अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली;दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने ‘मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम’ के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र वकीलों से आॅनलाइन आवेदन मांगा है। यह आवेदन प्रक्रिया आगामी 21 मार्च से शुरू होगी और 31 मार्च तक की जा सकेगी। इस स्कीम के तहत वही वकील ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जो दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं, दिल्ली बार काउंसिल में पंजिकृत हैं और दिल्ली के मतदाता हैं। ‘मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम’ के तहत वकीलों के वेलफेयर के लिए 50 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। विधि विभाग ने आईटी विभाग को एक ओटीपी सुविधा के साथ आॅन लाइन आवेदन तैयार करने का निर्देश दिया है। यह एप्लीकेशन विधि विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित होगा।
इस आवेदन को वही वकील भर सकेंगे, जो मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम के पात्र होंगे। आईटी विभाग द्वारा तैयार एप्लीकेशन आगामी 21 मार्च 2020 से विधि विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित होगा। इसके साथ पात्र लाभार्थियों को सूचित करने के लिए 19 व 20 मार्च को विभिन्न अखबारों के माध्यम से स्कीम का प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। दिल्ली के सभी बार असोसिएशन के साथ पत्राचार किया जाएगा। इसके अलावा, विधि विभाग दिल्ली बार काउंसिल के पंजिकृत पात्र लाभार्थियों को एसएमएस भेज कर भी जानकारी देगा। विधि विभाग की वेबसाइट पर आॅनलाइन आवेदन करने के लिए सक्रीय एप्लीकेशन आगामी 31 मार्च तक ही प्रदर्शित होगा। इसके बाद इस स्कीम के तहत आवेदन नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले, विधि विभाग ने 16 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक कर एक निश्चित समय के अंदर पात्र लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने को लेकर विस्तार से चर्चा की थी। इसके बाद दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने 17 मार्च 2020 को स्कीम की अधिसूचना जारी की थी।
गौरतलब है कि वकीलों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को किस तरह से लागू किया जाए, इस पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए 29 नवंबर 2019 को वकीलों की 13 सदस्यीय कमिटी बनाई गई थी।
कमिटी ने 12 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में चार प्रमुख प्रस्ताव दिए थे। पहला, दिल्ली में पंजिकृत प्रत्येक वकील को बीमा कंपनी के माध्यम से 10 लाख रुपये का ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस प्रदान किया जाए। दूसरा,पंजीकृत वकील, उसकी पत्नी व 25 वर्ष से कम उम्र के दो बच्चों को 5 लाख रुपये का मेडी-क्लेम दिया जाए। तीसरा, सभी जिला न्यायालयों में ई-लाइब्रेरी स्थापित किया जाए, जिसमें 10 कंप्यूटर लगाए जाएं, ताकि आॅनलाइन कानून संबंधित जानकारी आदि प्राप्त कर सकें। चौथा, सभी कोर्ट में महिला वकीलों के लिए क्रेच की सुविधा प्रदान की जाए।दिल्ली कैबिनेट ने 18 दिसंबर 2019 को वकीलों की कमिटी से प्राप्त सभी प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए मंजूरी दे दी थी। मंत्री परिषद ने निजी सचिव (विधि) को टेंडर प्रक्रिया शुरू करने करने के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही निजी सचिव (विधि) को साॅफ्टवेयर विकसित करने के बाद लाभ प्राप्त करने वाले वकीलों के लिए आॅनलाइन आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया भी शुरू करने के भी निर्देश दिए गए।इसके अलावा, मंत्री परिषद ने यह भी निर्देशित किया कि इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं वकीलों को मिलेगा, जो दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं, दिल्ली बार काउंसिल के तहत पंजीकृत हैं और जिनका नाम दिल्ली के मतदाता सूची में शामिल है।
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वकीलों व परिवार को ग्रुप मेडी-क्लेम और वकीलों को लाईफ इंश्योरेंस कवरेज
विधि मंत्रालय से अधिसूचना जारी होने के बाद अब मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम के तहत दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों, उनकी पत्नी, 25 वर्ष से कम उम्र को 5 लाख रुपये का ग्रुप मेडी-क्लेम का लाभ मिल सकेगा। यह सुविधा एक बीमा कंपनी के माध्यम से समूह चिकित्सा कवरेज प्रदान की जाएगी। साथ ही वकील को 10 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस कवरेज भी दिया जाएगा। दिल्ली में छह जिला अदालते हैं। समिति ने सभी में ई-लाइब्रेरी स्थापित करने की सिफारिश की थी। अब जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं को अपने मामलों और तर्कों को तैयार करने के लिए आवश्यक अधिनियमों, नियमों और केस कानूनों के कानूनी अनुसंधान करने में गंभीर समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा। अब सभी 10 न्यायालयों, तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, साकेत कोर्ट, द्वारका कोर्ट और रोहिणी कोर्ट में 10 कंप्यूटरों के साथ ई-जर्नल, वेब संस्करणों समेत अन्य सुविधाओं से युक्त ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। जिसमें एससीसी ऑनलाइन, दिल्ली लॉ टाइम्स आदि के साथ-साथ हैवी ड्यूटी प्रिंटर शामिल हैं। दिल्ली की अदालतों में कार्यरत महिला अधिवक्ताओं और महिला कर्मचारियों की समस्याओं के मद्देनजर समिति ने सभी छह जिला अदालतों में मुफ्त में क्रेच चलाने की सिफारिश की थी। अधिसूचना जारी होने के बाद अब सभी अदालतों में क्रेच की व्यवस्था की जा सकेगी। क्रेच चलाने के लिए एलआईसी को सीएसआर के तहत इससे जोड़ने का प्रस्ताव भी है।