अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली/चंडीगढ़:जननायक जनता पार्टी के विधायक दल के नेता एवं उचाना कलां से विधायक दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जो हमारे अनुसार युवाओं को रोजगार और बुजुर्गों को वृद्धि के साथ बुढ़ापा पेंशन देगा, जेजेपी उसके साथ सहयोगी के तौर पर सरकार बनाने के लिए तैयार है। ये बात आज दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली में जेजेपी की विधायक दल व पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। वहीं विधायक दल नेता चुनने के बाद दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी संरक्षक डॉ. अजय सिंह चौटाला से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जेजेपी विधायक दल और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णयों से उन्हें अवगत करवाया और हरियाणा में बने ताजा राजनीतिक हालात पर विचार-विर्मश किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं मिला है जिसके मद्देनजर पार्टी ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि वे प्रदेश की तरक्की के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जेजेपी के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर जो दल सहमत होगा उसके साथ मिलकर सरकार बनाने में जेेजेपी सहमत है। दुष्यंत ने कहा कि आज प्रदेश में 56 प्रतिशत युवा वर्ग है, जिसके लिए जेजेपी की मांग है कि हरियाणवी युवाओं को “रोजगार मेरा अधिकार” के तहत 75 प्रतिशत केवल प्रदेश के युवाओं को रोजगार, स्व. चौधरी देवीलाल द्वारा लागू की गई बुढ़ापा पेंशन की बढ़ोत्तरी करने समेत अन्य मुद्दों पर जो भी दल सहमत है
उसके साथ जेजेपी मिलकर प्रदेश में पूरी तरह से सरकार बनाने का प्रयास करेगी। दुष्यंत ने कहा कि जेजेपी हरियाणा को आगे लेकर जाने में पूरी तरह से सकारात्मक हैं इसलिए प्रदेश के गरीबों, युवाओं, किसानों, कमेरों समेत तमाम वर्ग की बेहतरी के मुद्दों को सर्वोपरी रखकर चल रही है। वहीं दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मात्र 11 महीने पहली बनी जेजेपी को प्रदेशवासियों ने भरपूर समर्थन देते हुए सबसे बड़ा क्षेत्रिय दल बनाया है, इसके लिए वे प्रदेशवासियों, पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के आभारी है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इतने कम समय में जेजेपी को इस विधानसभा चुनाव में 15 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले व उनके 10 विधायक बने है जो कि पार्टी की राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला कार्यकारिणी समेत तमाम पार्टी के पदाधिकारी एवं एक-एक कार्यकर्ता के संघर्ष का परिणाम है।