अजीत सिन्हा
नई दिल्ली: आल इंडिया किसान कांग्रेस के चैयरमेन सुखपाल सिंह खैरा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जो ऑल इंडिया किसान कांग्रेस है, इसका दो दिन का कैंप हमने यहाँ एआईसीसी में आयोजित किया है, कल का और आज का। कल सारे देश से, जो हमारा ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर है, ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का, वो सब, सारे देश से यहाँ पर पहुंचे थे। अपनी-अपनी स्टेट की, उन लोगों ने समस्याएं, जो प्रॉब्लम वो फेस करते है, वो सारी बात यहाँ रखी। कल हमारा कैंप तकरीबन It lasted more than about 6 to 7 hours and today, also we are still in the process of meeting all our leaders from across the country. On my left, you have SS Ramasubbu, he is an Ex MP from Tamil Nadu and on my immediate right, he is Mr. Lal Varghese. He is a very senior Congress Leader.
जिसका प्री मेडिटेटेड एजेंडा है कि किसी न किसी तरीके से, जो हमने एमएसपी की बात की थी, उससे वो भागना चाहते हैं और जो उसका हैड बनाया है, He is a bureaucrat, Mr. Sanjay Agarwal, former Agriculture Secretary of Government of India. वो एक ऑफिसर, जिसने सारी जिंदगी ए.सी. कमरों में बिताई है, वो क्या जानता है कि खेती क्या है? उनको तो मेरे ख्याल से जो रबी और खरीफ क्रॉप्स अगर पूछा जाए, या इस देश में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी फसल होती है, he wouldn’t be knowing at all. तो ये कमेटी, जिसे एस.के.एम. ने रिजेक्ट किया, हम ऑल इंडिया किसान कांग्रेस की तरफ से भी इस कमेटी को रिजेक्ट करते हैं और ये मांग करते हैं कि अगर आप वाकई चाहते हैं कि इस देश में किसान और खेत मजदूर, उसका भला हो then there should be a fair representative character committee in this country.
जो लोग स्ट्रगल करते हैं, जो जमीन से जुड़े हैं, उन लोगों को आप लें और जो सबसे अफसोसजनक बात है कि पंजाब which is the biggest agrarian economy of the country, which has contributed towards the food bowl of this country, Punjab has got no representation at all. So, one that we reject this committee and we expect the Government to stand by its word और एमएसपी को एक गारंटी बनाया जाए और अकेला पंजाब, हरियाणा यहाँ नहीं, सारे देश में जो एमएसपी है, that needs to be given as a guarantee. India is such a diverse country.
हमारी इतनी तरह की मिट्टी है। हमारा इतने तरह का मौसम है। हमारे इतने अच्छे इरीगेशन, जो हमारी नदियाँ हैं, सारे देश में और जो हमारा ग्राउंड वाटर है, it is perfect for every crop. I mean, I would say कि ऑलिव्स हैं, जो, वो बाहर से इंपोर्ट होते हैं। एवोकैडोस जैसे, जो फ्रूट्स हैं, जो विदेशों से यहाँ पर इतने महंगे बिक रहे हैं, ड्रैगन फ्रूट है। ड्रैगन फ्रूट की खेती तो पंजाब और हरियाणा में ऑलरेडी शुरु हो चुकी है। India has the potential to produce literally every crop. The only problem is कि जो हमारी सरकार है केन्द्र की, ये एग्रीकल्चर उनके एजेंडे पर नहीं है। It is not a priority sector although, 60 per cent of India still lives in the villages, still relates to the rural India, but, they are not on the focus and now we are noticing, in the Parliament session this year itself, 1,45,000 crores, has once again been written off of the corporate houses, a very few people. Some companies are benefitting individually to the tune of Rs. 5,000 crore, debt waiver, Rs. 10,000 crore debt waivers, while the farmers of India are reeling under a massive debt. from Tamil Nadu to Jammu Kashmir. The debt relates to crores of households. Now, nobody has written that debt off and in Punjab, we have 11 lakh households that are connected with farming. Their total outstanding debt at this point of time, institutional loan is Rs. 1 lakh crores, which is nothing, compared to the benefit being given to the corporate sector.
अब पिछले 10 सालों में भारत की सरकार ने साढ़े तेरह लाख करोड़ रुपया इन कॉर्पोरेट घरानों का राइट ऑफ किया है। So it is a pity कि जो लोग इस देश को बना रहे है, जो इसको खड़ा कर रहे हैं, जो मर रहे हैं, जो मेहनत कर रहे हैं, खेत मजदूर और किसान, उनकी इस देश में कोई पूछ-पड़ताल नहीं है, उनका कोई रिकॉग्नीशन भी नहीं है और इन्हीं किसानों के बच्चे बॉर्डर्स पर रक्षा करते है। जितने भी आप देखते हैं कि शहीद हो रहे हैं फौज में whether it is Jammu and Kashmir, whether it is Gujarat border, whether it is Punjab border, Rajasthan border or any war, any conflict with countries like China, Pakistan, it is all the soldiers belong to the farmers’ families, they are all sons and daughters of the farmers and farm laborers. There is not a single soldier who would have come from the business community of the BJP leadership, but, unfortunately, BJP does not want to give appropriate priority to this sector.कल हमारे जो कैंप लगा था, उसमें अलग-अलग स्टेट्स की प्रॉब्लम है। मिसाल के तौर पर तेलंगाना के हमारे जो प्रेसीडेंट आए थे, उन्होंने जो वॉटर लॉगिंग हुई है, 20 लाख एकड़ तेलंगाना की जमीन, फसल खराब हो गई, क्योंकि बहुत ज्यादा बारिश हुई, बहुत ज्यादा वॉटर लॉगिंग हुई, और हम उम्मीद करते हैं कि तेलंगाना की सरकार इसकी स्पेशल गिरदावरी कराकर 20 लाख एकड़ जमीन के मालिकों को एप्रोप्रिएट कंपंसेशन देगी।हिमाचल में हमारे जो किसान हैं, जो एप्पल फार्मिंग करते हैं, जो सेब का काम करते हैं, उनके जो एप्पल ट्रेस हैं, और जो एप्पल कार्टन्स हैं, पैकिंग का, उनका हाई प्राइस हाइक हो गया और उनकी इकॉनमी की इस समय हालात बहुत नाजुक है और सारा जो कंट्रोल है एप्पल मार्केटिंग का, अब अगर देश एमएसपी दे, तो हर किसान प्रफुल्लित होगा, लेकिन देश ने क्या किया, सरकार ने कि अडानी को और इस तरह के कॉर्पोरेट्स को होर्डिंग करने की इजाजत दे दी है। वो सारा एप्पल का स्टॉक अपने पास जमा कर लेते हैं, फिर गवर्न प्राइस जो है एप्पल की, जो आप खरीदते हैं, मार्केट से, यहाँ पर बहुत महंगा-महंगा सौ-सौ रुपए किलो का जो आप अच्छा फल खरीदते हैं, किसी भी तरह का, that is a result of hoarding actually. अगर किसान को भारत सरकार एमएसपी गारंटी करे और वो प्राइस सारे देश में पहले बताई जाए तो न तो कंज्यूमर लुटेगा और न जो किसान लुटेगा। हमारे पंजाब में जहाँ बहुत सारी सुसाइड्स की समस्या है, हमारे पंजाब में The industry has polluted our ground water very badly and that entire pollutant is going to our rivers. हमारे लुधियाने के पास सतलुज दरिया आता है, उसको बुड्ढा नाला ने इतना ज्यादा पॉइजनस कर दिया है कि जितना पॉल्यूटैंट था इंडस्ट्री का, वो सारा एफ्लूएंट, untreated, goes into that river और वो जो रिवर है, वो अल्टीमेटली फ्लो करती हैं, into southern part of the state, Malwa region वहां पर कैंसर और वहाँ से होते हुए राजस्थान का जो है, सारा हनुमान गढ़ डिस्ट्रिक्ट और गंगा नगर डिस्ट्रिक्ट, वो सारे कैंसर अफेक्टेड लोग हैं। बठिंडा से बीकानेर- राजस्थान एक ट्रेन चलती है, उस ट्रेन का नाम कैंसर ट्रेन है। इतने ज्यादा लोग वो पीड़ित हो चुके हैं, क्योंकि हमारा जमीन का पानी, हमारे दरिया का पानी ये सारा इंडस्ट्रियल हाउसेस ने अपनी-अपनी इंडस्ट्री में नीचे बोर करके उसी में नीचे फेंक दिया, अगर दरिया में भी डाला है, वो भी अनट्रीटिड, without appropriate sewerage treatment, affluent treatment plants की तरफ से।ओड़िशा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बहुत बड़ा घपला है। जैसे गुजरात में है, ओड़िशा में भी बहुत ज्यादा है। जो असल फायदा किसानों को पहुंचना चाहिए, उन तक जाना चाहिए, वो गरीब किसान तक नहीं जा रहा है, बिचौलिए खा रहे हैं, व्यापारी लूट रहे हैं और इसी तरह जो हरियाणा में बेरोजागारी, जो सबसे बड़ा इफेक्ट हरियाणा और पंजाब में जो अग्निपथ स्कीम बनाई है, फौज की। कभी आपने सुना है कि फौज भी किराए पर जा रही है? क्या फौज भी कॉन्ट्रैक्ट के ऊपर काम कर सकती है? जौ नौजवान अपनी जिंदगी का बेहतरीन हिस्सा वो लगा देगा फौज में और उसके बाद सारी जिंदगी, वो इधर-उधर देखेगा और उसको कोई स्कॉप ऑफ एम्प्लॉएमेंट नहीं है। बोलते हैं कि वो रिएम्प्लॉएमेंट करेंगे, लेकिन आज आप डाटा निकालकर देख लें, कितने एक्स सर्विसमैंन हैं, जो हमारे वहाँ पर रिएम्प्लॉयड हैं in different government sectors of this country.तो हमारा निचोड़ ये निकला कि किसान और खेत मजदूर के लिए अवाज उठाना बहुत जरुरी है। हमने अपने संगठन की अभी शुरुआत की है। हम अपने संगठन को और मजबूत करेंगे और आने वाले दिनों में, दिल्ली में पार्लियामेंट के सामने ये किसानों की, खेत मजदूरों की, ये सारे जो पिछड़े हुए लोग हैं, जो ग्रामीण भारत में रहते हैं, इनकी बात हम वहाँ पार्लियामेंट के सामने रखेंगे, इसकी तैयारी हम करने जा रहे हैं। समय लगेगा और इन सारी बातों को लेकर हम प्रोटैस्ट करेंगे। Our agenda is to come on to the roads, if the government doesn’t listen, because unfortunately, इस देश में डायलॉग की बात कम है। केवल वन वे डायलॉग है। प्राईम मिनिस्टर साहब अपने मन की बात तो बोल देते हैं, लेकिन दूसरों के मन की बात यहाँ इस देश में कोई नहीं सुन रहा, तो इस बात को सुनाने के लिए हम ऑल इंडिया किसान कांग्रेस को मजबूत करके अपने देश के किसानों और खेत मजदूरों की बात रखेंगे और अंत में मैं एक बार फिर पार्टी लीडरशिप, ऑनरेबल कांग्रेस प्रेसीडेंट का दिल की गहराईयों से धन्यवाद करता हूँ और उन्होंने मेरे पर भरोसा किया है, मेरे को एक जिम्मेदारी दी है, इस जिम्मेदारी को मैं ईमानदारी से, अपनी पूरी निष्ठा से, अपनी पूरी निडरता से इस जिम्मेदारी को निभाने की पूरी-पूरी कोशिश करूँगा। आज आप मीडिया का यहाँ आने का बहुत-बहुत धन्यवाद।संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार द्वारा एमएसपी की गारंटी देने के वायदे को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि आज भी उनका आंदोलन है और जो वो विश्वासघात दिवस मनाएंगे, ऑल इंडिया किसान कांग्रेस उनके साथ खड़ी होकर, उनकी हर मुमकिन सहायता करेगी, क्योंकि ये वाकई विश्वासघात है। ये हमारे साथ धोखाधड़ी है, ये हमारे साथ चीटिंग हो रही है, किसानों के साथ, तो हम एस.के.एम. के उस प्रोग्राम का समर्थन करते हैं।
इसी से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री खैरा ने कहा कि बनाएंगे, लेकिन उसके लिए मैंने कहा, क्योंकि अभी हमने संगठन की शुरुआत की है, बहुत जल्द इसकी सपोर्ट में इस तरह के एक नहीं, अनेक प्रोग्राम हम बनाने की यहाँ पर कोशिश कर रहे हैं।