अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: एनएसजी (NSG) कैंपस में कंस्ट्रक्शन का ठेका दिलाने के नाम पर लगभग सवा सौ करोड़ की ठगी करने वाले मुख्य आरोपित डिप्टी कमांडेंट सहित कुल चार आरोपितों को गुरुग्राम पुलिस ने अरेस्ट किया हैं। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से कुल 13 करोड़ 81 लाख 26 हजार रुपये की नगदी तथा 06 लग्जरी गाङियां (हरियर, रेन्जरोवर, जीप कम्पास, बी.एम.डब्ल्यू, सफारी व वोलवो) बरामद की गई। आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी । ये खुलासा आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए हैं।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गत 8 जनवरी- 2022 को पुलिस उपायुक्त मानेसर, गुरुग्राम की ई-मेल पर एक लिखित शिकायत मोनेश इसरानी द्वारा भेजी गई। इस शिकायत में शिकायतकर्ता मोनेश इसरानी ने बतलाया कि प्रवीण यादव, दिनेश मोहन सोरखी, कमल सिंह द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ सांठगांठ करके उनको एनएसजी (NSG) मानेसर में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन का टेंडर दिलाने के नाम पर उसके साथ 64.49 करोङ रुपयों की ठगी करने के सम्बन्ध में दी गई। इसके अतिरिक्त देवेन्द्र यादव, Director of YFC Projects Private Limited & DKY Projects Private Limited, श्रीमती वैशाली जैन, Director Rishab Farms & Industries Pvt. Ltd. Aurum Projects Pvt. Ltd. Working Office Add: 674 Sector 15 –II Gurgaon तथा किरण पाल यादव निवासी गुरावडा, जिला रेवाड़ी, संचालन 1. मंगला स्पन पाइप इंडस्ट्रीज 2, श्याम इण्डस्टीज 3. Sea Hawk Services फर्म से इसी प्रकार से लगभग 125 करोड़ रुपए की ठगी करने के सम्बन्ध में दी गई। प्राप्त अलग-अलग 4 शिकायतों पर थाना मानेसर, गुरुग्राम में कानून की संबंधित धाराओं के तहत कुल चार मुकदमें दर्ज किए गए। इन मुकदमें में पुलिस कमिश्नर के.के.राव गुरुग्राम के निर्देशानुसार एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान की देखरेख में एक एस.आई.टी. का गठन किया गया।
गठित की गई गुरुग्राम पुलिस की आईआईटी. पुलिस टीम ने इन मामलों में तत्परता से कार्रवाई करते हुए अपनी सूझबूझ व पुलिस तकनीकी की सहायता से उपरोक्त मुकदमों के मुख्य मास्टरमाइंड आरोपित सहित कुल चार आरोपितों को आज अरेस्ट करने में बड़ी सफलता हासिल की है, अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम प्रवीण यादव पुत्र कमल यादव, निवासी खुरमपुर खेडा, जिला गुरुग्राम, हाल निवासी वाटिका सिटी, गुरुग्राम, ममता यादव पत्नी प्रवीण यादव निवासी खुरमपुर खेड़ा, जिला गुरुग्राम, हाल निवासी वाटिका सिटी, गुरुग्राम, रितुराज यादव(बहन) प्रवीण यादव एवं पत्नी ममता यादव, रितुराज यादव पत्नी नवीन खातोदिया, निवासी एनएसजी (NSG Campus) मानेसर गुरुग्राम कार्यरत एक्सिस बैंक सेक्टर -83 SPHERE (स्फायर) MALL शाखा प्रबंधक, दिनेश, निवासी गांव सोरखी, जिला हिसार हैं।
उनका कहना हैं कि इन आरोपितों कब्जे से कुल 13 करोड़ 81 लाख 26 हजार रुपए तथा 06 लग्जरी गाड़ियां (हरियर, रेंज रोवर, जीप कम्पास, बी.एम.डब्ल्यू, सफारी व वोलवो) बरामद की गई है। आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि इस मामले का मास्टरमाइंड प्रवीण यादव बीएसएफ में बतौर डिप्टी कमांडेंट नौकरी करता है और डेपुटेशन पर पिछले वर्ष-2021 तक एनएसजी. मानेसर में तैनात रहा था। इसी दौरान यह एनएसजी. में होने वाले कन्स्ट्रक्शन के काम भी देखता था। इसी दौरान इसका कोन्ट्रक्टर्स से सम्पर्क हुआ।
यह कई वर्षों से यह शेयर मार्केट में रुपए लगाता रहा है और इसको शेयर मार्केट लाखों का नुकसान हो गया था जिसकी भरपाई करने के लिए इसने ठगी करने की योजना बनाई। योजना के तहत यह लोग कॉन्ट्रैक्टर्स को यह कहकर विश्वास में लेता था कि वह एन.एस.जी. में वह रोड, कंस्ट्रक्शन व सोलर बिजली लगवाने इत्यादि का बडा टैन्डर दिला देगा। वह खुद को एक आईपीएस अधिकारी बताया और यह लोगों को प्रभावित करने के लिए महंगी/लग्जरी गाड़ियां रखता था तथा टेंडर दिलाने के नाम पर रुपए ले लेता था।
आरोपितों से पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त मुख्य आरोपित प्रवीण यादय का जीजा व इसकी बहन रितुराज एन.एस.जी. परिसर में ही रहते है और उसकी बहन सैफायर मॉल स्थित एक्सिस बैंक में नौकरी करती है। उसी की मदद से उक्त आरोपित प्रवीण यादव ने फर्जी नाम से बैंक अकाउंट खुलवाए और उसी में ठगी के रुपयों को लेने लगा। आरोपित प्रवीण यादव ने फर्जीवाड़े के लिए एक कम्पनी भी खुलवा रखी थी,
जिसमें प्रवीन यादव, उनकी पत्नी व उसकी बहन बतौर डायरेक्टर नियुक्त थे। जो भी ठगी के रुपए इसके द्वारा खुलवाए गए फर्जी बैंक खातों में आते उन्हें यह इसके द्वारा खुलवाई गई कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर लेता था। आरोपित प्रवीण यादव उपरोक्त लगातार इसी प्रकार की ठगी करने में सक्रिय था। यह अभी हैदराबाद कॉम्प्लेक्स में काम करवाने के नाम पर रुपयों की ठगी करना इसका टारगेट था, किन्तु उससे पहले पुलिस द्वारा इसको काबू कर लिया गया। आरोपितों को अदालत के सम्मुख पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित से उपरोक्त व अन्य फर्जीवाड़े/ठगी के बारे में गहनता से पूछताछ की जाएगी। पुलिस पूछताछ में जो भी तथ्य सामने आएंगे
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