अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसदराहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केसी वेणुगोपाल, हरीश चौधरी, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील जाखड़, रवनीत बिट्टू, डॉ. अमर सिंह, मोहिंदर के.पी., स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्यारे कार्यकर्ता, भाइयों और बहनों, पंजाब के युवाओं, प्रेस के मित्रों, आप सबका आज यहाँ बहुत-बहुत स्वागत, नमस्कार।
पिछली मीटिंग में आपने, पंजाब की जनता ने, हमारे कार्यकर्ताओं ने, नेताओं ने मुझे एक बहुत मुश्किल काम दे दिया। जाखड़ ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस पार्टी के जो नेता हैं, वो हीरे हैं और बहुत गहरी बात की है इन्होंने। 2004 से, अब मैं राजनीति में हूं, थोड़ा सा एक्सपीरियंस, थोड़ी सी समझ राजनीति के बारे में मुझमें है। भाइयों और बहनों, राजनैतिक नेता 10-15 दिन में पैदा नहीं होता है। राजनैतिक जो नेता होता है, जो सच्चा नेता होता है, वो मीडिया के टेलीविजन पर डिबेट्स में नहीं तैयार होता है, जो राजनैतिक नेता होता है, सालों लड़कर, संघर्ष करके, पिटकर बनता है और कांग्रेस पार्टी के पास हीरों की कोई कमी नहीं है। जरुर हमारी पार्टी पर आक्रमण करने के लिए, डिफेम करने के लिए हमारे नेताओं के बारे में झूठ बोला जाता है, मगर मैं आपको बता रहा हूं, अपने एक्सपीरियंस से बता रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी में हीरे भरे हुए हैं। कमी नहीं है और अब मैं सालों से देख रहा हूं, व्यक्ति किस प्रकार से रिस्पोंड करता है, कैसे सोचता है, क्या बोलता है। भाषण देना बहुत आसान होता है, अगर आप गहराई से देखें, तो नेता की सच्चाई दिख जाती है, छुप नहीं सकती। हीरे हैं, कुछ ज्यादा एक्सपीरियंसड हैं, ज्यादा मार खाई है, ज्यादा मुश्किलों का सामना किया है। कुछ कम एक्सपीरियंसड हैं, मगर राजनीति एक रास्ता होता है, एक इवेंट नहीं होता है कि भैया, देखो फोटो ले ली, दो शब्द बोल दिए, बन गए राजनेता – नहीं, ऐसे नहीं होता। राजनेता को लड़ाई लड़नी पड़ती है। बहुत सारे राजनेता अपनी लड़ाई लड़ते हैं। हमारे प्रधानमंत्री जी हैं, लड़ाई लड़ते हैं, जबरदस्त लड़ते हैं, मगर वे नरेन्द्र मोदी की लड़ाई लड़ते हैं, अपनी लड़ाई लड़ते लड़ते हैं। दूसरे नेता होते हैं, जो इशू के लिए खड़े हो जाते हैं।
नेता अलग-अलग जगह से आता है। सिद्धू कहीं से आए, चन्नी कहीं ओर से आए, जाखड़ कहीं ओर से आए, मैं कहीं ओर से आया, मगर सभी को कठिन रास्ते पर चलना पड़ता है। बहुत सारे हीरे हमारे पास हैं, आपने मुझे मुश्किल काम दिया कि इन हीरों के बीच में से एक हीरा निकालो। आसान काम नहीं है। सिद्धू से आप जानते हैं, मैं पहली बार कब मिला, कोई बता सकता है – मेरी और सिद्धू जी की पहली मीटिंग कब हुई – सिद्धू जी को नहीं मालूम। अब देखिए, अजीब सी बात है, सिद्धू जी को नहीं मालूम मैं उनसे पहली बार कब मिला, (जनता से पूछते हुए राहुल गांधी ने कहा) कोई बता सकता है, बताइए? हाँ, कितने साल हुए – 40 साल हुए, राहुल गांधी की और नवजोत सिद्धू की मीटिंग हुई और नवजोत सिद्धू को ये भी मालूम नहीं था कि वो राहुल गांधी से मिला। मीटिंग के बारे में आपको बताता हूं। राहुल गांधी दून स्कूल में था। आज संडे है, वो दिन भी संडे था। 8 बजे सुबह क्रिकेट का मैच था। यादविंद्र पब्लिक स्कूल, दून स्कूल में क्रिकेट खेलने आया था। याद है (नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा)– राहुल गांधी फील्ड के बाहर बैठा था। दून स्कूल की पूरी की पूरी टीम, नवजोत सिंह सिद्धू ओपनिंग बॉलर। ओपनिंग बॉलर, बैट्समैन नहीं, बैट्समैन की बात बाद में आई, वो भी आपको बताऊंगा, ओपनिंग बॉलर। किसी ने मुझे कहा, मेरा दोस्त था, ये नवजोत सिंह सिद्धू है। मैंने कहा ये कौन है- कहता है ये फास्ट बॉलर है। 6 विकेट, 130 रन, दून स्कूल की पूरी की पूरी टीम को ढ़ेर कर दिया। उसके बाद आते हैं, दो – तीन घंटे में दून स्कूल की टीम आउट हो गई, उसके बाद आते हैं ओपनिंग बैट्समैन। ये तो बॉलर था, नहीं ये तो बैट्समैन है। अच्छा बोलिंग भी करता है, बैटिंग भी करता है, हां। 98 रन स्कोर करके चले गए।
मतलब, दून स्कूल की टीम को पता नहीं लगा क्या हुआ। मैंने उस दिन नवजोत सिंह सिद्धू जी को पहचाना कि इस व्यक्ति में जो मैंने एवोल्यूशन की बात की, नेता बनता है, इस व्यक्ति में परसेवेरेंस है। ये व्यक्ति प्रैक्टिस कर सकता है। अपनी जिंदगी के घंटे-घंटे दे सकता है, साल दे सकता है। उसके बाद कमेंटेटर बने, उसके बाद कॉमेडियन बने, उसके बाद राजनेता बने। हर पॉलिटिशयन के पास, हर व्यक्ति के पास स्ट्रेंथ होती है, वीकनेस होती है। कभी-कभी इमोशनल हो जाते हैं, तो क्या। इमोशनल हो जाते हैं, तो हो जाते हैं। ऐसे हमारे पास दूसरे भी हीरे हैं। जाखड़, इनसे आप पंजाब की पॉलिटिक्स पर बात कीजिए। कोई भी सवाल आप इनसे पूछना चाहते हैं, पंजाब की राजनीति के बारे में, सुपरफिशियल नहीं कि हां, भैया उसने उसको काट दिया, ऐसे हो गया, ना। बंद कमरे में गहरी बात करेंगे। पंजाब का जो डीएनए है, उसको समझते हैं। पंजाब के जो रिश्ते हैं, हिस्ट्री है, समझते हैं और ऐसे बहुत सारे लोग हैं। बिट्टू जी बैठे हैं। यूथ कांग्रेस प्रेजिडेंट थे, इनको मैंने डेवलप होते हुए देखा है। आशू जी, अब मैंने दो-तीन नाम ले लिए। बहुत सारे नाम हैं। दिनभर लेता जाऊंगा। मगर ये कांग्रेस पार्टी जो है, लीडर को डेवलप करने का सिस्टम है। आहिस्ता-आहिस्ता ये लीडर बनाता है। मैं अपना उदाहरण आपको देता हूं। जितना मुझे पिछले पांच-सात सालों में सीखने को मिला, मैं कभी भी नहीं सीख सकता था बिना कांग्रेस पार्टी के, बिना कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के। हो ही नहीं सकता और जो लोग सोचते हैं कि राजनीति आसान चीज है, गलतफहमी में हैं। जैसे कभी कोई क्रिकेटर खेलता है, कॉमेंटेटर बैठता है, कहता है, भईया, उसने वैसे क्यों नहीं मारा, उसे वैसे मारना था, उसको बॉल ऐसे फेंकनी थी। मगर, अगर कॉमेंटेटर को आपने अंदर कर दिया, तो पहली बॉल पर आउट हो जाएगा वो। तो कॉमेंटेटर बहुत हैं, मगर लीडर बनाना कोई आसान काम नहीं होता है। बहुत सारे लोग गिर जाते हैं, सरेंडर कर जाते हैं।
चन्नी, बात की मैंने उनसे। मैंने पूछा पापा क्या करते हैं? आप जानते हैं, चन्नी की कहानी आप जानते हैं? चन्नी गरीब घर के बेटे हैं। गरीबी को समझते हैं। गहराई से समझते हैं। गरीबी से निकले हैं और दिल में, खून में पंजाब है। सिद्धू के दिल में, खून में पंजाब है। आप काटकर देखिए कभी, निकलेगा, खून निकलेगा, पंजाब दिखाई देगा उसमें। चीफ मिनिस्टर बने, मैं पर्सनेलिटी की बात कर रहा हूं। चन्नी जी चीफ मिनिस्टर बने, आपने नोट किया होगा, पंजाब में सबसे बड़ा पोस्ट है, आपको अहंकार दिखा (श्री राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा), नहीं (जनसभा ने उत्तर देते हुए कहा, नहीं), मतलब एक अहंकार, थोड़ा सा भी आपको दिखा – नहीं। जनता के बीच में जाते हैं, चीफ मिनिस्टर हैं, नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, योगी चीफ मिनिस्टर हैं। जनता के बीच में जाते हैं, कभी आपने देखा नरेंद्र मोदी को जनता के बीच में जाते हुए? सड़क पर नरेन्द्र मोदी को किसी की मदद करते हुए आपने देखा है – ना। नहीं करेंगे, वो प्रधानमंत्री नहीं हैं, वो राजा है। वो नहीं करेंगे मदद। ये चीफ मिनिस्टर हैं, ये गरीब की आवाज हैं। गरीब की सोच है और ये पंजाब को, मैं आपको बता रहा हूं, ये यहाँ चीफ मिनिस्टर बनने नहीं आए हैं, ये पंजाब को बदलने आए हैं और मैं सिर्फ चन्नी की बात नहीं कर रहा हूं, सिद्धू , जाखड़ , हमारी पूरी की पूरी टीम, हीरों की टीम यहाँ पंजाब को बदलने आई है। सबसे सस्ती बिजली आज हिंदुस्तान में आप जानते हैं कौन से स्टेट में मिलती है – पंजाब। सिद्धू का विजन है, 160 सर्विसेस, सीधा डायरेक्ट आपके घर में। सर्टिफिकेट, नक्शे, जो भी आप बनवाना चाहते हैं, डायरेक्ट आपके घर में। मगर सबसे जरुरी बात क्या है – मैंने कल उत्तराखंड में बोला, हम पंजाब के साथ पार्टनरशिप चाहते हैं। पंजाब की जनता के साथ, पंजाब के गरीब लोगों के साथ हम पार्टनरशिप चाहते हैं। पार्टनरशिप का मतलब आप हमें बताओ, हमें क्या करना है, हम करेंगे। हमारे दरवाजे आपके लिए खुले मिलेंगे और इस कांग्रेस पार्टी और बाकी पार्टियों में आप फर्क समझिए। कांग्रेस पार्टी के पास टीम है। आपको कभी-कभी लगता होगा कि कांग्रेस पार्टी में कोई ज्यादा कभी-कभी बोल देता है। लोग कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी को इंडिसिप्लिन बिल्कुल नहीं मानना चाहिए। सही है डिसिप्लिन होना चाहिए, मगर हममें फ्लेक्सिबिलिटी है। हम सुनना चाहते हैं कि हमारी पार्टी में कौन से विचार हैं। कभी-कभी कोई ज्यादा भी बोल लेता है, हम एक्सेप्ट कर लेते हैं, क्योंकि हम सब लोगों की आवाज सुनना चाहते हैं। हम एक व्यक्ति का राज नहीं चाहते हैं। आप जाइए, दिल्ली जाइए, चाहे नरेन्द्र मोदी हों, चाहे केजरीवाल हों, आप जाकर पूछिए, वहाँ एक ही व्यक्ति की चलती है। कुछ बोला नहीं जा सकता। अगर राजा ने निर्णय ले लिया, तो बात वहीं खत्म हो जाती है। पंजाब ऐसे नहीं चलाया जा सकता। पंजाब में अलग-अलग आवाजें हैं, अलग-अलग सोच है और सबको एक साथ लेकर, सबकी बात सुनकर कांग्रेस पार्टी ही इस प्रदेश को आगे ले जा सकती है और मैं ऐसे ही हवा में नहीं बोल रहा हूं। आप देख लीजिए, एक्सपीरियंस देख लीजिए। कांग्रेस पार्टी ने ये सालों के लिए करके दिखाया है। सबको हम एक साथ लेते हैं। नया विजन देते हैं। पंजाब को एक नया रास्ता दिखाते हैं। एक बार नहीं, अनेक बार हमने किया है। तो ये फर्क है हममें और उनमें। मेरे लिए आपने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्णय लेना है। देखिए, ये पंजाब का निर्णय है, ये राहुल गांधी का निर्णय नहीं है। आपने मुझे कहा कि आप डिसाइड कीजिए, मैं आपको स्टेज से बता देता हूं कि मैंने डिसाइड नहीं किया। मैंने क्या किया, मैंने पंजाब के लोगों से पूछा, मैंने हमारे कैंडिडेट्स से पूछा, मैंने अपने कार्यकर्ताओं से पूछा, मैंने युवाओं से पूछा, मैंने वर्किंग कमेटी के लोगों से पूछा और जो जवाब उन्होंने मुझे दिया, जो पंजाब ने कहा, वो निर्णय मैं आज आपको बताने जा रहा हूं। ये प्रदेश जो है, देखिए, आज सिद्धू जी ने गाड़ी में बोला, ये प्रदेश हिंदुस्तान की शील्ड है। इस प्रदेश को अपना नेता स्वयं चुनना चाहिए और मेरा काम आपकी आवाज को सुनना, आपकी आवाज को समझने का है। मेरा जरुर उसमें ओपिनियन हो सकता है, मगर आपका ओपिनियन, पंजाब का ओपिनियन, पंजाब की जनता का ओपिनियन मेरे ओपिनियन से ज्यादा जरुरी है। पार्लियामेंट में मैंने कहा, कुछ दिन पहले मैंने भाषण में कहा कि देखिए दो हिंदुस्तान बन रहे हैं। एक चुने हुए लोगों का, अरबपतियों का हिंदुस्तान। मर्सिडीज, हवाई जहाज, वो वाला हिंदुस्तान और दूसरा गरीबों का हिंदुस्तान। एक में करोड़ों लोग, दूसरे में 100-200 लोग। हमें दो हिंदुस्तान नहीं चाहिए। हमें सिर्फ एक हिंदुस्तान चाहिए। उसमें न्याय होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी सबको मिलनी चाहिए। पंजाब की जनता ने कहा, मैं नहीं कह रहा हूं। मैं इस बात से सहमत हूं, मगर सोच आपकी है। पंजाब के लोगों ने कहा, हमें गरीब घर का चीफ मिनिस्टर चाहिए। हमें वो व्यक्ति चाहिए, जो गरीब को समझे, जो भूख को समझे, जो गरीब व्यक्तियों के दिल में घबराहट होती है, वो उसे समझे, क्योंकि पंजाब को उस व्यक्ति की जरुरत है। मुश्किल डिसीजन था, आपने आसान बना दिया। पंजाब के चीफ मिनिस्टर कैंडिडेट चरणजीत सिंह चन्नी हैं। अब आखिरी बात कहना चाहता हूं – ये मैंने बात की हीरों की, अब ये सब पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी एक साथ मिलकर जो हमारा विजन है, पंजाब को बदलने का विजन, उस विजन को पूरा करेगी। मैं चाहूंगा कि चन्नी जी दो मिनट आपसे बात करें।
धन्यवाद।