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फरीदाबाद हरियाणा

70 प्रतिशत निलम्बित प्राप्तियों के ऑटो डेबिट के संबंध में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आंतरिक विकास कार्यों (आईडीडब्ल्यू)/ बाहरी विकास प्रभारों (ईडीसी) के लिए बैंक गारंटी के विरूद्ध वैकल्पिक सुरक्षा के साथ-साथ निर्मित क्षेत्र की अनुपातिक भूमि के मोर्टगेज समेत कॉलोनाइजरों से ईडीसी की वसूली हेतु कठोर उपाय करने तथा आबंटियों से अनिवार्य 70 प्रतिशत निलम्बित प्राप्तियों के ऑटो डेबिट के संबंध में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। अनुसूचित बैंकों द्वारा कॉलोनाइजरों को बैंक गारंटी जारी करने में शामिल मुद्दों के चलते मौजूदा लाईसेंस शुदा कॉलोनियों समेत लाईसेंस की सभी श्रेणियों में बैंक गारंटी की एवज में जमानत के रूप में लाइसेंसशुदा भूमि पर निर्मित क्षेत्र का हिस्सा प्राप्त करने के लिए विस्तृत  नीति मानदंड बनाए गए हैं।         

चूंकि बाहरी विकास कार्यों के निर्माण की लागत को पूरा करना, ऐसी किसी रियल एस्टेट परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण लागत घटक है और लाइसेंस प्रदान करते समय ईडीसी के विरूद्ध किए जाने वाले भुगतान उक्त समर्पित 70 प्रतिशत प्राप्ति राशि के भुगतान के लिए अर्हता प्राप्त करने के योग्य होंगे। भविष्य में  सभी कॉलोनियों को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास अधिनियम), 2016 की धारा 4 (2) (1) (डी) के तहत बनाए गए 70 प्रतिशत प्राप्तियों के खातों को एकीकृत करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसके अलावा, इस संबंध में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा -83 (1) के तहत गुरुग्राम और पंचकूला में रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरणों को निर्देश जारी किए जाएंगे। 

भविष्य में सभी लाइसेंस प्रदान करते समय कॉलोनाइजरों के साथ द्विपक्षीय समझौते में एक खंड जोड़ा जाएगा कि प्रत्येक लाइसेंस के विरुद्ध,कॉलोनाइजर अपने बैंक खाते को एकीकृत करेगा जिसमें विभाग के ऑनलाइन आवेदन / पेमेंट गेटवे के साथ, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास अधिनियम), 2016 की धारा 4 (2) (1) (डी) के तहत आवंटियों की 70 प्रतिशत प्राप्तियां इस ढंग से जमा की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी आवंटी द्वारा किए गए प्रत्येक भुगतान से कुल प्राप्ति का 10 प्रतिशत स्वत: कट जाए और राज्य के खजाने में ईडीसी हेड में जमा हो जाए। किसी आवंटी द्वारा किए गए प्रत्येक भुगतान से कुल प्राप्तियों के ऐसे 10 प्रतिशत, जो विभाग द्वारा प्राप्त किया जाता है, को कॉलोनाइजर के संबंधित लाइसेंस के ईडीसी बकाया के विरुद्ध, सरकारी खजाने में प्राप्ति की तिथि को स्वचालित रूप से जमा करवाया जाएगा। उक्त लाइसेंस के विरुद्ध कॉलो नाइजर से कुल ईडीसी बकाया वसूले जाने तक इस तरह की 10 प्रतिशत कटौती जारी रहेगी। हालांकि, ऐसे तंत्र के कार्यान्वयन से कॉलोनाइजर को बताई गई ईडीसी की किस्त अनुसूची पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कॉलोनाइजर अपने स्वयं के फंड से ऐसी स्वचालित ईडीसी कटौती का भुगतान जारी रखेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जिन ईडीसी किस्तों का भुगतान देय है, उनका  भुगतान निर्धारित अनुसूची के अनुसार होता रहे।

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