अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के राज्यसभा सदस्य; गोविंद सिंह डोटासरा, अध्यक्ष, पीसीसी, राजस्थान और राहुल कस्वां, सांसद, लोकसभा ने आज राजा जी मार्ग, नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया। (गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा राहुल कस्वां का कांग्रेस का अंगवस्त्र पहनाकर कांग्रेस में स्वागत किया गया) राहुल कस्वां ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी लोकसभा चूरू की जनभावनाओं के अनुरूप आज मैं कांग्रेस पार्टी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, खरगे साहब का, श्रीमती सोनिया गांधी का, राहुल गांधी का और साथ ही साथ में हमारे राजस्थान के कांग्रेस के अध्यक्ष डोटासरा साहब का, जूली साहब का, रंधावा जी का कि आज उन्होंने मुझे कांग्रेस के अंदर शामिल किया, इस परिवार का मुझे हिस्सा बनाया है। मैं इस उपलक्ष पर में देश के प्रधानमंत्री का धन्यवाद देना चाहता हूं, दस साल उनके नेतृत्व में मुझे मिली लोकसभा क्षेत्र के लोगों की जनता का सेवा करने का मुझे एक मौका मिला है। आज कांग्रेस पार्टी के अंदर शामिल होने पर मेरी लोकसभा के अंदर जनभावनाएं जिस रुप में थी, किसान कौम जिस रूप से परेशान थी, उसकी आवाज को दबाया जा रहा था, सामंतवादी सोच के लोगों की जो सोच थी, वो आगे बढ़ती जा रही थी और किसान की आवाज को अनसुना किया जा रहा था। ऐसे अनेकों मुद्दे रहे, जिन मुद्दों के ऊपर मैंने आज कांग्रेस पार्टी के परिवार का हिस्सा बनने की, मेरी लोकसभा के मेरे जो कार्यकर्ता हैं, मेरे लोगों की आवाज को सुनते हुए आज मैं इस पार्टी के परिवार में शामिल हुआ हूं।
मैं बहुत-बहुत धन्यवाद खरगे साहब आपको देना चाहता हूं। कांग्रेस पार्टी में रहकर मैं मेरे लोकसभा के क्षेत्र के लोगों की आवाज को और मजबूती से उठाता रहूँगा और क्षेत्र के अंदर विकास कार्यों को कराने में आगे काम करता रहूंगा। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राहुल कस्वां जी को आज कांग्रेस पार्टी में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे साहब ने शामिल कराया है और हम लोग, राजस्थान के लोग जो किसान परिवारों से आते हैं, काफी समय से जिस प्रकार से केंद्र की सरकार किसानों के खिलाफ काम कर रही थी, जो तीन काले कानून लाए गए और उसके बाद में समझौता करके फिर समझौते से मुकर गए और जो हमारी बहनों के साथ, रेसलरों के साथ में जिस प्रकार से बर्ताव किया गया, तो पूरा राजस्थान का, हिंदुस्तान का पूरा किसान वर्ग भारतीय जनता पार्टी की गलत नीतियों से त्रस्त था, परेशान था और हद हो गई जब राहुल कस्वां जी को जिस प्रकार से टॉर्चर किया गया, किसान के बेटे के रूप में और जब इन्होंने समय-समय के ऊपर केंद्र के भाजपा के नेतृत्व को किसान के मुद्दे उठाने की बात की, तो इनको उन मुद्दों को उठाने की इजाजत भी नहीं मिली और उसका कोई जवाब भी नहीं दिया गया। तो मैं समझता हूं कि जब बात आई कि किसान का बेटा परेशान है, सेवा करना चाहता है और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को आत्मसात करते हुए उसको आगे बढ़ाना चाहता है और जो राहुल गांधी जी की जो हमारी यात्रा है, इनके मुद्दों से प्रभावित होकर हमारे राहुल कस्वां जी जो चूरू से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं, ये दो बार से सांसद हैं, उनके पिता जी चार बार रहे, इनके दादा रहे, इनकी माता जी कांग्रेस की एमएलए रही हैं मेरे साथ 2008 से 2013 में। तो ये 50 साल से राजनीति में रहकर सेवा कर रहे थे और किसान कौम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे थे। माता-बहनो को आगे बढ़ाने का काम कर रहे थे। उनको जब परेशान किया गया और केंद्र की किसान विरोधी नीतियों को देखकर इन्होंने जब हमसे चर्चा की, तो हमने माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से और राहुल गांधी जी से आग्रह किया और आज हमें सफलता मिली कि राहुल कस्वां जी को कांग्रेस परिवार का हिस्सा आज खरगे साहब ने बनाया है। मैं मजबूती के साथ कह सकता हूं कि राजस्थान में कांग्रेस और ज्यादा मजबूत होगी। कल कुछ लोग कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में गए थे, लेकिन वो सारे के सारे लोग जिनका अब जनाधार नहीं बचा है, जो हार चुके हैं, जो वर्तमान में किसी पद के ऊपर नहीं हैं, वो गए हैं और आज हमारे सामने, कल भी हमारे हरियाणा के एमपी, सांसद वो कांग्रेस में शामिल हुए और आज किसान परिवार, किसान के बेटे आए और फिर लगातार पांच, छह बार एमपी रहना उस परिवार का और खुद का दो बार एमपी रहना, ये किसानों के खिलाफ केंद्र की जो नीति है, जो दमनकारी नीति है, उससे परेशान होकर हमारे साथ में, कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हैं। मैं इनका हार्दिक स्वागत करता हूं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राजस्थान के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जी और रंधावा साहब और सीएलपी के लीडर जूली जी और आज जो हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं राहुल कस्वां जी और पूरे हमारी पार्टी के साथियों।मैं ज्यादा इस वक्त बोलना नहीं चाहता, फिर एक-डेढ़ घंटे में आपसे मैं मिल रहा हूं कांग्रेस ऑफिस में, वहां पर जो डिटेल में बातें होंगी और कुछ आपको पूछना है, तो वहां मुझसे आप पूछ सकते हैं। यहां पर सिर्फ हम राहुल जी, जो पार्टी में शामिल हो गए, उसका इनको मैं धन्यवाद देने के लिए और अभिनंदन देने के लिए यहां आया हूं और मुझे खुशी है कि उनको हमने जो शामिल कर लिया। उन्होंने ये भी कहा कि अपने किसान के मुद्दों को लेकर और जो सामंतवादी लोग हैं, उनके खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी को जॉइन किया है और ये अच्छी बात है कि ऐसी विचारधारा के लोग अगर पार्टी के साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़ते गए, तो समझिए बीजेपी कहीं की भी नहीं रहेगी, लेकिन आज हमको ये भी देखना है कि जो मोदी जी खुद अनेक भाषाओं में स्पीच दे रहे हैं भाषणों में कन्नड़ से लेकर तमिल तक, तमिल से लेकर गुजराती, खैर गुजराती तो है ही है, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हर चीज पर वो अपनी मास्टरी करना चाहते हैं। जब उन्होंने पहले से ही लोगों को डराना, धमकाना, क्या करना, ये तो वो पहले से ही करते आए हैं, अभी भी वो ही एक अपना रुख रखे हैं, इसीलिए ऐसे लोगों की हमारी पार्टी में जरूरत है और दूसरी चीज इनके बारे में मैंने सभी से कंसल्ट करके ही पार्टी में लिया गया है। तो मैंने प्रदेश अध्यक्ष जी से पूछा, हमारे सीएलपी लीडर को भी पूछा, तो उनसे कहने लगा, फिर रंधावा जी तो पहले ही तैयार थे, फिर उसके बाद में राहुल गांधी जी से पूछा, सोनिया गांधी जी से पूछा और गहलोत से पूछा, पायलट से पूछा, जितने भी लीडर्स हैं, उनसे मैं तमाम दो दिन से बात करके तय किया और मैंने कल मैडम गांधी से भी बात की कि मैं एक बजे उनको शामिल कर लेने वाला हूं, इसीलिए आपकी अनुमति चाहता हूं।क्योंकि कंसेंसस बनना इस दृष्टि से है, शामिल करना ये हमारा काम है, हम कहेंगे, लेकिन फिर भी एक कंसेंसस बनाना पार्टी में, यूनिटी रहना। कोई हां बोले, कोई न बोले, ये नहीं होना समझकर हमने सबसे बात करके सभी नेताओं ने यस कहा। तो फिर हमने उनको इत्तला दी और मुझे खुशी है कि वो खुद आए हैं और पीसीसी प्रेसिडेंट, सीएलपी लीडर, इंचार्ज सेक्रेटरी, सभी ने मिलकर उनके आगमन का स्वागत किया है। इसीलिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं। आपको भी हमने यहां पर बुलाकर थोड़ी सी तकलीफ दी, क्योंकि आप फिर वहां आएंगे, इसीलिए मैं ज्यादा कुछ न कहते हुए इतना ही कहूंगा उनको भी मैं अभिनंदन करता हूं और आगे पार्टी में जिन उसूलों के लिए आप आए हैं, उन उसूलों पर आपको खड़ा होना होगा, लड़ना होगा, इस सामंतवादी लोगों के खिलाफ, यही मेरी इच्छा है।
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