जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है. यहां पुलवामा के पास एक सैंट्रो गाड़ी में IED (इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस) प्लांट की गई थी, जिसकी समय रहते हुए पहचान कर ली गई. बम डिस्पोज़ल स्क्वायड ने वक्त रहते ही इस बम को डिफ्यूज़ कर दिया. पुलवामा पुलिस, सीआरपीएफ और आर्मी ने एक साथ एक्शन लेते हुए इस गाड़ी की पहचान की और इसमें IED के होने का पता लगाया. तभी बम डिस्पोज़ल स्क्वायड को बुलाया गया और अंतत: इस IED ब्लास्ट को टाल दिया गया. बताया जा रहा है कि गाड़ी को हिज्बुल मुजाहिद्दीन का एक आतंकी चला रहा था, जो कि शुरुआती गोलीबारी के बाद ही भाग गया.
अंधेरे में आतंकी भाग खड़ा हुआ. इस केस को अब NIA को सौंपा जा रहा है. इस गाड़ी को पुलवामा के रजपुरा रोड के पास शादीपुरा में पकड़ा गया. सफेद रंग की सैंट्रो कार में टू व्हीलर की नंबर प्लेट लगाई गई थी, जो कि कठुआ की रजिस्टर्ड थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे ट्रैक किया, जिसके बाद बम की तलाश की गई. बम डिस्पोज़ल यूनिट को बुलाने से पहले आसपास के इलाके को खाली कराया गया.आपको बता दें कि इससे पहले पिछले साल जो पुलवामा में आतंकी हमला किया गया था, वह भी इसी तरह का था. जिसमें एक गाड़ी में बम रखा गया था और उसे CRPF के काफिले में घुसा दिया गया था, फरवरी 2019 में हुए उस आतंकी हमले में करीब 45 जवान शहीद हो गए थे. गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में आतंकियों की ओर से कई तरह की कोशिशें जा रही है, कि जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग किया जाए. कई बार बड़े आतंकी हमले की रचना भी रची गई, लेकिन हर बार भारतीय जवानों ने इन मंसूबों को फेल कर दिया.इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में जहां पर भी आतंकी छुपे हैं, वहां पर घुसकर एनकाउंटर किया जा रहा है. यही कारण है कि आतंकियों को अपनी ज़मीन खिसकती हुई दिख रही है.बीते दिन भी भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस ने मिलकर कुलगाम में एक ऑपरेशन चलाया था, काफी घंटे तक चले इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था. इसी महीने भारतीय सुरक्षाबलों ने हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू को ढेर किया है.