अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के ओखला लैंडफिल साइट के आसपास रहने वाले लाखों लोगों को दिसंबर तक कूड़े के पहाड़ से निजात मिल सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़े की प्रोसेसिंग प्रक्रिया की समीक्षा की और दिसंबर तक साइट से कूड़े का पहाड़ खत्म करने का एलान किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मई 2024 तक कूड़े को साफ करने का लक्ष्य है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि दिसंबर तक इसे साफ कर दें। इस साइट पर अभी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा है। यहां से कूड़ा खोदकर निकालने की क्षमता तो 17 हजार मीट्रिक प्रतिदिन टन है, लेकिन कूड़े को डिस्पोज करने की प्रतिदिन क्षमता अभी 4 से 4.5 हजार मीट्रिक टन ही है। हम डिस्पोज करने की क्षमता बढ़ा रहे हैं। उम्मीद है कि एक अप्रैल तक कूड़े को डिस्पेज करने की क्षमता 10 हजार मीट्रिक टन और एक जून तक 15 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन हो जाएगी। अगर प्रतिदिन 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा डिस्पोज किया जाता है, तो हम ओखला के कूड़े को दिसंबर तक साफ कर देंगे।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्लीवालों को जल्द से जल्द निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़ा हटाने के कार्य का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन के जरिए कूड़े को खत्म करने को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री कैलाश गहलोत, दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, डिप्टी मेयर आले इकबाल समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि करीब 26 साल पहले ओखला लैंडफिल साइट पर कूडा आना शुरू हुआ था। वर्तमान में यहां पर करीब 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। 2019 से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा उठाने का काम धीरे-धीरे शुरू हुआ था। अभी तक यहां से करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है। लेकिन अभी भी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है। इस कूड़े के पहाड़ को मई 2024 तक साफ करने का लक्ष्य है। कूड़े के पहाड़ को साफ करने के लिए सभी ऑफिसर्स और इंजीनियर लगे हुए हैं। उनका प्रयास है कि मई 2024 की बजाय दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को साफ कर दिया जाए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओखला लैंडफिल साइट से कूडा खोद कर (बायो माइनिंग) निकालने की क्षमता बहुत है। यहां कूड़ा खोदकर निकालने की क्षमता करीब 17 हजार मीट्रिक टन है। लेकिन यहां से कूड़ा निकालकर बाहर डिस्पोज करने की क्षमता अभी कम है। यहां से कूड़ा खोदकर निकालेंगे, तो उसे कहीं न कहीं लेकर जाना पड़ेगा। तीन तरह के कूड़े होते हैं। जिसे सीएंडडी वेस्ड, आरडीएफ और इनर्ट कूड़ा कहते हैं। अभी कूड़े को डिस्पोज करने की क्षमता 4-4.5 हजार मीट्रिक टन की है। जिसकी वजह से अभी हम लोग 17 हजार मीट्रिक की अधिकतम क्षमता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अभी ओखला लैंडफिल साइट से प्रतिदिन 4-4.5 हजार मीट्रिक टन कूड़ा ही निकाल कर डिस्पोज हो पा रहा है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments