अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: ज्योतिष एक संपूर्ण विज्ञान है। अंतरिक्ष व ग्रहों की खोज में ज्यातिष विज्ञान का प्रयोगशाला के रूप में प्रयोग हुआ है। ज्योतिष अध्ययन से ग्रह नक्षत्र, तिथि, वार व भविष्य की घटनाओं का पता लगाया जाता है ।यह बात हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज स्थानीय पार्क व्यू होटल में ज्योतिष प्रांगण संस्था द्वारा आयोजित ऊर्जा-2022 सेमिनार में बोलते हुए कही।
उन्होंने कहा कि ज्योतिष वेद के छः अंगों में से एक है। ज्योतिष विज्ञान में गणित विज्ञान, गृह नक्षत्र, तिथि, वार, योग और कर्म का अध्ययन कर भविष्य की घटनाओं पर अपने मत दिए जा सकते है। इनको और आधुनिक और विश्वसनीय बनाने की आवश्यकता है। पिछलेेे कुछ वर्षो में ज्योतिष और वास्तुशात्र की विद्या में कमी आ रही थी परन्तू अब ज्योतिष क्षेत्र में काम कर रहे ज्यातिषाचार्यो की मेहनत से युवा पीढ़ी का इस प्राचीन शिक्षा की और ध्यान आकर्षित हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हस्तरेखा ज्ञान, फेस रीडिंग तथा व्यक्ति की प्रकृति की जानकारी के आधार पर उसके बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। परन्तु इसके लिए कड़ी मेहनत, गहन अध्ययन और तप की आवश्यकता है। पर्यावरणीय दबाव, ग्रहों की गति तथा सौरमंडलीय हलचल इत्यादि की जानकारी के आधार पर आज वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, बारिस की स्थिति तथा ऋतु परिवर्तन का अनुमान लगाते है,जोकि काफी सटीक भी होता है। उन्होने कहा कि आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
हमें गर्व है कि हमारी संस्कृति भागवत, ज्योतिष व वास्तु शास्त्र पर विदेशों में शोद्य हो रहे है। भारत ने शुन्य की खोज कर साबित कर दिया है कि हमारी वैदिक शिक्षा पूरी तरह प्रमाणित है। इस कार्यक्रम में उन्होनें ज्योतिष क्षेत्र से जूड़े ज्योतिषाचार्यो को सम्मानित किया। जिनमें मुख्य रूप से ज्योतिष परागण की अध्यक्षा ज्योतिषाचार्य पूनम शर्मा, ज्योतिषाचार्य अजय भामी, लेखराज, शालिनी मुंझाल व अन्य लोग शामिल रहे।
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