अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई देने के बावजूद भी 53 पत्रकारों को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन ने फील्ड में जाकर रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया प्रतिनिधियों का भी टेस्ट करवाने का निर्णय लिया। मंगलवार को जिला के 30 मीडिया प्रति निधियों का कोविड-19 के लिए टेस्ट किया गया, जिनमें ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि थे। हरियाणा प्रदेश में पहली बार किसी जिला में इस तरह की पहल की गई है। राहत की बात यह है कि सभी की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ये टेस्ट रैपिड टेस्टिंग किट से किए गए।
कोविड-19 लॉक डाउन में समस्त जानकारी के लिए लोग मीडिया पर निर्भर है। सरकार के निर्णय से लेकर जिला प्रशासन के आदेशों तथा जिला, प्रदेश ,राष्ट्र स्तर और दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर क्या चल रहा है, यह सब आम जनता तक मीडिया ही पहुंचा रहा है। इसके लिए मीडिया कर्मियों को सुबह से शाम तक फील्ड में रहना पड़ता है,जिस दौरान वे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में जाते हैं। ऐसे में किसी भी मीडिया कर्मी के संक्रमित होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। मुंबई में जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई देने के बावजूद भी कुछ पत्रकारों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं उसके बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन को भी लगा कि एहतियात के तौर पर मीडिया प्रतिनिधियों के टेस्ट करवा लेने चाहिए। गुरूग्राम भी मुंबई की तरह से कॉस्मोपॉलिटन शहर है, जहां पर दुनिया के कई देशों के लोग रहते हैं और जनसंख्या घनत्व ज्यादा होने के कारण संक्रमण फैलने का भय भी ज्यादा रहता है। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने तो मीडिया कर्मियों को कोविड-19 सेनानी माना है और इसीलिए चाहे किसी में संक्रमण के लक्षण ना दिखाई दे रहे हों, गुरुग्राम में मीडिया कर्मियों का कोविड-19 के लिए टेस्ट करवाया गया। यह ट्रस्ट सोमवार को ही गुरुग्राम को मिली रैपिड टेस्टिंग किट से किया गया जिसकी जियो टैगिंग भी हुई। सैंपल लेने के मात्र 30 से 35 मिनट में टेस्ट रिपोर्ट भी आ गई जो सैंपल देने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से भेजी गई।