अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज आगरा (उत्तर प्रदेश) में ‘चिकित्सक (कोरोना वॉरियर्स) सम्मलेन’ को संबोधित किया। सम्मलेन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष एवं प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह भी उपस्थित थे. इससे पूर्व, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज आगरा में संगठनात्मक बैठक को भी संबोधित कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोरोना वॉरियर्स के काम की तारीफ करते हुए कहा कि डॉक्टर कभी कॉकपिट से बाहर नहीं निकल पाते हैं. डॉक्टर्स के सेवाभाव को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता है. उनका संतोष ही उनका सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है. आप सब लोग बधाई और शाबाशी के पात्र हैं। आप सबने मानवता की जो सेवा की है उसे कोई सर्टिफिकेट नहीं दे सकता। क्योंकि जिस तरह से आप काम में जुटते हैं, इसका अहसास बहुत कम लोग कर सकते हैं.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारी संगठन की शक्ति के मजबूत आधार, बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ता हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विकास योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया है. भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि 2 लाख गांवों में हेल्थ वॉलंटियर्स तैयार करेंगे। अभी तक हमने लगभग 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स डिजिटली रजिस्टर करा लिया है। इस 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स में 20 हजार डॉक्टर्स हैं. हर बूथ पर हेल्थ वॉलंटियर्स की ट्रेनिंग चल रही है। हम हर बूथ पर दो हेल्थ किट दी जाएंगी जिसमें एक ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, इम्यूनिटी बूस्टर, एंटीजन टेस्ट किट सहित अन्य जरूरी चीजे होंगी. इस अगस्त महीनें के अंत तक 2 लाख गांवों में 4 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स भाजपा तैयार करेगी। ताकि कभी अगर कोई तीसरी लहर आए, तो भाजपा के 4 लाख वॉलंटियर्स, समय पर फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के रूप में अपने बूथ की, गांव की सेवा कर सकें. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीति में काम करते करते समाज में इतनी उदासीनता आती जाती है कि जनता सोचने पर विवश हो जाती है कि राजनीति में कोई आए, कोई जाये, क्या फर्क पड़ता है.
लेकिन सत्य यही है कि राजनीति में अच्छे लोगों के आने का और बुरे लोगों के जाने का असीम फर्क पड़ता है. 2017 में लगभग 50, 0000 लोगों की बीच हमने नई हेल्थ पालिसी पर चर्चाएँ की थीं,50,000 से ज्यादा इसपर सुझाव आए थे. उन सभी उचित सुझावों का समावेश करने के बाद, करीब 15 साल बाद, नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 बनाई गयी. इस समग्र हेल्थ पालिसी में इस बात पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया कि पहली कोशिश यह हो कि एक स्वस्थ आदमी बीमार ही न पड़े और यदि बीमार पड़ भी जाए तो बीमारी को ठीक करने के पहले बीमार के मन को ठीक करो. इस प्रकार, नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 के तहत प्रिवेंटिव, प्रोमोटिव और क्यूरोटिव (निवारक, प्रोत्साहक और उपचारात्मक) हेल्थ केयर का काम आरम्भ हुआ. प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के तहत हमने तय किया कि देश में विद्यमान 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को 7-8 साल के भीतर हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में बदल डालें जहां हर लोगों को एक प्रोफाइल तैयार हो सके जिससे समय पर उनका उचित उपचार हो सके. यह गर्व की बात है आज अस्सी हजार स्वस्थ उपकेंद्रों पर हेल्थ एंड वेलनेस का काम शुरु हो चूका है और 2022 तक लक्ष्य है की पूरे 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में
तब्दील कर दिया जाएगा.
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