अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को जूम के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को लेकर बैठक की। इसके संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति और बेहतर वितरण सुनिश्चित करने के लिए तीन आईएएस अधिकारियों और 20 से अधिक कॉल सेंटर कर्मचारियों को नियुक्त किया है। ऑक्सीजन की आपूर्ति आज 450 मीट्रिक टन और परसों तक 500 मीट्रिक टन की सीमा तक पहुंचनी चाहिए। केजरीवाल सरकार कोविड-19 महामारी के मुश्किल समय में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी प्रयास कर रही है और ऑक्सीजन आपूर्ति प्रबंधन को बेहतर करने पर काम कर रही है। दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन के वितरण के नेटवर्क में सुधार करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।
दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग 11 मई 2021 तक लगभग 976 मीट्रिक टन होगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 590 मीट्रिक टन ऑक्सीजनआवंटित की है। ऑक्सीजन की कोई कमी ना रहे यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है। दिल्ली सरकार आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, ऑक्सीजन की आवाजाही नियमित करने और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता निर्धारित रोस्टर के अनुसार दिल्ली को आपूर्ति करें, यह सुनिश्चित कराने की दिशा में काम कर रही है। दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति आसपास के जिलों रुड़की, पानीपत, गाजियाबाद आदि से की जानी चाहिए, ताकि कम समय में अधिक आपूर्ति हो सके। वर्तमान में ऑक्सीजन की आपूर्ति देश के पूर्वी हिस्सों से हो रही है, जिसके कारण काफी समय लग रहा है। दो दिन पहले ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन की आवाजाही शुरू हो गई और 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर आ गयी। दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के साथ निकटता से काम कर रही है। रेल मंत्रालय,आईओसीएल और कॉन कॉर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। भारत सरकार ने दिल्ली को अतिरिक्त सात आईएसओ कंटेनर दिए हैं। दिल्ली सरकार ने प्रत्येक ऑक्सीजन प्लांट के स्थानों पर अधिकारियों की एक टीम को भी तैनात किया है। यह टीम यह सुनिश्चित करती है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी और प्रशासनिक बाधा न आए। एसओएस अलर्ट के जरिए ऑक्सीजन से जुड़ी स्थिति की गंभीरता का पता लगाने के लिए दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का प्रयास है कि सभी चुनौतियों को दूर कर दिल्ली के भीतर ऑक्सीजन वितरण नेटवर्क में सुधार किया जाए। राष्ट्रीय राजधानी में बड़े अस्पताल तरल ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जबकि छोटे अस्पताल मिश्रित तरल ऑक्सीजन और गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। दिल्ली के भीतर 14 रिफिलर हैं। इन रिफिलरों को विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से तरल ऑक्सीजन मिलती है। इसके बाद वे गैस सिलेंडर भरते हैं और उन्हें विभिन्न संस्थानों तक पहुंचाते हैं। दिल्ली की एक-चौथाई ऑक्सीजन आपूर्ति सिलेंडर पर निर्भर है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रणाली को विकेंद्रीकृत किया है और संबंधित डीएम को कामकाज सुनिश्चित करने के लिए शक्तियां दी हैं। संभागीय आयुक्तों के तहत टीमों का गठन किया गया है, जो टैंकरों की गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी रख रहे हैं। दिल्ली ने ऑक्सीजन के बेहतर उपयोग के लिए एक उचित वितरण और आवंटन रणनीति तैयार की है। कई गैर-सरकारी संगठन और धार्मिक संगठन इस महामारी से लड़ने में बहुत मदद कर रहे हैं। ऑक्सीजन संकट के लिए तीन आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में आपातकालीन हेल्पलाइन बनाई गई है जो कि 24 घंटे संचालित है। बीस से अधिक कॉल सेंटर कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं।दिल्ली सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए बेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। सरकार की कोशिश है कि सरकारी अस्पतालों में बेडों की क्षमता 5200 से बढ़ाकर 7200 की जाए। दिल्ली सरकार बेड की क्षमता बढ़ाने के लिए गैर-कोविड अस्पतालों को कोविड केयर अस्पतालों में बदलने के लिए दिन-रात काम कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 3 मई 2021 को 89,297 टीके लगाए गए हैं। टीकाकरण की पहली डोज 61 हजार से अधिक लोगों को दी गई है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments