अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार, दिल्ली वालों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर 11 किलोवाट के लटकते नंगे विद्युत तारों को केबल में बदलेगी। दिल्ली सचिवालय में संपन्न बैठक के दौरान केजरीवाल कैबिनेट ने “11 केवी के बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की पॉलिसी” को मंजूरी दे दी। पालिसी का प्रस्ताव विद्युत विभाग ने कैबिनेट के समक्ष रखा था। दिल्ली के कई इलाकों में 11 किलोवाट के लटकते विद्युत तारों से हमेशा जान-माल के नुकसान की संभावना बनी रहती है। पालिसी के तहत इन्हें इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने के बाद खतरे की संभावना हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। दिल्ली में फैले 2264 किलोमीटर बेयर कंडक्टर नेटवर्क को इंसुलेटेड कंडक्टर नेटवर्क में बदला जाएगा। जिसमे डिस्कॉम कंपनी टीपीडीडीएल 1270 किमी., बीवाईपीएल 29 किमी. और बीआरपीएल कंपनी 965 किलोमीटर बेयर कंडक्टर नेटवर्क को इंसुलेटेड कंडक्टर नेटवर्क में रूपांतरित करेगी। इस कार्य के लिए वित्त विभाग ‘जगमगाती दिल्ली’ प्रोग्राम के तहत पहले ही विद्युत विभाग को 25 करोड़ रुपए जारी कर चुका है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते दिल्ली की जनता को हर स्तर पर सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करने की हमारी जिम्मेदारी है। इसी के मद्देनजर यह पालिसी लाई गई है, ताकि बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदल कर दिल्ली की जनता को जान-माल के संभावित खतरे से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाया जा सके। दिल्ली सरकार, दिल्ली की गलियों में लटकते बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने पर काम भी कर रही है, ताकि दिल्ली की जनता विद्युत खतरे से पूरी तरह सुरक्षित हो सकें। साथ ही इससे दिल्ली की खूबसूरती में भी चार चांद लग सके। वहीं, बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अंदर गुजरते 11 किलोवाट के नंगे विद्युत तार दिल्ली वालों की जान-माल के लिए खतरा बने हुए हैं। भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना से बचाव के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 11 केवी बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने के लिए यह पालिसी लाई है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में विद्युत मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से बिजली विभाग की ओर से बनाई गई “11 केवी बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की पॉलिसी” रखी गई। बिजली विभाग ने पालिसी का प्रस्ताव रखते हुए बताया कि दिल्ली के अंदर बड़े पैमाने पर 11 किलोवाट के नंगे विद्युत तार गुजरते हैं, जो दिल्ली वालों की जान-माल के लिए हमेशा खतरा बने हुए हैं। भविष्य में इन नंगे विद्युत तारों की वजह से कोई बड़ी दुर्घटना न हो, इससे पहले इससे बचाव के ठोस पहल करने की आवश्यकता है, जिससे कि दिल्ली वालों को इससे होने वाले संभावित खतरों से बचाया जा सके। इसके लिए आवश्यक है कि सभी 11 केवी नेटवर्क के बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में तब्दील कर दिया जाए। दिल्ली कैबिनेट ने पॉलिसी के महत्व और जनता को होने वाले फायदे को लेकर विचार विमर्श किया और दिल्ली की जनता की जान-माल की सुरक्षा महत्व देते हुए 11 केवी बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की पॉलिसी को सर्वसम्मति से अपनी मंजूरी दे दी। मौजूदा समय में, मानव जीवन के लिए खतरा बने एचटी (11 केवी, 33 केवी और 66 केवी) और एलटी 400 वोल्ट विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों के स्थानांतरण को लेकर विद्युत विभाग के पास पहले से एक पॉलिसी है, जिसे दिल्ली कैबिनेट ने अगस्त 2018 में मंजूर किया था। दिल्ली कैबिनेट द्वारा अनुमोदित एचटी व एलटी लाइनों को स्थानांतरित करने की पॉलिसी की तर्ज पर विद्युत विभाग ने 11 केवी बेयर (नंगे) कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की मसौदा नीति तैयार की है। जिसे “11 केवी बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की पॉलिसी” नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मार्च 2020 में ‘जगमगती दिल्ली’ प्रोग्राम को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे, बिजली से सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बिजली वितरण कंपनी डिस्कॉम को 11 केवी नंगे (बेयर) कंडक्टर के पूरे नेटवर्क को इंसुलेटेड कंडक्टर नेटवर्क में बदलने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था। डिस्कॉम ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली सरकार के विद्युत विभाग को सौंपा था, जिसे मंजूरी के लिए विभाग ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट में रखा। गौरतलब है कि डिस्कॉम (टीपीडीडी एल, बीआरपीएल और बीवाईपीएल) द्वारा दिल्ली के अपने संबंधित वितरण क्षेत्रों में 11 केवी नेटवर्क का रखरखाव किया जाता है। इसलिए इसका ब्यौरा उपलब्ध कराने के लिए इस मामले को बैठक में डिस्कॉम के साथ उठाया गया था। डिस्कॉम द्वारा दिल्ली में कुल 2264 किलोमीटर लंबाई के बेयर कंडक्टर नेटवर्क को इंसुलेटेड नेटवर्क में बदला जाना है। जिसमें डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाली टीपीडीडीएल कंपनी 1270 किलोमीटर, बीवाईपीएल कंपनी 29 किलोमीटर और बीआरपीएल कंपनी 965 किलोमीटर बेयर कंडक्टर नेटवर्क को इंसुलेटेड नेटवर्क में बदलेगी। वहीं, वित्त विभाग ने पहले ही ‘जगमगती दिल्ली’ प्रोग्राम के तहत 11 केवी नेटवर्क को बेयर कंडक्टर से इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने के लिए बिजली विभाग को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 25 करोड़ रुपए दे दिया है।विद्युत विभाग द्वारा जिन क्षेत्रों में 11 किलोवाट बेयर कंडक्टरों का इंसुलेटेड कंडक्टरों में बदला जाता है, उसे चिन्हित किया गया है। इसमें नियमित अनधिकृत कॉलोनियों या शहरीकृत गांव व पुनर्वास कॉलोनियां या ग्रामीण क्षेत्र में 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत स्थापित कालोनियां या ग्रामीण क्षेत्र, जैसे लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा या नाम और पंजीकरण संख्या के साथ अनधिकृत कॉलोनी और संबंधित राजस्व गांव या क्षेत्र का खसरा नंबर, जिससे 11 केवी बेयर कंडक्टर गुजर रहे हैं, शामिल है। दिल्ली सरकार का बिजली विभाग प्रस्तावित कार्य को पूरा करने के लिए संबंधित डिस्कॉम को स्वीकृति पत्र जारी करेगा और विद्युत वितरण कंपनियां 11 केवी बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने के लिए आवश्यक होने पर संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त करेंगी। दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) प्रोजेक्ट के कार्य पूरा होने से पहले और बाद की तस्वीरों के साथ सत्यापन निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और यह प्रमाणित करेगा कि निर्धारित मानदंडों, नियमों और शर्तों के अनुसार कार्य किया गया है, जिसके बाद बेयर कंडक्टर को इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने वाली विद्युत वितरण कंपनी को धनराशि जारी की जाएगी। दिल्ली सरकार की तरफ से 11 केवी बेयर कंडक्टर का इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने के लिए फंड दिया जाएगा। दिल्ली सरकार ग्रामीण क्षेत्र में 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत स्थापित कॉलोनियों के मामलों में, अन्य ग्रामीण क्षेत्रों, जैसे लाल डोरा क्षेत्र और विस्तारित लाल डोरा क्षेत्र में, फार्म हाउस मालिकों के अलावा अन्य किसानों के संबंध में, शहरीकृत गांव और पुनर्वास कॉलोनियों सहित नियमित अनधिकृत कॉलोनियों के मामलों में 11 केवी बेयर कंडक्टर के रूपांतरण की लागत का 100 फीसद खर्च का वहन करेगी। इसके अलावा, अनधिकृत कॉलोनियों के संबंध में ब्रदर कंडक्टर से इंसुलेटेड कंडक्टर में बदलने की लागत का 100 फीसद खर्च दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।दिल्ली सरकार दिल्ली वालों की जान-माल की सुरक्षा को लेकर हमेशा से गंभीर रही है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ‘जगमगाती दिल्ली’ प्रोग्राम के तहत दिल्ली की गलियों में लटकते तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाएगी। इस पर काम चल रहा है और चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के दौरान प्रोजेक्ट के अंतर्गत लटकते तारों को अंडरग्राउंड किया गया है। इसी तरह, बाकी दिल्ली को भी लटकते तारों के जंजाल से छुटकारा दिलवाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है। आने वाले समय में दिल्ली की गलियों में लटकते हुए तार नहीं दिखेंगे। जिसके बाद हमेशा के लिए बिजली से दुर्घटना की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।