अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पिछले पांच सालों में जो भी विकास कार्य करवाएं थे और लोकप्रियता हासिल की थी. उसका पूरा और सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी लखन कुमार सिंगला को मिलता दिखाई दे रहा हैं। लोगों के जहन में यह बात इस तरह से पनप चूका हैं कि जिसके दिलों से निकला भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों एंव उनके केंद्रीय मंत्रियों के लिए मुश्किल ही नहीं, बहुत ही मुश्किल का कार्य हैं। इसे यह भी कह सकतें हैं कि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की आपसी टंटे होने की वजह से फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में किए गए लोगो से बातचीत के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को भारी नुक्सान हो सकता हैं। यह सब इस लिए लोग कह रहे हैं. क्यूंकि फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक व हरियाणा सरकार के उद्योगमंत्री विपुल गोयल का भाजपा ने इस क्षेत्र में चुनाव न लड़वा कर नरेंद्र गुप्ता जैसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा हैं। जिसे जमीनी हकीकत में उनकी अपनी कोई पहचान नहीं,हालांकि वह भारतीय जनता पार्टी से काफी लम्बें समय से जुड़े हैं। उनकी यह खबर किसी पार्टी का पक्ष पात नहीं करता हैं।
उद्योगमंत्री विपुल गोयल फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, हालांकि इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के दो और विधायक हैं, एक तो बड़खल विधानसभा क्षेत्र की विधायका श्रीमती सीमा त्रिखा व बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मूल चंद शर्मा हैं,इन तीनों विधायकों में से सबसे लोकप्रिय विधायक विपुल गोयल हैं,विपुल गोयल ने लोगों के बीच में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। जिसकी भारतीय जनता पार्टी ने टिकट न दे कर उनकी लोकप्रियता की एक तरह से हवा निकाल दी हैं। विपुल गोयल को टिकट नहीं मिलने के कारण से उनसे जुड़े हजारों लोग भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस पार्टी की तरफ अपना रुख कर लिया हैं, इस विधानसभा क्षेत्र के कई गली -महौल्ले में धुम घुम कर व चलते फिरते सैकड़ों लोगों से बातचीत की गई तो उन सभी लोगों ने यहीं कहा कि वह लोग भारतीय जनता पार्टी के विधायक व उद्योग मंत्री विपुल गोयल से जुड़े हैं, यदि भारतीय जनता पार्टी विपुल गोयल को चुनाव लड़ने के लिए टिकट देती तो,
वह लोग विपुल गोयल को जिताने के उद्देश्य से दिल जुड़ जाते, पर भारतीय जनता पार्टी विपुल गोयल का टिकट काट कर, उनके दिलों को तोड़ दिया हैं। इस लिए वह लोग कांग्रेस पार्टी व अन्य पार्टियों की तरफ अपना रुख कर लिए हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस पार्टी हैं इसलिए लोगों के जुबा पर इन्हीं दोनों पार्टीयों के नाम जाएदा हैं। हालांकि आगामी 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी प्रचार की अभी शुरुआत हैं। अभी तो काफी वक़्त हैं, सभी पार्टी के प्रत्याशियों के पास पूरा वक़्त हैं वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने का।