अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा की शांति व सदभाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को विधानसभा में महत्वपूर्ण बैठक हुई .समिति ने दिल्ली में हुए दंगे को भड़काने वालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जारी वाट्सएप नंबर व ईमेल पर आई शिकायतों की समीक्षा की। समिति ने 14 शिकायतकर्ता और 1 आरोपी का बयान दर्ज किया। चेयरमैन राधव चड्ढा ने कहा कि आरोपी पर आईपीसी की धारा 153ए , 295ए और 505 (2) के तहत अपराध बनता पाया गया है। उसने समिति को लिखित माफीनामा देकर कार्रवाई पर पुर्नविचार करने की सिफारिश की है। उसे, जिन ग्रुपों पर यह मैसेज भेजे हैं,उन पर माफीनामा लिखने और लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सदभाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि आज समिति की एक अहम बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। समिति ने 15 लोगों से पूछताछ की है। उन सभी 15 लोगों को शपथ दिलाने के बाद उनका बयान दर्ज कराया गया।
उनकी जांच- पड़ताल की गई और इनके मामलों में आगे की कार्रवाई करने को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। 15 लोगों में से 14 लोग शिकायतकर्ता थे। जिन्होंने समिति द्वारा जारी वाट्सएप और ईमेल पर शिकायत की। जिसमें समिति को दो समुदायों के बीच भावना भड़काने वाले मैसेज, वीडियो और फोटो भेजे हैं। उन शिकायतकर्ताओं को बुलाया गया और सत्यता की शपथ लेने के बाद उनका बयान दर्ज कराया गया। जिस व्यक्ति ने यह सभी मैसेज वायरल किए थे, जिसने दो समुदायों के बीच भावना भड़काने व झगड़ा व हिंसा कराने वाले मैसेज फैलाए थे और उसने इस तरह की चीजों को अपने स्टेटस पर भी डाला था। उस आरोपी को समिति ने शमन किया था। वह व्यक्ति समिति के सामने पेश हुआ। उससे समिति के सदस्यों ने तमाम सवाल-जवाब किए। शपथ के बाद उसका बयान रिकाॅर्ड कराया। उन्होंने अपना जुर्म कबूल किया। हम बता दें कि उन पर आईपीसी की धारा 153ए, 295ए, 505 (2) लगते हैं, जो गैर जमानती अपराध है। उन्होंने यह स्वीकारा कि हमसे यह गलती और भूल हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि जब से यह समिति बनने की जानकारी हुई, तब से ही उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ कि इस तरह से मैसेज बिना सोचे-समझे भेजने पर तीन साल की कैद हो सकती है। उन्होंने यह माना कि उनसे भूल हुई है, लेकिन तब उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी। जब से उन्हें इस बारे में जानकारी हुई है, तभी से उन्होंने किसी भी तरह का भड़काउ मैसेज भेजना बंद कर दिया है।
समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि इस समिति ने उनके पूरे मामले को समझा और उनके बयान को रिकाॅर्ड कराया। समिति के सामने उन्होंने एक माफीनामा भी लिख कर दिया है, ताकि समिति उस पर विचार करे। उन्होंने माफीनामे में लिखा है कि सबसे पहले उन्होंने भावनाएं भड़काने वाली जो सोशल मीडिया व वाट्सएप पर पोस्ट डाली थी, उसे डिलीट किया। उन्होंने जिस-जिस ग्रुप व सोशल मीडिया के ग्रुप पर पोस्ट डाली थी, उन सभी पर एक माफीनामा लिखेंगे और अपनी गलती कबूलेंगे। यह लोगों को बताएंगे कि ऐसी चीजें डालने आपको तीन साल की कैद हो सकती है और लोगों को जागरूक भी करेंगे कि न तो वो और न कोई और न्यक्ति बिना सोचे-समझे इस प्रकार के भावना भड़काने वाले मैसेज को शेयर और फारवर्ड करेगा।
अगली सुनवाई में फेसबुक, ट्वीटर और वाट्सएप के भारत के वरिष्ठ अधिकारियों को समिति के सामने पेश होने के निर्देश जारी करेगी समिति;राघव चड्ढा चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि समिति अपनी अगली सुनवाई में फेसबुक, ट्वीटर और वाट्सएप के भारत के वरिष्ठ अधिकारियों को समिति के सामने पेश होने के निर्देश जारी करेगी और इस पूछताछ के लिए उन्हें बुलाएगी। यह समिति तो सोशल मीडिया को संचालित करते हैं और उस पर नियंत्रण रखते हैं, इन भी भावनाएं भड़काने वाले मैसेज भेजने वालों पर नियंत्रण पाने में बहुत बड़ा योगदान है। इसमें समिति कंपनी की मदद लेगी। समिति के सामने कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जिसमें व्यक्ति की पहचान नहीं हो पा रही है। इसलिए समिति ने फैसला किया है कि कंपनियों से तथा-कथित अपराधियों की पहचान जानने के लिए भी मदद लेगी। 14 शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए जाने से एक बात साफ होती है कि जो लोग इस कंटेंट को फैला रहे हैं, वो लोग पूरी योजनाबद्ध तरीके से शांति भंग करने, भाई-चारा समाप्त करने और देश की एकता, प्रभुता व अखंडता पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं। यह जीवन और स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने की मंसा से कर रहे हैं। आईपीसी की धारा 153ए, 295, 505 में यह सभी मामले बनते हैं, जिसमें तीन साल की कैद का प्रावधान है। आने वाले समय में कमिति कई और अहम फैसले लेगी। गौरतलब है कि दिल्ली में हुए दंगे के मद्देनजर दिल्ली विधानसभा ने शंति व सदभाव समिति का गठन किया है। समिति ने एक वाट्सएप नंबर और ईमेल जारी कर लोगों से दो समुदायों के बीच भावनाएं भड़काने, हिंसा फैलाने व भाई-चारा समाप्त करने जैसे मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों की शिकायत करने की अपील की है। अभी तक समिति के पास कुल 7732 शिकायतें आई हैं। जिसमें से समिति ने 3200 शिकायतों की स्क्रीनिंग कर चुकी है।