अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण -पश्चिम जिले के थाना पालम गांव की टीम ने आज एक ऐसे शख्स को अरेस्ट किया हैं जिसने द्वारका में चार करोड़ के ऑफिस स्पेस को आधे रेट के प्रलोभन देकर अपने साथियों के साथ मिलकर दो करोड़ रूपए की ठगी करने के एक आरोपित को अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए आरोपित का नाम विनीत भरद्वाज हैं, इस आरोपित के कब्जे से पुलिस ने आज 70 लाख 40 हजार रूपए बरामद किया हैं।
पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता पेशे से एक चार्टेड अकाउंटेंट सनी नाम के एक आरोपित से संपर्क किया कि वह द्वारका में 4 करोड़ की कीमत के एक ऑफिस स्पेस को आधे रेट में व्यवस्थित कर सकता है । यह लुभावने ऑफर दरअसल उसे धोखा देने का प्रलोभन था। आरोपित सनी ने उन्हें बताया, द्वारका में एक ऑफिस मालिक को पैसे की सख्त जरूरत है, अगर वह एकमुश्त में अधिकतम भुगतान कर सकता है तो उसे आधी कीमत में ऑफिस स्पेस मिल सकता है । उन्हें कम से कम एक करोड़ नकद का इंतजाम करने को कहा गया। ताकि संकटग्रस्त विक्रेता के साथ बातचीत के समय नकदी को टेबल पर रखा जा सके। शिकायतकर्ता आरोपित के जाल में आता है। उसने अपने दोस्तों से संपर्क कर जानकारी ली और किसी तरह एक करोड़ रुपये की नकदी का इंतजाम किया। परिवादी को 11 मार्च 2021 को नई दिल्ली के महावीर एन्क्लेव में कैश लाने को कहा गया। पूर्व साजिश और सनी के सहयोगियों के अनुसार उपरोक्त कार्यालय में शिकायत कर्ता से मुलाकात की और उसे आश्वासन दिया कि सनी ऊपर उल्लिखित सौदे के लिए दूसरी पार्टी ला रहा था । उन्होंने जोर देकर कहा कि वे डील से पहले कैश की गिनती करेंगे ।
सुरक्षा के बहाने कैश गिनने के बाद उन्होंने उपरोक्त कार्यालय के आसपास के कमरे में रखी नकदी को बंद करने को कहा। कुछ समय बाद उनमें से दो आरोपित किसी काम के बहाने बाहर चले गए. लेकिन असलियत में वे एक और बगल के फ्लैट में पहुंच गए,जिनमें से बाथरूम में एग्जॉस्ट है । वे ऊपर निकास के बोल्ट खोला जो कमरे के साथ संलग्न रसोई घर में खुलता है, जिसमें ऊपर नकदी रखा गया था। इसके बाद किसी जरूरी काम के बहाने तीसरा आरोपित ऊपर के कमरे में गया और उसे अंदर से बंद कर दिया और तेजी से अपने साथियों को बताया निकास के माध्यम से नकदी बंद कर दिया । इसके बाद वह कमरे से बाहर आया और जूस पीने के लिए बाहर चला गया। शिकायतकर्ता को पता नहीं था कि पैसे ठगा गया है और ऊपर कार्यालय से बाहर निकाला गया है। वह इंतजार करते रहे और आरोपित व्यक्तियों को फोन करते रहे, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। जब शिकायत कर्ता को शक हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। उन्होंने पुलिस को फोन किया। ऊपर के कमरे का दरवाजा जबरदस्ती खोला गया और शिकायतकर्ता द्वारा स्वीकार किए गए अनुसार कोई नकदी नहीं मिली । इस पूरी साजिश की योजना आरोपित सनी ने बनाई थी, जिसमें पूर्व में उल्लिखित आरोपित लोग शामिल थे।