अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:चंडीगढ़ के निगम चुनाव में सबसे ज्यादा सीट (14) जीतने के बावजूद आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार अंजू कटियाल को मेयर नहीं बना सकी। कांग्रेस पार्षद हरप्रीत कौर बाबला ने चुनाव के कुछ दिन बाद भाजपा का दामन थाम लिया और आम आदमी पार्टी के 14 में से एक वोट को अवैध मानते हुए भाजपा के उम्मीदवार सरबजीत कौर को मेयर घोषित कर दिया गया।
डॉ. सारिका वर्मा आम आदमी पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रजातंत्र की हार है। ऐसा मालूम होता है, वर्ष 2014 के बाद चुनाव तो होते हैं लेकिन बीजेपी बहुमत लिए बिना ही सत्ता में आ रही है- चाहे वह गोवा हो, मणिपुर हो या मध्य प्रदेश। गुरुग्राम के वर्ष 2017 निगम चुनाव में भी आजाद उम्मीदवारों को परिणाम के बाद भाजपा में शामिल किया गया और भाजपा की मेयर घोषित की गई। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को वोट देकर भाजपा को ही मजबूत किया जा रहा है क्योंकि जीतने के बाद कांग्रेस के पार्षद और विधायक तुरंत भाजपा में शामिल हो जाते हैं। वैसे भी भाजपा के आधे से ज्यादा चेहरे कांग्रेस से ही आए हैं। मुकेश डागर जिला अध्यक्ष आम आदमी पार्टी ने कहा लोकतंत्र के सभी स्तंभ अपना कर्तव्य पालन छोड़ चुके हैं। मीडिया ऐसे मुद्दे जोर शोर से उठाता नहीं, न्यायालय ऐसे विषयों को गंभीर रूप से मान्यता नहीं देते और धीरे धीरे चुनाव तो हो रहे हैं लेकिन सरकार एक ही पार्टी बनाई जा रही है। जनतंत्र में जनमत की आवाज को भाजपा सरकार कुचल रही है। एक तरफ भारत अपनी आजादी का 75 वा अमृत उत्सव मना रहा है लेकिन दूसरी तरफ प्रजातंत्र कि धीरे-धीरे हत्या हो रही है और हम सब खामोश बैठे हैं।
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