अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के थाना तिलक मार्ग ने आज व्हाट्सएप हैकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी करने में शामिल एक नाइजीरियाई गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने उस समय धर दबोचा जब वह बेंगलुरु के एटीएम से ठगी की रकम निकाल रहा था। पुलिस ने इस नाइजीरियन ठग से 4 मोबाइल फोन , 8 एटीएम कार्ड, एटीएम से ठगी गई नकदी बरामद किए हैं। अरेस्ट किए गए आरोपित का नाम ओकुवुदिरी पास्कल, निवासी होसकेते, पीएस होसकेते, एमवीजे अस्पताल के पास, बैंगलोर स्थायी निवासी इमोस्टेटर, नाइजीरिया संघीय गणराज्य, उम्र 40 वर्ष है। इस आरोपित को एफआईआर संख्या 149/2021, भारतीय दंड संहिता की धारा 419/420/511 आईपीसी एंव 66 डी आईटी अधिनियम, गत 05 नवंबर -21, पीएस तिलक मार्ग,नई दिल्ली में दर्ज केस में अरेस्ट किया गया हैं।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गत 02 नवम्बर 2021 को, शिकायतकर्ता रंगलाल जमुदा ने बताया कि उन्हें एक व्हाट्सएप संदेश मिला कि व्हाट्सएप पर सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है जिसके लिए सिस्टम 6 अंकों का कोड उत्पन्न कर रहा है और जैसे ही शिकायतकर्ता ने अपना मोबाइल नंबर टाइप किया। उसके बाद उस अज्ञात मोबाइल नंबर द्वारा प्रदान किया गया 6 अंकों का कोड शिकायतकर्ता की व्हाट्सएप स्क्रीन गैर-कार्यात्मक हो गया और उसका व्हाट्सएप किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हैक कर लिया गया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि हैकर ने उनके रिश्तेदारों को व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजना शुरू कर दिया और विभिन्न आधारों पर राशि के हस्तांतरण का अनुरोध किया। फेडरल बैंक के बैंक खाता नंबर एंव राशि ट्रांसफर करने के लिए आरोपी ने आईडीबीआई बैंक मुहैया कराया था. अत: उपरोक्त मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पीएस तिलक मार्ग और स्पेशल स्टाफ नई दिल्ली जिले के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम जिसमें इंस्पेक्टर शामिल हैं। विशाल चौधरी, एसआई सतेंद्र यादव, कॉन्स्टेबल संदीप, सी.टी. जीवन एंव महिला कांस्टेबल मीना को एसीपी/बीके रोड की कड़ी निगरानी में और डीसीपी/नई दिल्ली के समग्र पर्यवेक्षण के तहत गठित किया गया और बैंगलोर भेजा गया। टीम ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते के विवरण की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी व्यक्ति कई पीड़ितों को अलग-अलग आधारों पर बहला -फुसलाकर बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। यह भी पता चला कि पुलिस से बचने के लिए आरोपी व्यक्ति नियमित रूप से अपने बैंक खाते बदल रहे थे। यह भी पता चला कि जैसे ही किसी पीड़ित ने बैंक में राशि ट्रांसफर की, उसी को बनासवाड़ी, बैंगलोर में अलग-अलग एटीएम से निकाला जा रहा था। गत 16 नवम्बर -21 को पीएस तिलक मार्ग और स्पेशल स्टाफ नई दिल्ली जिले की टीम द्वारा एक जाल बिछाया गया जिसमें इंस्पेक्टर विशाल चौधरी शामिल थे। एसआई सतेंद्र यादव, कांस्टेबल . संदीप, सी.टी. जीवन एंव महिला कांस्टेबल मीना फेडरल बैंक, बनासवाड़ी शाखा, बैंगलोर कर्नाटक। आरोपी ओकुदुदिरी पास्कल जब एटीएम के पास पहुंचा तो दिल्ली पुलिस की टीम हरकत में आ गई। आरोपित ने ठगी की रकम एटीएम से 20000/- रुपये निकाल लिए। पुलिस की कार्रवाई का शक होने पर उसने मौके से भागने की कोशिश की और एक स्कूटी सवार से टकरा गया, जो नीचे गिर गया। दिल्ली पुलिस की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उसे काबू किया और आरोपी को मौके पर ही अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तारी के बाद बैंक खाते के एटीएम व तत्काल मामले से संबंधित मोबाइल नं. उसके कब्जे से 20,000/- रुपये की बरामद की गई इसके अलावा उनके पास से 07 अन्य एटीएम कार्ड, कई सिम कार्ड और चार मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। यह दिल्ली पुलिस द्वारा उजागर किए गए दुर्लभ मामलों में से एक है जिसमें बेंगलुरु में एटीएम से ठगी की राशि निकालते समय एक आरोपी को मौके पर ही अरेस्ट किया गया है। जांच के दौरान, यह पता चला कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी रैकेट है और आरोपित व्यक्तियों ने पूरे भारत में सैकड़ों अन्य निर्दोष पीड़ितों को धोखा दिया है। आरोपित को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। गत 19 नवम्बर -21 को, उन्हें Ld.MM के समक्ष पेश किया गया। चूंकि विस्तृत जांच की आवश्यकता है, इसलिए पूरे अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए थाना तिलक मार्ग की टीम द्वारा आरोपितों का 08 दिन को पुलिस रिमांड पर लिया गया हैं।
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