नई दिल्ली: लोकसभा में कश्मीर पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का बच्चा बच्चा यह बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं. उन्होंने कहा कि क्यों कहना पड़ा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है? क्या कभी हम यह पूछते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है? उन्होंने कहा कि धारा 370 आज सदन के आशीर्वाद से खत्म हो जाएगी और यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि धारा 370 कश्मीर और भारत को एक दूसरे से नहीं जोड़ती. गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं? अमित शाह ने कहा विरोधी पार्टी के कुछ लोग भी चाहते हैं कि कश्मीर से धारा 370 हटे. गृह मंत्री ने कहा कि बिना कैबिनेट के विश्वास में लिए ऑल इंडिया रेडियो से कश्मीर मुद्दे को यूएन ले जाने की घोषणा किसने की थी, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी. उन्होंने कहा कि विरोधी भी चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हट जाए. शाह ने कहा कि 371 और 370 के बीच का अंतर देश की जनता समझती है और आप इससे गुमराह नहीं कर पाएंगे.
अमित शाह ने कहा कि 370 पर बोलने के लिए साहस किसी में नहीं था. कहा जा रहा है कि 370 पर रास्ता सही नहीं है. लेकिन मैं बता दूं कि रास्ता तो ठीक है लेकिन आपके वोटबैंक की राजनीति के लिए ठीक नहीं है. आज कहा जा रहा है कि वहां पर इंटरनेट नहीं चल रहा है लेकिन इससे बुरी हालत तो पहले थी. हमने वहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए सब कुछ किया है और हमने कुछ नहीं होने देंगे आपको दबाव में आकर हम सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे.आरोप लगाया जा रहा है कि चर्चा नहीं की गई. लेकिन चर्चा करते-करते तो 70 साल बीत गए हैं लेकिन चर्चा का अंत नहीं हुआ. हम किससे चर्चा करें जो पाकिस्तान से चंदा लेते हैं. हम हुर्रियत से कोई बात नहीं करेंगे. लेकिन घाटी के लोग हमारे हैं. हम उनको गले से लगाएंगे. लेकिन जब वक्त बदलता है तो चर्चा करने का तरीका भी बदलना पड़ता है.
बेकारी और बेरोजगारी हर राज्य की समस्या है.लेकिन वहां 370 नहीं है. इसकी वजह से कश्मीर में अलगाववाद बढ़ा है. मैं फिर कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होंगे तो हम इसको पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे और हमें 70 साल नहीं लगेंगे और आपका बता दें कि अभी तक वहां स्थिति बिगड़ी नहीं है.कर्फ्यू लगाया गया है कि स्थिति न बिगड़े.शाह ने कहा कि कहा जा रहा है कि यह सांप्रदायिक एजेंडा है.क्या जम्मू में हिंदू, जैन बौद्ध नहीं रहते हैं. अनुच्छेद 370 से देश के अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हो रहा था. 1989 से लेकर आज तक 41900 लोग मारे गए हैं और आज भी इसी रास्ते में चलें जिस पर हम 70 सालों चल रहे हैं.कभी तो अलग हटकर सोचना पड़ेगा. मैं लद्दाख के युवा सांसद को बधाई देता हूं जिसने अपनी बात रखी है. औवैसी ने कहा कि सदन ऐतिहासिक भूल करने जा रहा है, औवैसी साहब सदन ऐतिहासिक भूल को सुधारने जा रहा है.
गृहमंत्री ने कहा, मेरी पार्टी की परंपरा है कि देश का भला किसमें हैं वह देखकर फैसला लिया जाता है. अमित शाह ने कहा कि आज किसी ने यह नहीं बताया कि अनुच्छेद 370 किस तरह कश्मीर का कल्याण कर सकती है. लेकिन मैं बताउंगा कि यह कैसे कश्मीर को नुकसान करती है. यह धारा, विकास, महिला और गरीब विरोधी है और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली है. अमित शाह ने कहा,’ मैं लौह पुरुष नहीं बनना चाहता हूं.पार्टी का साधारण कार्यकर्ता हूं. धारा 370 की वजह से बाल विवाह कानून लागू नहीं कर सकते.राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग क्यों नहीं बना वहां जैन बौद्ध अल्पसंख्यकों के रूप रहते हैं. उसके बाद शिक्षा का अधिकार देश की संसद ने दिया है. लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चों को यह अधिकार नहीं है क्योकि 370 लागू की थी.भूमि अधिग्रहण बिल लागू नहीं किया जा सका. जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन नहीं हो पाया. लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा.’ अमित शाह ने कहा कि आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी आरटीआई एक्ट की बात करती है लेकिन वहां लागू नहीं हो पाया है. क्यों कि कुछ परिवारों का भ्रष्टाचार पनप रहा है.
आपको बता दें कि वहां 370 की चिंता नहीं है चिंता इस बात की है वहां कुछ फाइलें खुल गई हैं. चिंता इसकी बात की है. ठंड में उनको पसीना आ गया है. 370 का इस्तेमाल करके लोकतंत्र का गला घोटा गया है. आज मैं पीएम मोदी के शासन को धन्यवाद देता हूं आज जम्मू-कश्मीर के अंदर 40 हजार सरपंच अने विकास का खाका खुद खींच रहे हैं. आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाला बिल राज्यसभा (Rajya Sabha) में पास हो गया. अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख (ladakh) को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पुनर्गठन बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 61 वोट पड़े. मंगलवार को यह बिल लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किया जाएगा. इससे साथ-साथ केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) को हटाने का ऐलान भी कर दिया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया. सरकार के इस फैसले को बीजेपी और उसके सहयोगियों के अलावा कुछ विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया है.