अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति, लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ और देश के प्रति सदैव समर्पित रहने वाले जन-नेता भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जीके निधन का समाचार सुन कर मर्माहत हूँ। राष्ट्र के निर्माण में उनका योगदान सदैव अनुकरणीय रहेगा। प्रणब मुखर्जी जी लोकप्रिय जन-नेता के साथ-साथ योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी भी थे। वे हमेशा आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहे। लगभग छः दशक की उनकी राजनीतिक यात्रा मूल्य आधारित राजनीति का दैदीप्यमान उदाहरण है जो राजनीतिक जीवन में काम करने वाले हर व्यक्ति के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हर पद पर ईमानदारी से देश की सेवा की। 1969 से वे पांच बार राज्य सभा के लिए सांसद के रूप में चुने गए।
2004 में वे लोक सभा सांसद निर्वाचित हुए। साल 1973 में वे पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। उन्होंने वित्त, गृह, विदेश और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को बखूबी संभाला। वर्ष 2012 में प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति बने और वे 2017 तक इस पद पर रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ उनकी जोड़ी देश सेवा की अद्भुत मिसाल बनी। मोदी सरकार ने 2019 में राष्ट्र के महान सपूत प्रणब मुखर्जी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया। असाधारण व्यक्तित्व के धनी मुखर्जी एक अद्भुत और शानदार सांसद थे। वे परंपरा और आधुनिकता के महान संगम थे। अपने छः दशक के अभूतपूर्व सार्वजनिक जीवन में अनेक उच्च पदों पर रहते हुए भी वे सदैव आम जन और जमीन से जुड़े रहे।
अपनी ओजस्वी प्रतिभा और सौम्य स्वभाव के बल पर वे सर्वप्रिय और सम्मानित थे। उनके निधन से देश को भारी क्षति हुई है। उनके निधन से देश के राजनीतिक क्षेत्र में एक बड़ी रिक्तता आई है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। देश और देश की जनता के प्रति उनका समर्पण सदैव हम सभी को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। अत्यंत दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुखर्जी के शोकाकुल परिवार एवं सहयोगियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।