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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील, इस वर्ष ‘भारत रत्न’ का सम्मान ‘‘भारतीय डाॅक्टर’’ को मिलना चाहिए- अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज स्टेपवन की तरफ से आयोजित ‘डॉक्टर डे’ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम ने भारत सरकार ने अपील की कि इस साल का ‘भारत रत्न’ का सम्मान ‘‘भारतीय डाॅक्टर’’ को मिलना चाहिए। ‘भारतीय डॉक्टर’ मतलब सभी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक से है। शहीद हुए डाक्टर्स को यह सच्ची श्रद्धांजली होगी। साथ ही, अपनी जान और परिवार की चिंता किए बिना सेवा करने वालों का यह सम्मान होगा। सीएम ने कोरोना के दौरान शहीद हुए डाॅक्टर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स को पूरे देश की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करते कहा कि दिल्ली सरकार ने शहीद हुए डाॅक्टर या फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी। यह कोई मुआवजा नहीं है,बल्कि यह धन्यवाद बोलने का एक तरीका है कि हम आपके प्रति कृतज्ञ हैं। सीएम ने यह भी कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली सरकार अपनी तैयारियां कर रही है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘इस वर्ष “भारतीय डॉक्टर” को भारत रत्न मिलना चाहिए। “भारतीय डॉक्टर” मतलब सभी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक, शहीद हुए डाक्टर्स को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अपनी जान और परिवार की चिंता किए बिना सेवा करने वालों का यह सम्मान होगा। पूरा देश इससे खुश होगा।’’‘डॉक्टर डे’ समारोह में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के अलग-अलग राज्यों से स्टेप वन से जुड़े 200 से ज्यादा डॉक्टर और वाॅलेंटियर्स ने हिस्सा लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले ‘डॉक्टर्स डे’ समारोह में मुख्य अतिथि बनाए जाने के लिए स्टेप वन संस्था को धन्यवाद दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्टेप वन की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि स्टेप वन की पूरी टीम ने पिछले डेढ़ साल में कोविड-19 दौरान पूरे देश में बढ़-चढ़कर लोगों की सेवा की है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह से पूरी मेडिकल समुदाय ने आगे बढ़कर इस कोरोना काल में देश की सेवा की है, लोगों की मदद की है, पूरा देश इसके लिए बहुत-बहुत आभारी है। मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत सारे ऐसे डॉक्टर को जानता हूं, जो कई-कई महीनों तक अपने घर नहीं गए। वो अपने बच्चों की परवाह किए बिना, अपने परिवार की परवाह किए बिना और कोरोना की परवाह किए बिना, अपनी जान की बाजी लगाकर पूरी लगत के साथ लोगों की सेवा की। इसके बदले में उनको कुछ नहीं मिलता था। इसके बदले में उनको कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मिलता था और उनको इसके बदले में कोई अतिरिक्त पद नहीं मिलता था। फिर भी ऐसे समय में पूरी सिद्दत के साथ डाॅक्टर्स ने लोगों की सेवा की। ऐसे सभी डॉक्टर, सभी नर्स और स्टाफ को हम सलाम करते हैं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने वाट्सएप पर आए एक मैसेज का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे पास वाट्सएप पर एक मैसेज आया था, जिसमें बहुत ही दिलचस्प लिखा था कि कोरोना के काल में मंदिर बंद हैं, क्योंकि भगवान सफेद कोट पहन कर अस्पतालों में घूम रहा है। लोगों की डॉक्टर के प्रति जो भावना है, वह यह है कि लोग डाॅक्टर्स को भगवान की तरह पूजते हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐसे भी कई मौके आए, जब कुछ लोगों ने डॉक्टर के साथ गलत व्यवहार किया। देश में कई ऐसे मौके देखने को मिले। हालांकि 90-95 फीसद मामलों डॉक्टर्स जैसा भी हो, बर्दाश्त करते हैं और सामने वाले मरीज की स्थिति को समझते हुए, उसकी मानसिकता को समझते हुए बहुत कुछ बर्दाश्त करते हैं, लेकिन जो चीजें बर्दाश्त से बाहर हो जाती है, तो डाॅक्टर्स को कभी-कभी विरोध भी करना पड़ता है। इतनी कठिन परिस्थितियों के अंदर भी डॉक्टर्स ने पूरी सिद्दत के साथ काम किया। इस दौरान कई सारे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को हम लोगों ने खोया भी है। लोगों की सेवा करते-करते कई लोग शहीद हो गए। मैं उन सब लोगों को श्रद्धांजलि देता है, उन सभी लोगों को सलाम करता हूं और पूरे देश की तरफ से उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सामने जो भी समस्याएं आई, हमने उसको दूर करने कोशिश की। दिल्ली में जो भी डॉक्टर या फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना का काम करते-करते शहीद हुए दिल्ली सरकार ने उनके परिवार को एक-एक रुपए की सम्मान राशि दी। यह कोई मुआवजा नहीं है, यह धन्यवाद बोलने का एक तरीका है कि हम आपके साथ खड़े हैं और हम आपके प्रति कृतज्ञ हैं। इसके अलावा, कोरोना काल के दौरान बहुत सारे ऐसे डॉक्टर थे, जो अपने घर नहीं जा सकते थे, उन्हें डर था कि अगर वे घर गए तो उनकी वजह से उनके परिवार के लोगों को कोरोना न हो जाए। उस वक्त हमने उनके रहने के लिए बहुत अच्छी सुविधाओं की व्यवस्था की, ताकि वह डॉक्टर जब तक कोरोना के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, तब तक अपने घर न जाकर सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई बेहतर सुविधा के अंदर रह कर काम करते रहें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्टेप वन की तरफ से हम लोगों को बहुत मदद मिली। खासकर जो कॉल आती थी और प्रतिदिन की काउंसलिंग में स्टेप वन ने बहुत मदद की। जब भी हमने किसी भी तरीके की मदद मांगी, हमें स्टेप वन की तरफ से बहुत मदद मिली। हमारे जो जितने कोविड सेंटर होते थे, वहां भी जब डॉक्टर नहीं होते थे, तो स्टेप वन की मदद लेते थे। उसके लिए हम बहुत-बहुत आभारी हैं। सीएम ने कहा कि हम सुन रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है। दिल्ली सरकार की तरफ से संभावित तीसरी लहर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भगवान न करें कि तीसरी लहर आए, लेकिन जिस तरह से पूरी दुनिया में हम बातें सुन रहे हैं, उसे देखकर हमें अपनी पूरी तैयारी करनी है। स्टेप वन और दिल्ली सरकार के बीच यह रिश्ता आगे भी बना रहेगा। मैं भारत सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि इस साल का ‘भारत रत्न’ एक भारतीय डॉक्टर को मिलना चाहिए। भारतीय डॉक्टर से मेरा मतलब व्यक्ति विशेष से नहीं है, भारतीय डॉक्टर से मेरा मतलब सारे डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक से है। यह शहीद हुए डाॅक्टर्स को सच्ची श्रद्धांजलि होगी और इससे पूरा देश खुश होगा।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘भारतीय डाॅक्टर’ को ‘भारत रत्न’ की उपाधि देने की मांग को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अपील भी की है। सीएम ने पत्र में लिखा है, ‘‘देश चाहता है कि इस वर्ष ‘भारत रत्न’ का सम्मान ‘भारतीय डॉक्टर’ को दिया जाए। इससे मेरा तात्पर्य किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है। देश के सभी डॉक्टर्स, नर्स और पैरामैडिक्स के समूह को यह सम्मान मिलना चाहिए।’’
उन्होंने आगे लिखा है, ‘‘कोरोना से लड़ते हुए अनेक डॉक्टरों और नर्सों ने अपनी जान गंवाई। यदि हम उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करते हैं, तो यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। लाखों डॉक्टरों और नर्सों ने अपनी जान और परिवार की परवाह किए बिना निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की। उन्हें सम्मानित करने का और शुक्रिया कहने का इससे अच्छा तरीका और क्या हो सकता है।’’सीएम ने पत्र में कहा है, ‘‘यदि नियम किसी समूह को ‘भारत रत्न’ देने की इजाजत नहीं देते, तो मेरा आपसे आग्रह है कि नियमों को बदला जाए। आज सारा देश अपने डॉक्टरों का आभारी है। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने से हर भारतीय को खुशी होगी।

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