अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझावों के मद्देनजर ‘हरियाणा बकाया राशि की वसूली के लिए एकमुश्त निपटान योजना 2025’ में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। भाजपा के संकल्प पत्र के अनुरूप संशोधित योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे करदाताओं को लाभ पहुंचाना है। इस योजना के तहत, जिस आवेदक पर किसी संबंधित अधिनियम के तहत सभी वर्षों में, 10 लाख रुपये तक का कर बकाया है, उसे एक लाख रुपये की छूट मिलेगी। उल्लेखनीय है कि छोटे व्यापारियों के बकाए का प्रतिशत काफी अधिक है, जो 10 लाख रुपये से कम है और वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। आवेदक नियत तिथि से 180 दिनों के भीतर इस योजना का विकल्प चुन सकता है। संबंधित अधिनियम की किसी भी धारा के तहत लगाए जाने वाले ब्याज के साथ-साथ जुर्माना भी संबंधित अधिनियम के तहत उस विशेष वर्ष के लिए माफ कर दिया जाएगा, जिसके लिए आवेदक ने आवेदन किया है। इसके अलावा, योजना के तहत वसूल की जाने वाली बकाया राशि को, योजना के लिए आवेदन की तिथि तक बकाया राशि के आधार पर निर्धारित की जाएगी। जीएसटी व्यवस्था में बकाया राशि, मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने तथा बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने के उद्देश्य से सरकार ने इस निपटान योजना को शुरू करके करदाताओं की मात्रात्मक बकाया राशि का निपटान करने का निर्णय लिया है। वसूली संबंधी चुनौतियों और विभिन्न स्तरों पर विवादित मांगों के कारण, लंबे समय से बड़ी मात्रा में बकाया राशि लंबित पड़ी हुई है।
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