अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि भूजल का अवैध तरीके से अति दोहन करने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों की औद्योगिक इकाई को बंद किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। श्रीमती अरोड़ा आज यहां हरियाणा निवास में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतबीर सिंह कादयान, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वर्षा खंगवाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त व अन्य विभागीय अधिकारी भी जुड़े।
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे उन औद्योगिक इकाइयों का नियमित निरीक्षण करें जो भूजल को अवैध रूप से निकालकर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए एनफोर्समेंट ऑफिसर की नियुक्ति की हुई है। वे हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की ओर से भेजी जाने वाली शिकायतों पर कार्रवाई करें और साप्ताहिक समीक्षा भी करें। श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि ‘हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ से प्रदेश के करीब 25,000 संस्थानों ने अपने प्रोजेक्ट को चलाने के लिए अनुमति ली हुई है परंतु इनमें से मात्र 2,500 संस्थानों ने ही हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण को भूजल निकालने की अनुमति हेतु आवेदन किया है। राज्य में 142 प्रशासनिक खंडों में से 85 में तो भूजल की चिंताजनक स्थिति बनी हुई है, ऐसे में गैर-कानूनी ढंग से जमीन से पानी की निकासी करने की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों व उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सभी कॉलेजों व स्कूलों में बरसाती पानी के संरक्षण के लिए पहले से बने प्रोजेक्ट की मानसून सीजन से पहले मरम्मत कर लें और जहां पर जल-संरक्षण का प्रोजेक्ट नहीं बना है वहां पर यथाशीघ्र बनवा लें।
उन्होंने इस मामले में तुरंत निर्देशों का पालन करने को कहा। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिला में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की परियोजनाओं को तो प्राथमिकता के आधार पर सिरे चढ़ाएं ही, साथ ही सभी सरकारी भवनों की छतों व परिसरों में बरसाती पानी संग्रह करने के लिए योजना बनाएं। उन्होंने महेंद्रगढ़ व चरखी दादरी जिलों में भूजल रिचार्ज, संरक्षण समेत अन्य कार्यों की सराहना करते हुए अन्य अधिकारियों को भी उनका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में सेम के खारे पानी को झींगा मछली पालन आदि में प्रयुक्त करने की संभावनाओं पर काम करने के लिए भी अधिकारियों को सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर ने जल शक्ति अभियान के तहत प्रदेश में किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस जोश और जुनून को निरंतर बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गुरुग्राम जैसे शहरों के लिए भी बरसाती पानी के संग्रह तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ किए गए पानी को पुन: प्रयोग करने के लिए योजनाएं बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उक्त प्लांटों से साफ किए जाने वाले पानी के समुचित उपयोग के लिए पॉलिसी भी बनाई गई है, उसी को ध्यान में रखते हुए प्लान बनाएं। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतबीर सिंह कादयान ने उपायुक्तों से सांझा किया कि जल शक्ति अभियान से जुड़े प्रोजेक्टों की प्रमाणिकता जांचने के लिए भारत सरकार की ओर से सचिव जिलों में जमीनी स्तर पर पहुंचेंगे, इसलिए अपनी तैयारी पूरी रखें। इस अवसर पर ‘जिला जल संसाधन प्लान 2022’ के अलावा ‘द्विवार्षिक जल प्रबंधन योजना’, ‘अटल भूजल योजना’, ‘जल शक्ति अभियान’ तथा एनफोर्समेंट ऑफिसर्स के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों की नियमित जांच करने के विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की गई और इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों व विभागीय अधिकारियों को दिए गए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए गए।
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