अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:ऑल इंडिया लॉयर्स फोरम ने नई आपराधिक विधियों के कार्यान्वयन और इसकी चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सेक्टर-15 स्थित सामुदायिक भवन में किया गया। इस सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के जज राजेश बिंदल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन विकास वर्मा एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया एवं ऑल इंडिया लॉयर्स फोरम के सह.अध्यक्ष ने किया। इस सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बिजेन्द्र चाहर, एवं हरियाणा पुलिस की आईजी एवं सीनियर आईपीएस डा. राजश्री सिंह, फरीदाबाद पुलिस के डीसीपी मकसूद अहमद तथा फरीदाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान जोगेन्द्र नरवत, महासचिव पवन पाराशर सहित फरीदाबाद जिले के वरिष्ठ अधिकारी गण एवं जिला प्रशासनिक अधिकारी तथा विशिष्ट सामाजिक लोग सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
सम्मेलन में न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि आपराधिक कानूनों में बदलाव होना स्वाभाविक है क्योंकि हमारा कानून की धाराएं बहुत पुरानी हो चुकी है और न्यायिक दृष्टिकोण से कानूनी सुधार एवं निरन्तर ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। जिससे कानून को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस एवं अधिवक्ताओं के लिए आपराधिक कानून को गहनता से समझने की जरूरत है। जिससे आम जनों को न्याय आसानी से मिल सकें। इस मौके पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बृजेंद्र चाहर ने नए आपराधिक कानूनों के संवैधानिक और प्रक्रियात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका और कानूनी विशेषज्ञों की भूमिका इन कानूनों के सुचारू क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण होगी, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मौलिक अधिकारों का संरक्षण बना रहे।हरियाणा पुलिस की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री सिंह ने कानून प्रवर्तन के दृष्टिकोण से अपनी बात रखते हुए बताया कि नई कानूनी प्रणाली के अनुकूल होने में पुलिस को किन परिचालन संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों और विभागों के बीच समन्वय की। जिससे की कानून आम जनों तक पहुंच सकें। फरीदाबाद पुलिस के डीसीपी क्राईम मकसूद अहमद ने कहा कि नए क्रिमिनल कानूनों के लिए ट्रेनिंग एवं जागरूकता बहुत ही आवश्यक है। ताकि आम जनों को न्याय दिलाने में कोई गलती न हो। इस मौके पर सम्मेलन के आयोजक विकास वर्मा ने सभी अतिथियों का बुक्के देकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने न्यायाधीश राजेश बिंदल का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सम्मेलन फरीदाबाद के लिए बहुत ही गौरव एवं गर्व का विषय है कि माननीय न्यायमूर्ति ने अधिवक्ताओं एवं समाज के प्रबुद्ध लोगों को आपराधिक कानूनों से अवगत करवाया। इस मौके पर सीनियर एडवोकेट आरपी वर्मा, एस.के. वर्मा,अनिल चौधरी, भूपेन्द्र दलाल, आरडी वर्मा, देवेन्द्र तेवतिया, मनीष वर्मा, बार काउंसिल के कॉ-आफ्टिड सदस्य राजेश खटाना, मास्टर रतिचंद नागर, शिक्षाविद् वाईके माहेश्वरी, सपना वर्मा एडवोकेट, अशोक जार्ज, राजू वर्मा, नारायण सिंह, सुरेश वर्मा, हरीचंद नागर, सौरव यादव, संजीत भड़ाना, मुकेश कुमार, रमेश टंडन, श्याम सुन्दर कटारिया, एम.पी. नागर, लविश वर्मा, कविता वर्मा, राजेन्द्र नागर, मास्टर दलबीर कौशिक, संदीप वर्मा एडवोकेट, अनामय मिश्रा, आकृति कौलार, दिव्य गोयल, प्रतीक भारद्वाज, मानव रचना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एस.के. बौद्ध, बी.एस. अनंगपुरिया, इंस्टीट्यूट लॉ एवं रिसर्च के कानून के वरिष्ठ छात्र-छात्राएं सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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