अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम को आज एक ही दिन में दो बड़ी सफलता मिली। करनाल एसीबी की टीम ने आज जिला करनाल के तरावड़ी में हैफेड के महाप्रबंधक प्रदीप तथा अकाउंटेंट अजय को 4 लाख 60000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया जबकि तीसरे आरोपी धर्मवीर को भी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार एक अन्य मामले में होडल पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर मनोज के खिलाफ ₹10000 की रिश्वत लेने के आरोप में फरीदाबाद एंटी करप्शन ब्यूरो पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिला करनाल के तरावड़ी में हैफेड मैनेजर प्रदीप, अकाउंटेंट अजय तथा मैनेजर धर्मवीर द्वारा शिकायतकर्ता के बिल पास करने की एवज में रिश्वत की मांग की गई थी। प्राप्त सूचना के आधार पर एसीबी की टीम ने योजना बनाई और तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की।उन्होंने बताया कि हैफेड के महाप्रबंधक प्रदीप को 3 लाख 50 हज़ार रुपए की राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है जबकि उसकी निजी गाड़ी से 5 लाख 46 हज़ार रुपये अलग से बरामद किए गए हैं। इसी प्रकार अकाउंटेंट अजय को 1 लाख 10 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। तीसरे आरोपी हैफेड के मैनेजर धर्मबीर की निजी कार से 2 लाख 46 हज़ार रुपये की राशि बरामद की गई है। इस प्रकार तीनों आरोपियों के पास से कुल 12 लाख 52 हजार रुपए की राशि बरामद की गई है। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष पूरी पारदर्शिता बरतते हुए निष्पक्ष रूप से की गई। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ करनाल के एंटी करप्शन ब्यूरो में मामला दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा सभी आवश्यक सबूत जुटाते हुए जांच की जा रही है। इसी प्रकार एक अन्य मामले में ब्यूरो की टीम ने आज जिला पलवल के होडल पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज द्वारा ₹10000 की रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी फरीदाबाद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सूचना के आधार पर आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही आरोपी मौके से फरार हो गया। सब इंस्पेक्टर मनोज द्वारा होडल पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में से शिकायतकर्ता के बेटों का नाम निकालने की एवज में ₹10000 की रिश्वत की मांग की गई थी। यह एफआईआर आरोपी तथा शिकायतकर्ता के बीच हुई बातचीत के आधार पर दर्ज की गई है।
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