अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: अमेरिकी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर एसोसिएट के पद पर कार्यरत विक्रम सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह की हत्या के आरोपित अभिनव अग्रवाल को उद्योग विहार थाना पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिया है। उसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पूछताछ में अभिनव ने स्वीकार किया है कि उसने पहले विक्रम सिंह के ऊपर हमला किया। फिर उनकी पत्नी को मारा। हत्या करने के लिए वह चाकू कापसहेड़ा बॉर्डर से खरीदकर लाया था। वहीं एक दुकान में 20 रुपये देकर धार भी लगवाई ताकि हमला करने के बाद बचने की कोई गुंजाइश न रहे। अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर एसोसिएट के पद पर कार्यरत विक्रम सिंह (31) और उनकी पत्नी ज्योति सिंह (28) की बृहस्पतिवार तड़के गांव डूंडाहेड़ा में चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उनके सात वर्षीय बेटे के सामने ही हत्याकांड को अंजाम दिया गया। माता-पिता की हत्या होते देखकर बच्चा डरकर मकान मालिक के कमरे में चला गया। शोर सुनकर और बच्चे को रोता देख कर मकान मालिक, पास के कमरे में रहने वाले विक्रम के सगे भाई शैलेंद्र व चचेरे भाई अजय मौके पर पहुंचे और आरोपित अभिनव अग्रवाल को घटनास्थल पर ही धर दबोचा। उद्योग विहार थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
अभिनव बुधवार रात को विक्रम सिंह से मिलने आया था। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला है और वर्तमान में दिल्ली के द्वारका में रहता है। नौकरी दिलाने के नाम पर लिए थे डेढ़ लाख रुपये मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के चकन नगर बंधा निवासी विक्रम सिंह के छोटे भाई शैलेंद्र सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि अभिनव ने दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर उनके भाई से डेढ़ लाख रुपये लिए थे, लेकिन न तो नौकरी दिलाई और न ही पैसे वापस किए। बुधवार रात साढ़े नौ बजे वह उनके भाई से मिलने पहुंचा। दोनों ने साथ में शराब पी। उन्हें शक है कि अभिनव ने ही उनके भाई व भाभी की हत्या की है, क्योंकि उसके अलावा कमरे में तीसरा कोई व्यक्ति नहीं था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, चाकू से विक्रम सिंह के सीने पर दो, कंधे व हाथ पर एक-एक वार किए गए, जबकि पत्नी की छाती पर दो वार किए गए हैं।
विक्रम सिंह के चचेरे भाई अजय के मुताबिक, तड़के लगभग साढ़े तीन बजे विक्रम सिंह लहूलुहान हालत में कमरे के बाहर हॉल में पड़े थे, जबकि उनकी पत्नी तीसरी मंजिल की सीढ़ी के पास लहूलुहान हालत में थीं। दोनों को सरकारी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। आरोपित को ज्योति सिंह के पास से ही पकड़ा गया। इससे संभव है कि विक्रम पर हमले के बाद अभिनव जैसे ही ज्योति सिंह पर हमला किया, वह भागकर तीसरी मंजिल की तरफ चली गई होंगी। मकान तीन मंजिल का है और विक्रम सिंह दूसरी मंजिल पर रहते थे। आठ साल से विक्रम सिंह साइबर सिटी स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत थे। अभिनव अग्रवाल भी तीन-चार साल पहले साथ ही काम करता था। नौकरी छोड़ने के बाद उसने विदेशों में नौकरी दिलाने का काम शुरू किया और एक साल पहले उसने विक्रम सिंह से भी दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये लिए थे। बुधवार शाम पैसे लौटाने के बहाने ही वह आया था।