘आज़ादी खतरे में है, अपनी पूरी ताकत से इसकी रक्षा करें’’।

आज फिर उस अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा ‘आज़ादी के आंदोलन की आवाज़’ दबाने का षडयंत्र कर रही है। इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी हैं और इसे लागू करने के लिए उनका ‘‘चहेता व पालतू हथियार’’ ED है।देश को गुमराह करने के लिए आए दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति की माहिर मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। जिस मानसिकता ने अंग्रेजों का साथ दिया था, आज भी ‘गुलामी की प्रतीक’ वो मानसिकता ‘‘आज़ादी की कुर्बानियों’’ से प्रतिशोध ले रही है। इस बार उन्होंने एक ‘‘कायराना व डरपोक साजिश’’ रची है। नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री,नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी को अपनी पालतू ED से नोटिस जारी करवाया है। साफ़ है कि तानाशाह डर गया है। शासन के सभी मोर्चों पर अपनी नाकामियों को छिपाने में बुरी तरह विफ़ल होने के कारण वह छटपटा रहा है। देश को गुमराह करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ़ एक घिनौना व कायरतापूर्ण षडयंत्र रचा जा रहा है। वह जान लें कि स्वतंत्रता के आंदोलन की यह आवाज उनके चक्रव्यूह को बेध डालेगी।

तीन महत्वपूर्ण तथ्य

1.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोशिएटेड ज़र्नल्स लिमिटेड को लगभग 10 साल के अरसे में व लगभग 100 किश्तों में चेक द्वारा अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ रु. की राशि दी। इसमें से 67 करोड़ की राशि का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों के देय के भुगतान के लिए किया व बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया, भवन आदि पर खर्च किया गया। किसी राजनैतिक दल द्वारा दिया जाने वाला कर्ज न तो अपराध है और न ही गैरकानूनी है। इस बात की पुष्टि चुनाव आयोग ने भी अपने पत्र दिनांक 06 नवंबर, 2012से की है।

2. क्योंकि नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में यह कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसकी एवज़ में असोशिएटेड ज़र्नल्स लिमिटेड के शेयर ‘‘यंग इंडिया’’ को दे दिए गए, जो कि कानून में एक ‘‘नॉट फॉर प्रॉफ़िट’’ कंपनी है। यानि कि यंग इंडिया की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य, जो श्रीमती सोनिया गांधी -राहुल गांधी – स्वर्गीय मोती लाल वोहरा आदि हैं, किसी प्रकार का मुनाफ़ा, डिवीडेंड, तनख़्वाह या कोई वित्तीय फ़ायदा नहीं ले सकते। यही नहीं, मैनेजिंग कमिटी यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकती। इसका मतलब, यंग इंडिया से एक पैसे का न वित्तीय लाभ लिया जा सकता, और न ही इसके शेयर को बेचा जा सकता। कारण साफ़ है – हम नेशनल हेराल्ड, एसोशिएटेड ज़र्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की धरोहर मानते हैं।

3.साल 2013-14 में सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कर्ज देने को लेकर एक प्राईवेट कंप्लेंट अदालत में दायर की, जो आज भी विचाराधीन है। उस शिकायत को लेकर भी खूब ऊलजलूल झूठ बोला गया व दुष्प्रचार किया गया। जब वहां भी कुछ नहीं हुआ, तो अब साढ़े सात साल के बाद मोदी जी की ED द्वारा उस प्राईवेट कंप्लेंट के आधार पर केस दर्ज कर समन जारी किए गए हैं। मोदी सरकार जान ले कि इस प्रकार के फर्जी और मनगढ़ंत मामले दर्ज कर वो अपनी घिनौनी व कायराना साजिश में कामयाब नहीं हो सकते। न तो वो आज़ादी के आंदोलन की आवाज़ नेशनल हेराल्ड को बंद करवा पाएंगे, और न ही श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी को डरा पाएंगे। कांग्रेस का नेतृत्व निर्भीक, निडर व अडिग है। हम ऐसे हथकंडों से डरने वाले नहीं, झुकने वाले नहीं, बल्कि सीना ठोंक कर जोर से लड़ेंगे।

नेशनल हेराल्ड अखबार का मूल मंत्र आज भी उतना ही प्रासंगिक है।

श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी पार्टी और हर कार्यकर्ता उनके साथ कंधे से कंधा लगाकर देश के प्रजातंत्र पर बोले जा रहे इस हमले की लड़ाई हम लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।

Related posts

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: विजय संकल्प रैली में कल रविवार को, मुख्यमंत्री नायब सैनी होंगे मुख्य अतिथि

Ajit Sinha

वह इलाके में डॉन की तरह बात करता था, इसलिए उसे गोली मारकर हत्या कर दी, गिरफ्तार।

Ajit Sinha

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन पारित हुआ दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x