अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार दिल्ली को झीलों का शहर बनाने के विजन को साकार कर रही है। इस दिशा में केजरीवाल सरकार की ओर से पर्यटन स्थल के रूप में तिमारपुर झील परिसर को विकसित कर रही है। जिसके तैयार होने के बाद लोग यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। इस परियोजना से जहां ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने मदद मिलेगी, साथ ही इलाके के लोगों को पानी की समस्या से भी निजात मिलेगी। इस कड़ी में जल मंत्री आतिशी ने गुरुवार को तिमारपुर झील का निरीक्षण किया और परियोजना की समीक्षा की।
बता दे कि, तिमारपुर झील को 40 एकड़ जमीन पर विकसित किया जा रहा है। झील बनाने की परियोजना अपने अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। ग्रैप की पाबंदियों के कारण अभी निर्माण कार्य बंद है। पाबंदियाँ ख़त्म होने के बाद बाकी काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। जिसके बाद झील को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
ये झील खूबसूरती के साथ सस्टेनेबल गवर्नेंस की भी मिसाल है। यहाँ इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार किया जा रहा है। इस दिशा में यहां बनाए जा रही एसटीपी का साफ पानी इस झील में छोड़ा जाएगा। कार्य पूरा होने के बाद पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और वॉटर ट्रीटमेंट में भी फायदा होगा।जल मंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली के तिमारपुर में 1940 के आसपास ट्रीटमेंट प्लांट हुआ करते थे। इन ऑक्सीडेशन पॉन्ड को गंदा पानी साफ करने के लिए प्रयोग किया जाता था। गंदे पानी को साफ करने का ये तरीका बहुत पुराना था, जिस कारण तिमारपुर की जमीन पर गंदा पानी जमा हो जाता था और बेहद बदबू भी आती थी। इसी वजह से यह प्लांट बंद किया गया। जिसके बाद पिछले कई सालों से लोगों ने साइट पर कूड़ा डालना शुरू कर दिया। गंदगी के कारण आसपास के लोग यहां लोग आना तक पसंद नहीं करते थे। इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए विजनरी केजरीवाल ने इस जमीन पर झील विकसित करने प्लान तैयार किया और अब ये जगह शानदार झील में तब्दील हो चुकी है।झील बनने से स्थानीय लोग बेहद खुश है। अब इलाके के लोगों को न केवल गंदगी से निजात मिली है, बल्कि जनता के लिए भी एक सुरक्षित स्थल बन गया है। केजरीवाल सरकार की ओर से तिमारपुर झील को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां पर फूड कैफे, ओपन एयर थियेटर, बटरफ्लाई पार्क, गैलरी, ऑडिटोरियम जैसी तमाम सुविधाएं होगी। झील परिसर खुलने के बाद झील की सुंदरता के साथ ही यहां आने वाले लोग सेल्फी प्वाइंट, सीटिंग एरिया की स्टेप प्लाजा, म्यूजियम जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे। झील से न केवल भूजल स्तर बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा। साथ ही आसपास के इलाकों में पानी की कमी को पूरी किया जा सकेगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की इस झील में सालभर साफ पानी भरा रहे। जल मंत्री आतिशी ने बताया कि तिमारपुर में झील परिसर के निर्माण के अलावा 5 एकड़ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत तिमारपुर झील परिसर यह एसटीपी बनाया जा रहा है। इस प्लांट में हर रोज 25 एमएलडी पानी का शोधन किया जाएगा। इस प्लांट के शोधित पानी का इस्तेमाल झील को भरने और ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में किया जाएगा। तिमारपुर झील से रोजाना कई करोड़ लीटर पानी रीचार्ज होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार राजधानी दिल्ली में झीलों का जीर्णोद्धार और नव निर्माण कर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में जुटी है। इस पहल से दिल्ली झीलों का शहर तो बनेगी ही साथ ही भूजल स्तर में भी सुधार होगा। दिल्ली में बन रही अलग अलग झील से आने वाले समय में राजधानी के पास पानी के अपने सोर्स भी होंगी। झीलों के आसपास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे है। साथ ही सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा में लगातार मेहनत की जा रही है।अधिकारियों ने जलमंत्री से साझा करते हुए बताया कि, झील के निर्माण से आसपास के इलाक़ों में लोगों भारी उत्साह है। झील के बनने से यहाँ से गंदगी तो समाप्त हो ही गई है साथ ही ख़ूबसूरती भी बढ़ी है। ऐसे में लोग बेसब्री से झील परिसर के खुलने का इंतज़ार कर रहे है।
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