अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि से जुड़ी अपनी बेहतर नीतियों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने व उनके उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। आज हरियाणा प्रदेश फार्मर-इन्वेस्टर फ्रेंडली स्टेट है। जिसमें किसानों के हितों को सुरक्षित रखते हुए निरंतर बढ़ते निवेशकों की सुविधा के लिए सरकारी अप्रूवल से जुड़े कार्यों को सिंगल विंडो सिस्टम जैसी व्यवस्था से पूरा किया जा रहा है। कृषि मंत्री आज गुरुग्राम के खंड फर्रुखनगर स्थित डाबोधा गांव में एबी इनबेव इंडिया द्वारा “जौ उत्पादक दिवस” के चौथे संस्करण पर आयोजित किसान मीट को संबोधित कर रहे थे। कृषि मंत्री इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आमंत्रित थे।
कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों को वैश्विक स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए सोनीपत जिले के गन्नौर में देश व एशिया की सबसे बड़ी सब्जी एवं फल मंडी बनने जा रही है। जोकि पेरिस व हॉलैंड की वैश्विक स्तर की मंडी से बेहतर होगी। इस मंडी से पैकेजिंग व प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों का माल एक्सपोर्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मंडी के माध्यम से हरियाणा सरकार ने करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का लक्ष्य रखा है। जिसका प्रदेश के किसानों को सीधा लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर आज हरियाणा तथा देश में कृषि क्षेत्र में बदलाव का दौर जारी है। किसानों की इच्छा तथा उनके सुझावों के आधार पर किसानों के उत्थान के लिए बेहतर नीतियों का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नीति निर्देशन के चलते किसानों की खेती पूर्णत: जोखिम मुक्त है। वहीं भविष्य में भी किसानों के हितों के लिए समयनुसार जिन योजनाओं की आवश्यकता होगी सरकार उनसे पीछे नहीं हटेगी। कृषि मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का जिक्र करते हुए कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग किसान व कॉन्ट्रेक्टर दोनों के लिए लाभकारी है। इस फार्मिंग में किसान को अपनी फसल का भाव पहले से ही पता होता है। वहीं फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों को जिस भी स्तर पर सरकार की सहायता की आवश्यकता है हरियाणा सरकार किसानों की हर संभव मदद करेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश जब पंजाब से अलग हुआ था तब प्रदेश की तरक्की को लेकर काफी प्रश्नचिन्ह खड़े किए गए थे लेकिन हरियाणावासियों की अथक मेहनत ने प्रदेश को एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की गिनती देश के विकसित राज्यों में हो रही है। आज हरियाणा राज्य कृषि, आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नम्बर वन पर है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की पर कैपिटा इनकम सबसे ज्यादा होने के साथ ही हरियाणा राज्य देश के अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी रोजगार सृजन का एक प्रमुख क्षेत्र है।वहीँ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी हरियाणा की रैंकिंग बेहद अच्छी है। कृषि मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कृषि उत्पादों व अत्याधुनिक उपकरणों पर आधारित प्रदर्शनी व फसल प्रबंधन के विभिन्न परीक्षणों का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में अमेरिकी दूतावास एवं अमेरिकी कृषि विभाग से मार्क रोज़मैन, एग्रीकल्चरल अटैची मारियानो बेलार्ड, सीनियर एग्रीकल्चर अटैची डॉ संतोष सिंह, बेल्जियम दूतावास से विदेशी मामलों के मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार टिमोथी सिन्हेव, एबी इनबेव के भारत एवं साउथ ईस्ट एशिया हेड अश्विन काक, कृषि विभाग गुरुग्राम के उपनिदेशक डॉ अनिल तंवर, पशुपालन विभाग गुरुग्राम की उपनिदेशक डॉ पुनिता गहलावत, जिला बागवानी अधिकारी डॉ नेहा यादव सहित आसपास के क्षेत्र से आए किसान व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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