अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
करनाल: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज सेक्टर- 12 स्थित जाट भवन में आयोजित दलित एकता सम्मेलन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा जैसे ही मंच पर बोलने आये जय भीम के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसी ताकतें काबिज हैं जो डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को बदलने और खत्म करने पर आमादा हैं। मौजूदा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने और संविधान को कुचलने के ;लिए कदम बढ़ा रही है। संविधान पर हमला हिंदुस्तान के गरीब आदमी के अधिकार पर हमला है। संवैधानिक संस्थाएं जो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बनी हैं उनका गला घोंटकर तानाशाही स्थापित करने का प्रयास हो रहा है, ताकि गरीब के अधिकारों को मारा जा सके। आजादी के बाद देश में जो संविधान बना उसमें प्रत्येक व्यक्ति को चुनाव लड़ने और प्रत्येक व्यक्ति को वोट का अधिकार दिया गया था।
झोंपड़ी में रहने वाले और महलों में रहने वाले दोनों का वोट एक समान है। दीपेन्द्र हुड्डा ने चुनौती दी कि ये बाबा साहब का देश है और सत्ता में बैठे लोग समझ लें कि बाबा साहब द्वारा दिये गये संविधान को एक अक्षर भी इधर से उधर होने नहीं देंगे। एससी समाज के लोगों की मांग पर दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जिस प्रकार करनाल में हुड्डा सरकार ने बाबा साहब के नाम पर छात्रावास का निर्माण कराया, उसी प्रकार हरियाणा के हर जिले, हर शहर में बाबा साहब, गुरु रविदास, संत कबीर, महर्षि बाल्मिकी के नाम से छात्रावास और धर्मशाला का निर्माण करनाने की इस मांग को कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल कराने का प्रयास करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि डिनोटिफाइड ट्राइब को भी अगली पंक्ति में लेकर चलने का लक्ष्य पूरा कराएंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस सरकार ने हरियाणा को विकास की पटरी से उतार दिया। हरियाणा विकास में 17 वें पायदान पर पहुंच गया। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार में नंबर 1 बना दिया हर घर में पढ़ालिखा नौजवान बेरोजगार है। महंगाई से हर घर का बजट बिगड़ गया। सरकारी रोजगार प्रदेश ही नहीं पूरे देश में समाप्त किये जा रहे हैं या तो उन्हें कच्चे में बदला जा रहा है। सरकारी क्षेत्र की नौकरियों को प्राईवेटाइज कर बड़े उद्योगपति घरानों के हवाले किया जा रहा है। हरियाणा में कौशल निगम के जरिये पक्की नौकरियों को कच्चे में बदला जा रहा है जहां आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। हरियाणा में 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। मौजूदा सरकार कौशल निगम के जरिए बैक डोर से आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। इसमें सबसे ज्यादा किसी का हक मारा जा रहा है तो वो एससी समाज, पिछड़ा वर्ग का मारा जा रहा है। बीजेपी-जेजेपी सरकार की नाकामी के चलते ही हरियाणा समेत इस इलाके से भी युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं। इस साल होने जा रहे चुनावों के बाद हरियाणा में बदलाव होगा कौशल निगम को खत्म करके खाली पड़े 2 लाख सरकारी पदों पर पक्की भर्ती करने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी ये हमारा संकल्प है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने एक कलम से 11000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की थी। लेकिन आज सफाई कर्मचारी, ग्रामीण चौकीदार अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनको पक्का करने की मांग भी कांग्रेस पार्टी पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार द्वारा एससी समाज और गरीब कल्याण की जितनी योजनाएं चलायी जा रही थी उन्हें भाजपा सरकार ने आते ही बंद कर दिया। कांग्रेस सरकार के समय 382000 परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट आवंटित किये गये थे। उन्होंने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि अगले हरियाणा दिवस पर कांग्रेस पार्टी की सरकार 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट, इंदिरा आवास योजना, प्रियदर्शिनी आवास और सरकारी सहयोग से 2 कमरों के मकान की स्कीम के साथ ही कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली बच्चों को वजीफे देने की योजना को भी दोबारा लागू करेगी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बाबा साहब की सोच समाज को शिक्षित और संगठित करने की थी। शिक्षा के क्षेत्र में हुड्डा सरकार के समय पूरे प्रदेश में 2400 सरकारी स्कूल बने। शिक्षा विभाग में करीब 1 लाख से ज्यादा भर्ती की गयी। 12 विश्वविद्यालय बने जिसमें बाबा साहब के नाम से उत्तर भारत का अकेला विश्वविद्यालय सोनीपत में बना। सरकारी शिक्षा क्षेत्र का विस्तार हुआ ताकि गरीब घर का साधारण बच्चा भी अच्छी से अच्छी शिक्षा हासिल कर सके। इसके उलट भाजपा सरकार ने 5000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में ताला लगाकर बंद कर दिया या मर्ज कर दिया, इसके खिलाफ स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों को धरने पर बैठना पड़ा। 9 साल में शिक्षकों की कोई भर्ती नहीं की। एक नयी यूनिवर्सिटी, न कोई नया मेडिकल कॉलेज बनाया। इसकी सबसे ज्यादा चोट एससी समाज, गरीब, वंचित, कमजोर वर्ग को लगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि खुद सरकार के आँकड़े बता रहे हैं कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से हरियाणा में दलितों के खिलाफ अपराधों में 96.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हरियाणा दलित उत्पीड़न में भी नंबर 1 बन गया। 2014 में दलित समाज के खिलाफ अपराध 16.2 से बढ़कर 38.8 प्रतिशत पर पहुंच गया, यानी दलितों के खिलाफ अपराध दो-ढाई गुना बढ़ गया।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments