संवाददाता हरियाणा : हरियाणा में चल रहे जाट आरक्षण आंदोलन के बीच भाजपा विधायकों ने ही अपनी सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। आंदोलन को काबू करने के लिए सरकार ने छह मंत्रियों को फील्ड में उतार रखा है। दूसरी आेर, भाजपा के छह गैर जाट विधायकों ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इन विधायकों को अपने काम नहीं होने पर तो ऐतराज है ही, साथ ही उन्होंने सरकार के पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था के दावे पर भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाले इन विधायकों में अधिकतर दक्षिण हरियाणा के हैं। इनमें कुछ विधायक केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत समर्थक बताए जाते हैैं। ये विधायकचंडीगढ़ में थे और विधानसभा की विभिन्न कमेटियों की मीटिंग में भागीदारी करने के अलावा कार्यकर्ताओं के कामकाज के उद्देश्य से यहां आए हुए थे।
ये भाजपा विधायक चंडीगढ़ में दक्षिण हरियाणा के ही एक विधायक के आवास पर मंगलवार रात को इकट्ठा हुए और रात्रिभोज किया। करीब तीन घंटे की मंत्रणा के बाद इन विधायकों ने कुछ बड़े भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेजों का आदान प्रदान भी किया, जिन्हें इस बार के बजट सत्र में उठाए जाने की संभावना है।
विधायकों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उनके छोटे-मोटे काम, ट्रांसफर-पोस्टिंग और कुछ विशेष फाइलों को मेरिट और पारदर्शिता का बहाना बनाकर रोक दिया जाता है, जबकि बिल्डरों पर खास मेहरबानी बरती जा रही है। गुरुग्राम नगर निगम की करीब 400 एकड़ जमीन निजी कंपनी को ट्रांसफर करने के मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा हुई, जिसे विधानसभा में भी उठाया जा सकता है।
इसके अलावा विभिन्न बिल्डर्स को दिए जा रहे सीएलयू के मामलों पर इन विधायकों ने चर्चा की। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत आवंटित लाइसेंसों पर भी सवाल खड़े किए गए। बिजली विभाग के भ्रष्टाचार पर विधायकों ने अधिकारियों की पोल खोलने का निर्णय लिया है।