अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने अध्यापकों का आहवान किया कि 21वीं सदी में वे बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण की शिक्षा भी दें ताकि भारत वर्ष को फिर से विश्व गुरु का दर्जा मिल सके। श्री आर्य आज यहां हरियाणा राजभवन में हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश के 39 शिक्षकों को शिक्षक सम्मान और कलाकार महाबीर गुडडु को हरियाणवी कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पण्डित लखमीचंद अवार्ड से भी सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने की।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में अध्यापक ही राष्ट्र-निर्माता होता है। शिक्षक ही राजनेता, समाजसेवक, प्रशासक, विज्ञानवेत्ता, सैनिक, तकनीशियन आदि का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस, 5 सितम्बर को देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे महान शिक्षक, चिन्तक, दार्शनिक और विद्वान थे। शिक्षक दिवस राष्ट्र के नवनिर्माण में अध्यापकों की भूमिका की समीक्षा का अवसर भी प्रदान करता है।
राज्यपाल ने सम्मानित होने वाले अध्यापकों को बधाई व अध्यापक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘आप अन्य अध्यापकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, इसलिए मेरा अनुरोध है कि आप ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बेहतर करें ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को भी गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने भी शिक्षा के महत्व को समझते हुए समाज को ‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’’ का सूत्र दिया। उन्होंने कहा कि देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सर्व-शिक्षा अभियान की शुरुआत की थी। उन्हीं के इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘न्यू इंडिया’’ की परिकल्पना की और ‘‘स्किल इंडिया’’ का नारा दिया। स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए ‘‘नैशनल वोकेशनल एज्यूकेशनल क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्क ’’ योजना चलाई गई है। इस योजना को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। श्री आर्य ने राज्य सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में नैतिक मूल्यों व चरित्र निर्माण पर आधारित शिक्षा की व्यवस्था की है। इसे मूर्त रूप देने के लिए शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा भी बधाई के पात्र हैं।
शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि शिक्षा, संस्कार तथा संस्कृति में भारत की पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा है। जहां प्राचीन समय में भारत विश्व गुरु कहलाता था आज फिर से वही गौरव यात्रा हरियाणा ने शुरू की है। राज्य के सरकारी स्कूलों में नई पीढ़ी को देश की प्राचीन संस्कृति से अवगत करवाने के उद्देश्य से ‘‘गीता’’ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्होनें कहा कि प्रदेश में पहले 11 अध्यापकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार दिए जाते थे, वहीं वर्तमान में 39 अध्यापकों को शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया गया, जबकि कलाकार महाबीर गुडडु को हरियाणवी कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पण्डित लखमीचंद अवार्ड से सम्मानित किया। पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। उन्होंने अध्यापकों से अपील की कि युवा पीढ़ी को वर्तमान जरूरतों के अनुसार शिक्षा देने के साथ-साथ संस्कारी शिक्षा भी दें। शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को विभाग की ओर से स्मृति चिह्नï भेंट किया। इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. महावीर सिंह ने विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए इस अवसर पर पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बिहार के ‘‘सुपर-30’’ की तर्ज पर हरियाणा में भी ‘‘सुपर-100’’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। जिसके तहत प्रतिभावान बच्चों को राष्ट्रीय स्तर के व्यावसायिक कोर्सों और डिग्रियों में निशुल्क कोचिंग दी जा रही है।
इस अवसर पर सम्मानित शिक्षकों में जयपाल दहिया, प्रधानाचार्य, जीएमएसएसएस संबंधी , रोहतक, अश्वनी कुमार, प्रधानाचार्य, जीएसएसएस ढोलिका, महेंद्रगढ, अशोक कुमार,पीजीटी संस्कृत जीएचएस बादल, भिवानी, सुरेंद्र सिंह, पीजीटी बायोलॉजी, जीएसएसएस, जहाजपुल हिसार, सुखविंदर कौर, पीजीटी फिजिकल शिक्षा, जीएसएसएस गंगवा, हिसार, ममला राम, पीजीटी हिंदी जीएसएसएस कलीराम, कैथल, सुरेश कुमार, पीजीटी हिन्दी,जीएसएसएस बाटला, कैथल, अरविंद कुमार, पीजीटी फिजिक्स, सार्थक जीआईएमएसएस, सेक्टर -12-ए पंचकूला, राजबाला, ईएसएचएम, जीएमएस, हरसिंहपुरा, करनाल, वीरेंद्र सिंह, ईएसएचएम, जीएमएस, केमला ब्लॉक कनीना, महेंद्रगढ़, श्रीमती सुदर्शना देवी ईएसएचएम जीएमएस अभयपुर, पंचकूला, अजय सिंह ईएसएचएम,जीएमएस भटसाना, रेवाड़ी, उर्मिला देवी, टीजीटी संस्कृत, जीएमएस, ढाणी रहीमपुर, लोहारू भिवानी, पवन कुमार वत्स, टीजीटी संस्कृत, जीएचएस, रावलवास खुर्द, लौहारु, हरेंद्र सिंह, टीजीटी सामाजिक अध्ययन, जीजीएचएस, मानकवास चरखी दादरी, जगबीर सिंह, टीजीटी सामाजिक अध्ययन,जीएमएस कुंडल रेवाड़ी, जयवीर सिंह, टीजीटी हिन्दी, जीएचएस, शेखपुरा हिसार, कुलदीप सिंह, टीआरटी हिन्दी, जीएसएसएस मुरथल, सोनीपत, बिक्रम सिंह, टीजीटी मेथ, जीएचएस कटवाल, सोनीपत, राजेन्द्र शर्मा टीजीटी मेथ,जीएमएस डुमरा कैथल, सुनीता टीजीटी विज्ञान, सार्थक, जीआईएमएसएसएस, सेक्टर-12-ए, पंचकूला शामिल हैं। इन्हें 21 हजार रुपए की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र, शाल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इसके अलावा, ओम प्रकाश टीजीटी विज्ञान, जीएमएस कुंडल, रेवाड़ी, भूपेंद्र सिंह, टीजीटी विज्ञान, जीएसएसएस, राजगढ़, रेवाड़ी, वंदना खटकर, टीजीटी विज्ञान, जीजीएसएसएस, नाहरा, सोनीपत, ओम प्रकाश पीटीआई, सार्थक जीआईएमएसएस, सेक्टर -12 ए पंचकूला, राजकुमार, प्रमुख शिक्षक ,जीपीएस सीमला कैथल, मोहम्मद फ़ारूक़, प्रमुख शिक्षक ,जीपीएस नीमका, मेवात, उषा गुप्ता हेड टीचर जीपीएस, सूरजपुर, पंचकूला, आशा रानी, प्रमुख शिक्षक ,जीपीएस, भाकली, रेवाड़ी, दारा सिंह, पीआरटी,जीपीएस, गोविंदपुरा, चरखी दादरी, महाबीर प्रसाद, पीआरटी जीपीएस, भिरडाना, फतेहाबाद, विनोद कुमार पीआरटी, जीपीएस, नया गाँव सोहना गुरुग्राम, सुशील कुमार, पीआरटी, जीपीएस, सीढा माजरा, जींद, डॉ. कविता पीआरटी, जीजीपीएस, संघन, कैथल, प्रमिला, पीआरटी, जीपीएस, बुचावास महेंद्रगढ़,राजेश कुमार, पीआरटी, जीपीएस मदनपुर, पंचकुला, भूदत्त शर्मा, पीआरटी, जीपीएस भाकली रेवाड़ी, प्रतिभा, पीआरटी, जीजीपीएस, मॉडल टाउन, रोहतक, सुनिता छिक्कारा, पीआरटी , जीएमएस, रेवली, सोनीपत को भी शिक्षक सम्मान से नवजा गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने सभी का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुनील गुलाटी, राज्यपाल के सचिव श्री विजय सिंह दहिया तथा प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री महेश्वर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।