अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज राजनिवास में ’दिल्ली पुलिस आवास, थानों,फील्ड कार्यालयों में सुविधाएं एवं पुलिस स्टेशनों की स्थिति’की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्य सचिव, दिल्ली, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त, दिल्ली, विशेष एवं संयुक्त आयुक्त, दिल्ली पुलिस उपस्थित थे। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रजेंटेशन दिया।
बैठक के आरंभ में उपराज्यपाल को आवास के संबंध में भविष्य की योजनाओं सहित कांस्टेबुलरी के आवास और उनकी जरूरते, संतुष्टि के बारे में सूचित किया गया। उप-राज्यपाल को यह भी अवगत कराया गया कि दिल्ली पुलिस,आवासों में मामूली सिविल वर्क के लिए दिल्ली पुलिस आवास निगम के पुनःप्रवर्तन के लिए गृह मंत्रालय के साथ समन्वय कर रही है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस में उपलब्ध आवास का संतुष्टिकरण 18.83 प्रतिशत (कुल स्वीकृत उपलब्ध आवासों का) है। यह भी बताया गया कि 701 क्वार्टर निमार्णाधीन है, 491 क्वार्टर दिल्ली विकास प्राधिकरण से लिए जा रहे हैं एवं धीर पुर में 4865 स्टाफ क्वार्टर के निर्माण के लिए गृह मंत्रालय से समन्वय किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि दिल्ली पुलिस की आगामी परियोजनाओं में 30 प्रतिशत आवास का अंग है। उप-राज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह अपने कर्मचारियों के लिए आवास की संतुष्टिकरण का स्तर बढ़ाने के प्रयासों मे तेजी लाएं और आवास परियोजनाओं एवं थाना भवनों की प्रत्येक माह निगरानी करें। उप-राज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि फ्लैटों के निर्माण के संबंध में भूमि आवंटन के लिए भूमि स्वामित्व विभाग से समन्वय करें।
उप-राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि सभी पुलिस स्टेशनों में बुनियादी सुविधाएं जैसे: डोरमैटरी/बैरक, मनोरजंन कक्ष, स्नानगृह,शौचालय एवं मेस आदि विशेषकर महिला कर्मियों के लिए चेंजिंग रूम, अलग स्नानघर उपलब्ध होने चाहिएं। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि वरिष्ठ अधिकारी इन सुविधाओं की नियमित जांच करें और उनकी अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने के लिए समय -समय पर थानों का निरीक्षण भी करें। उप-राज्यपाल को यह भी बताया गया कि दिल्ली में वर्तमान में 209 थाने हैं। उप-राज्यपाल ने पुलिस आयुक्त, दिल्ली को निर्देश दिए कि वे वर्तमान में थानों के निर्माण की चल रही परियोजनाओं और आगामी परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की स्थिति की समीक्षा करें ताकि शेष कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके और मुख्य सचिव,दिल्ली के कार्यालय, उपाध्यक्ष, डीडीए के साथ समन्वय करें। चूंकि पुलिसिंग खतरे,अस्पष्टताओं और संघर्षपूर्ण कार्य है। अधिकारियों को इस कठिन और तनावपूर्ण कार्यो से निपटने से मद्द के लिए हस्तक्षेप करना पड़ता है इसलिए उप-राज्यपाल ने पुलिस आयुक्त, दिल्ली को सलाह दी कि वह पुलिस कर्मियों की ’वार्षिक स्वास्थ्य जांच योजना’ का आवश्यक रूप से क्रियान्वयन करें जैसे कि तनाव के स्तर को और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं जो पुलिस बल की उत्पादकता में सुधार लाएगा।