संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्र सरकार एक के बाद नए एम्स खोलने में जुटी है लेकिन इनके लिए योग्य डॉक्टर ही नहीं मिल रहे हैं। हालत ये है कि एम्स नई दिल्ली और पटना, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, ऋषिकेश व रायपुर में चल रहे एम्स के लिए 1300 पदों पर ही पूरी भर्ती नहीं हो पाई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एम्स दिल्ली से पढ़कर निकलने वाले नए डॉक्टर भी एम्स जाने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि ज्यादातर एम्स नए स्थानों में खुले हैं जहां जाना उन्हें करियर के अनुकूल नहीं लगता
अभी चल रहे एम्स में मेडिकल कॉलेज भी हैं। इसलिए डॉक्टरों एवं फैकल्टी की भारी कमी है। भर्ती के विज्ञापन निकाले गए हैं। इंटरव्यू होते हैं लेकिन योग्य उम्मीदवार ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सी. के. मिश्र के अनुसार, हम चाहते हैं कि एम्स दिल्ली से पीजी करने वाले डॉक्टर नए एम्स में जाएं।
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि देश में 12 एम्स निर्माणाधीन हैं जबकि दो एम्स की घोषणा इस बजट में हुई है। अगले पांच सालों में इनके लिए दो से ढाई हजार डॉक्टरों की जरूरत होगी। चिंता यह है कि बिल्डिंग खड़ी हो जाएंगी पर डॉक्टर कैसे आएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा कहते हैं कि योग्य डॉक्टरों की कमी दूर करने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि एम्स दिल्ली के डॉक्टरों को नए एम्स में विभागों को संभालने के लिए प्रेरित किया जाए। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विदेशी डॉक्टरों की नियुक्ति की राह भी साफ कर रहा है।
1300 डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया गया
300 की ही भर्ती हो पाई है नए एम्स के लिए
50% आवदेनकर्ताओं के पास निर्धारित अर्हता नहीं
14 एम्स पांच वर्ष में शुरू होंगे तो संकट बढ़ेगा