संवाददाता : बीसीसीआई का काम देखने के लिये उच्चतम न्यायालय के प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति नियुक्त करने के फैसले की प्रशंसा करने के बाद अनुभवी प्रशासक आई एस बिंद्रा ने आज अपने अनुभव साझा किये ताकि भारतीय क्रिकेट के ‘नये रक्षक’ बीते समय से सीख ले सकें। बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘‘भारतीय क्रिकेट की दशा पर मेरे कुछ हालिया ब्लॉग में, मैंने उन गिद्धों की बात की जिन्होंने पिछले दशकों में खेल को गंभीर रूप से बदनाम किया। ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं खुश हूं कि मेरे लिखने से असर हुआ है क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी के चार दशक क्रिकेट प्रशासन में बिताये हैं। ’’ बिंद्रा ने लिखा, ‘‘इसलिये भारतीय क्रिकेट के नये प्रशासक बीते समय से सीख ले सकते हैं और वही करें जो लाखों क्रिकेट प्रशंसक चाहते हैं – भारतीय क्रिकेट को सुशासन और उच्च वैश्विक मानकों में परिवर्तित करें। ’’ बिंद्रा कई वषरें तक पंजाब क्रिकेट संघ :पीसीए: में प्रशासक रहे हैं और उन्होंने दो विशेष घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘‘2000 में दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने मैच फिक्सिंग की बात स्वीकार की थी और मैंने भारतीय क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का खुलासा किया था तब मुझ पर बोर्ड को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था। बाद में हुई घटनाओं में मेरा साहसिक पक्ष सही निकला। ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘दूसरी बार जब बीसीसीआई में मेरे प्रतिद्वंद्वियों ने मोहाली में पीसीए के लिये जमीन हासिल करने के लिये राजनीतिक दबाव से मेरे खिलाफ जांच शुरू करायी थी। लेकिन भाग्यशाली रहा कि सीबीआई ने मेरा पक्ष सही ठहराया और यह उच्चतम न्यायालय में भी कायम रहा। ’’
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