अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा:नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है,गांजे के साथ-साथ अब फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट ने भी दस्तक दी है.थाना सेक्टर-63 पुलिस ने 6 लोगों को अरेस्ट कर प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इनके कब्जे से 405 इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बरामद की गई है। जिनकी कीमत बाजार में 15 लाख के करीब है।
पुलिस के गिरफ्त में खडे सरगना प्रवीण गौड़, आकाश, नितिन गुप्ता, आर्यन देव , उमेश, बीरू को पुलिस ने सेक्टर- 63 में बंद पड़े रिलायंस पेट्रोल पंप के पास से अरेस्ट किया है. यह गिरोह चीन से ई-सिगरेट की तस्करी कर शहर के पब, क्लब और कॉलेजों के स्टूडेंट को बेच रहा था। एडीसीपी ने बताया कि गिरोह का सरगना प्रवीण गौड़ था, प्रवीण दिल्ली से सिगरेट लाता था जबकि आकाश सप्लाई करता था अरेस्ट किए गए नितिन गुप्ता, आर्यन देव, उमेश, बीरू इन सिगरेट की बिक्री किया करते थे।
एडीसीपी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है,जो धुएं की जगह भाप के रूप में शरीर के अंदर जाती है जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है। सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान कर दिया था। एडीसीपी ने बताया कि गिरोह के निशाने पर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्र थे, गिरोह के सदस्य एक सिगरेट 300 से 400 रुपये में खरीद कर लाते थे और 2000 से लेकर 8000 के बीच बेचते थे जिससे काफी मुनाफा होता था। उन्होंने ने बताया कि यह गिरोह करीब एक साल से ई-सिगरेट की तस्करी कर रहा था।सिगरेट के कई फ्लेवर मिले है। ये अलग- अलग कीमत की है। इनको कहा से लाया जा रहा था। इनकी सप्लाई कैसे होती थी। इसके लिए पूछताछ की जा रही है। इस पूरी सप्लाई चेन को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
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