अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हथियार के बल पर सुरक्षाकर्मियों को बंधक बनाकर डकैती करने की वारदात को अंजाम देने वाले 6 आरोपितों को अपराध शाखा सेक्टर-17 की पुलिस ने अरेस्ट किया हैं। इन आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर अन्य साथी आरोपितों व अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ और बरामदगी की जाएगी।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक गत 25 फ़रवरी-2022 को थाना खेङकी दौला, गुरुग्राम में राजेश कुमार, निवासी मकान नं.-4, गली नम्बर-2 ए , विपिन गार्डन एक्शटेनशन, उत्तम-नगर पश्चिम, दिल्ली ने एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि वह जीएलएस इंफ्राकन सेक्टर – 81 एनोवे – 81 में प्रोजेक्ट हेड के पद पर कार्यरत है और इनकी सोसायटी में रात के समय 6 गार्ड व अन्य 2 व्यक्ति कैंटीन में रहते है। गत 24-25 फ़रवरी -2022 की रात को समय करीब 4 बजे सिक्योरिटी सुपरवाईजर विक्रम ने टेलिफोन के द्वारा उसको सूचना दी कि रात के करीब 2 बजे सोसायटी के गैट से अंदर लगभग 5 – 6 लोग घुस गए और सभी सुरक्षाकर्मियों को व अन्य दो व्यक्तियों को हथियार के बल पर बंधक बनाकर कैंटिन ऑफिस में बंद कर दिया। उसके बाद एक गाडी (कैंटर) कम्पनी के अंदर लगाकर कम्पनी का सामान माइवान सैटरिंग व अन्य सामान गाडी में भर लिया। सूचना मिलते ही वह जीएलएस इंफ्राकॉन, सेक्टर -81 एनोवे 81 में आया और अपने तौर पर पता किया तो नाम पता 5-6 व्यक्तियों ने सुरक्षाकर्मियों को बंधक बनाकर गाडी में सामान भरकर ले गए। इस प्राप्त शिकायत पर थाना खेड़कीदौला, गुरुग्राम में कानून की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद आरोपित धर्मेन्द्र उर्फ धरमू, हरेंद्र, सुमित उर्फ गोविन्द निवासी गांव व थाना झोझू कलां,जिला चरखी दादरी, विकास उर्फ पोपट ,निवासी खटीक मोहल्ला, वार्ड नंबर-13 , थाना लोहारू, जिला भिवानी, नकुल,निवासी गांव व थाना झोझु कलां, जिला चरखी दादरी व अमित उर्फ भांजी निवासी गांव व थाना सतनाली, जिला महेंद्रगढ़ को अरेस्ट किया गया। प्रारम्भिक पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने इस मुकदमे में सुरक्षाकर्मियों व अन्य 2 व्यक्तियों को हथियार के बल पर बंधक बनाकर सामान गाड़ी में भरकर ले जाने की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है। आरोपितों से पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त आरोपित विकास के खिलाफ पहले भी हत्या करने के प्रयास व अवैध हथियार रखने के मुकदमे दर्ज है।आरोपितों को आज अदालत के सम्मुख पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपितों से अन्य साथी आरोपितों व अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ करते हुए इस मुकदमे में इस्तेमाल किए गए हथियार, वाहन व डकैती करके लिया गया सामान बरामद किया जाएगा। मुकदमे में अनुसंधान अधीन है।