अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने भाजपा को 30 निजी कंपनियों द्वारा चंदे के रूप में मिले 335 करोड़ रुपयों को हफ्ता वसूली बताया है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2018 से 2023 तक 30 निजी कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी, ताकि जांच का डर दिखाकर भाजपा इन कंपनियों से चंदा हासिल कर सके। इसके बाद इन कंपनियों से भाजपा ने 335 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया। कांग्रेस ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र में भाजपा से चंदा लूटने के इन संदिग्ध लेन-देन की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए खुली बहस की चुनौती दी है।
इस खुलासे के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर कहा कि देश में प्रधानमंत्री वसूली भाई की तरह ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर चंदे का धंधा कर रहे हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि मध्यप्रदेश की एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही भाजपा को चंदा दिया। मित्र की कंपनी को बेईमानी से फायदा और बाकियों के लिए अलग कायदा है। मोदी राज में भाजपा को दिया अवैध चंदा और इलेक्टोरल बॉन्ड ही ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस की गारंटी है।जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कांग्रेस पर आर्थिक हमले किए जा रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिस तरह से 2016 में नोटबंदी हुई थी, उसी तरह अब मोदी सरकार कांग्रेस के खिलाफ खाता बंदी अभियान चला रही है। कांग्रेस के सभी बैंक खातों को बंद करने की कोशिश की जा रही है, यह उत्पीड़न की राजनीति और प्रतिशोध की राजनीति को दर्शाता है। लेकिन कांग्रेस डरने वाले नहीं हैं, कांग्रेस इसका डटकर मुकाबला करेगी। जयराम रमेश ने खुलासा करते हुए कहा कि अब सामने आया है कि देश की निजी कंपनियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, ताकि भाजपा द्वारा उन कंपनियों से चंदा लिया जाए, हफ्ता वसूली की जाए। कांग्रेस के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के पत्र का हवाला देते हुए जयराम रमेश ने कहा कि साल 2018-2023 के बीच चार वर्षों में करीब 30 निजी कंपनियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की जांच की शुरुआत हुई थी। इन 30 कंपनियों के नाम चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी मौजूद है। फिर इन्हीं कंपनियों से पिछले चार साल में भाजपा को 335 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इनमें कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो वर्ष 2018 से पहले कभी भाजपा को चंदा नहीं देती थीं, मगर 2018 के बाद उन्होंने चंदा देना शुरू किया। कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो कांग्रेस को चंदा देती थी, जांच शुरू होने के बाद उन्होंने कांग्रेस को चंदा देना बंद कर दिया। यह साफ़ दर्शाता है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की जांच का मूल मकसद हफ्ता वसूली था। उन्होंने इसे ब्लैकमेल की राजनीति की एक मिसाल बताया और जांच की मांग की है।जयराम रमेश ने कहा कि इन कंपनियों ने कुछ गड़बड़ी की है तो इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जांच एजेंसियों की धमकी देकर इन कंपनियों से चंदा लेना, यह बड़ी बात है। मोदी सरकार की नीति एक कंपनी को फायदा और बाकी कंपनियों को पीड़ा देना है। ये लोकतंत्र के खिलाफ है। यह बिल्कुल साफ है कि सत्ता में लौटने के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा कुछ भी गैरकानूनी कदम लेने के लिए तैयार हैं। मोदी सरकार से पूछते हुए जयराम रमेश ने कहा कि जिस तरह मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र प्रकाशित किया था, क्या उसी तरह सरकार हफ्ता वसूली पर श्वेत पत्र प्रकाशित करेगी। भाजपा सरकार कहती है कि उनकी फंडिंग में पारदर्शिता है, तो क्या चुनाव आयोग की वेबसाइट से न्यूज़ पोर्टल ने जो जानकारी ली है, सरकार उसका खंडन करेगी। अगर सरकार की नीयत साफ है तो क्या वह सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच स्वीकार करेगी। आंदोलनकारी किसानों पर हरियाणा में रासुका लगाए जाने पर जयराम रमेश ने कहा कि किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की घोषणा भी हुई है। प्रधानमंत्री जेल जवान, जेल किसान का नारा दे रहे हैं। आगामी चुनाव में बहुमत दिखाई नहीं देने से मोदी सरकार बौखलाई और घबराई हुई है। कांग्रेस के खाते बंद करना, निजी कंपनियों को तंग करना और किसानों को जेल में डालने का यही कारण है।
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