अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी बीएससी की छात्रा के यूपी के गोंडा जिले से सकुशल बरामद होने के बाद राहत की सांस ले रहे है। वही अब उन लोगों पर कार्रवाई करने जा रहे है जिन लोगों झूठी अपहरण सूचना को फैलाया, रोड जाम किया और अपनी कहानी को सही साबित करने के लिए मासूम बच्चों के इस्तेमाल किया। डीसीपी महिला और बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला का कहना है कि यह गंभीर मामला है इससे बच्चों के मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इस घटना को क्रिएट करने वाले, उसको फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी महिला और बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला का कहना है पुलिस प्रशासन निरंतर प्रयास करता है महिलाओं का मनोबल बढ़े, वह सुरक्षित रहें लेकिन बादलपुर जो घटना रिपोर्ट कराई थी, जिसमें 20 वर्ष की लड़की को वैन में कुछ लोग इसके साथ छेड़छाड़ करके उसको घसीट कर अपहरण करके ले गए। एक झूठी कहानी परिवार वालों ने क्रिएट की और इसमें नाबालिक बच्चों को आगे करके पुलिस को गुमराह किया गया। इसका बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा इस प्रकार से हाईवे को जाम किया गया एकदम मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस के प्रति जो एक अविश्वास की स्थिति पैदा की गई एक सनसनी फैलाई गई उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. नोएडा सेंट्रल के एडिशनल डीसीपी अंकुर अग्रवाल ने इससे पहले जानकारी देते हुए बताया कि सोनू नाम का लड़का है जिसने सबसे पहले अपहरण की सूचना दी। 5:40 पर चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंच गए थे और एसीपी 5.50 पर मौके पर पहुंच गए थे। अंकुर अग्रवाल ने बताया कि सादो पुर का फाटक घर से एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है।
पुलिस को बताया गया था कि 4:30 दो लड़कियां और दो इनके बेटे जो मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे इसी दौरान एक वैन आई और पहले छोटी बच्ची को वेन में डालने का प्रयास किया जब वह चिल्लाई उस को धक्का दिया और फिर बड़ी बेटी को गाड़ी में डालकर वह निकल गई। जहां-जहां सीसीटीवी कैमरा था उसके सीसीटीवी फुटेज खंगाला इस दौरान कोई वैन नजर नहीं आई। एडिशनल डीसीपी ने बताया इस मामले तफ्तीश के दौरान पता चला लड़की के पिताजी के भाई दिल्ली पुलिस एएसआई के पद पर है उनका भी इस झूठी अपहरण में काफी बड़ा रोल है, इस घटना को क्रिएट करने का क्योंकि वह पुलिस में है उन्होंने इस तरह से योजना बनाई कि कोई क्लू ना बचे। पूछताछ के दौरान एक बात और पता चली कि जो नंबर लड़की के पास था वह 14 तारीख को चालू हुआ 15 तारीख तक वह अपने दोस्त से बात करती रही और 15 तारीख को ही वह अपने अपने गांव को छोड़कर आनंद विहार टर्मिनल से बस लेकर एक्सप्रेस होते हुए लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद होते हुए गोंडा पहुंच गई। लड़की और लड़का दोनों बालिग हैं उनका हक है अपने एक दूसरे के साथ रहने का। जो विधिक कार्रवाई होगी वह गलत सूचना देने और इस घटना को क्रिएट करने वालों पर बड़ी बात यह कि इस सारे प्रकरण में बच्चों का इस्तेमाल किया गया बच्चों का ब्रेनवाश किया गया हैं अपने आप को पीछे रखा और बच्चों को आगे रखा गया।
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