अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी किसानों को बुवाई के समय डीएपी, सिंचाई के समय यूरिया और कटाई के समय एमएसपी देने में हमेशा नाकाम साबित हुई है। यही वजह है कि बार-बार अपनी मांगों को लेकर किसानों को आंदोलन करना पड़ता है। लेकिन सरकार किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। जबकि पिछली बार आंदोलन खत्म करवाते हुए सरकार ने एमएसपी के लिए बाकायदा एक कमेटी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं और वह सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं।
हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों को जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी को प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने या अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन बीजेपी सरकार किसानों से यह अधिकार छीनना चाहती है। जबकि किसानों ने सरकार के बात मानते हुए बिना ट्रैक्टर-ट्राली के दिल्ली जाने की बात मान ली है। ऐसे में उनको रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार विज्ञापनों में 24 फसलों पर एमएसपी देने की बात कहती है। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में कुल 24 फसलें होती ही नहीं है और जो फसलें होती हैं, उन पर किसानों को कभी एमएसपी नहीं मिलती। धान का उदाहरण सभी के सामने है। चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने किसानों को 3100 रु धान का रेट देने का ऐलान किया था। लेकिन चुनाव के बाद सरकार अपने वादे को भूल गई और किसानों को एमएसपी तक नहीं मिल पाई।लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संभल जाने से रोकने को भी हुड्डा ने आलोकतंत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उसकी बात को सुना जाना चाहिए। राहुल गांधी अकेले पीड़ित परिवारों से मिलने जाना चाहते थे। बावजूद इसके उनको रोकना पूरी तरह उनके संवैधानिक अधिकारों की अवहेलना है।निकाय चुनावों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि हर बार बीजेपी निकाय चुनाव में देरी करती है। कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।
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