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करनाल के सिरसी गांव के बाद अब अगले 75 गांवों को शीघ्र ही लाल डोरा मुक्त घोषित किया जाएगा।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:हरियाणा के 15 जिलों के पांच-पांच गांवों और तीन शहरों नामत: सोनीपत, जींद और करनाल में ड्रोनस के माध्यम से किए जा रहे बड़े पैमाने के मानचित्रण के कार्य के दायरे का विस्तार करते हुए राज्य सरकार ने इस कार्य को चरणबद्ध तरीके से सभी गांवों में करने का निर्णय लिया है। करनाल जिले का सिरसी गांव पहला ऐसा गांव है जिसे लाल डोरा मुक्त घोषित किया गया है। सिरसी गांव के बाद अब अगले 75 गांवों को शीघ्र ही लाल डोरा मुक्त घोषित किया जाएगा। इस आशय का निर्णय राज्य में सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों और अन्य विशेषताओं की कि जा रही मैपिंग की परियोजना की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक बैठक में लिया गया। बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पब्लिक डॉमेन में प्रकाशन के लिए हरियाणा के पांच मीटर के अंतराल पर कान्टुर मानचित्रों को भी जारी किया, जिसे हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा द्वारा तैयार किया गया है। इतने बड़े अंतराल पर ये कान्टुर ग्रामीण स्तर की जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे जल शक्ति अभियान, वाटरशेड प्रबंधन, जल संरक्षण गतिविधियों और जल निकासी कार्यों जैसे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन को सम्भव किया जा सकेगा।         

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सिरसी गांव के कुल क्षेत्र को आबादी-देह, सरकारी भूमि और कृषि भूमि के तहत  संकलित और मिलान किया जाए और यदि कोई अंतर पाया जाता है, तो इसे ठीक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमांकन के अलावा, भू-शीर्षक भी बनाया जाना चाहिए ताकि भूमि के स्वामित्व की पहचान की जा सके। उन्होंने अंतरराज्यीय सीमा के पार ड्रोन का उपयोग करके राज्य की सीमा का मानचित्रण करने का भी निर्देश दिया।बैठक में बताया गया कि 15 जिलों के 75 गांवों में ड्रोन का उपयोग करते हुए डाटा अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि करनाल और सोनीपत जिलों में डाटा अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। यह भी बताया गया कि जिला सोनीपत में तीन गांवों, पंचकूला एवं करनाल में पांच-पांच गांवों, सिरसा एवं पानीपत में चार-चार गांवों और जिला फरीदाबाद में पांच गांवों के लिए आबादी-देह (लाल डोरा) का प्रारंभिक आधार नक्शा तैयार और मुद्रित किया जा चुका है। ये 26 गांव सात दिनों के भीतर आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने और इस तरह की आपत्तियों के समाधान या निपटान के लिए तैयार हैं। जिला विकास और पंचायत अधिकारी को अबादी-देह क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों के लिए दी जाने वाली आईडी की तर्ज पर ही आबादी-देह में प्रत्येक संपत्ति या भूमि को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। इस संबंध में विकास और पंचायत विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने जिला करनाल के सिरसी गांव को लाल डोरा मुक्त बनाने में सर्वे ऑफ इंडिया की टीम के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती किशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री धनपत सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एन रॉय, विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग के प्रधान सचिव श्री ए के सिंह, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, पंचकूला के उपायुक्त श्री मुकेश कुमार आहूजा, सर्वे जनरल ऑफ इण्डिया लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
 

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